आधुनिक जीवनशैली, प्रदूषण और खराब खानपान को अक्सर बालों की समस्याओं का कारण माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में भी बालों की सेहत को ग्रहों की स्थिति से जोड़ा गया है? खासकर सूर्य (Sun) और केतु (Ketu) जैसे ग्रहों का आपकी कुंडली में गलत स्थान पर होना बाल झड़ने, सफेद होने या गंजेपन का कारण बन सकता है।
सूर्य और बालों का संबंध:
ज्योतिष में सूर्य को आत्मा, शक्ति और स्वास्थ्य का कारक माना गया है। यदि कुंडली में सूर्य नीच का हो, शत्रु ग्रहों से पीड़ित हो या छठे, आठवें या बारहवें भाव में स्थित हो, तो यह शरीर की गर्मी बढ़ाता है और बालों की जड़ें कमजोर करता है। इससे बाल रूखे, बेजान हो जाते हैं और झड़ने लगते हैं।
सूर्य की खराब स्थिति व्यक्ति को तनाव, सिर की त्वचा की समस्याएं और यहां तक कि एलोपेसिया जैसी गंभीर बालों की बीमारियों से भी ग्रसित कर सकती है।
केतु और बालों पर प्रभाव:
केतु एक छाया ग्रह है, जिसे विच्छेदन (separation) और रहस्य का प्रतीक माना जाता है। यदि कुंडली में केतु द्वितीय, षष्ठ या अष्टम भाव में हो या सूर्य और शनि जैसे ग्रहों से दृष्ट हो, तो यह व्यक्ति को बालों से जुड़ी दीर्घकालिक समस्याएं देता है। केतु मानसिक तनाव, अज्ञात कारणों से बाल झड़ना और उपचार से लाभ न मिलने जैसी स्थितियाँ पैदा करता है।
केतु का प्रभाव विशेषकर उन लोगों में अधिक देखा गया है जो अचानक बालों का झड़ना या spot baldness जैसी समस्याओं से ग्रसित होते हैं।