Priority to safeguard Indian consumer’s interest: अमेरिका से बातचीत जारी, ट्रंप के दावे पर MEA प्रवक्ता रंधीर जायसवाल का बयान
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर 2025 — Priority to safeguard Indian consumer’s interest को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच चल रही बातचीत रचनात्मक और सतत है। यह बयान तब आया जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया कि भारत कुछ आर्थिक समझौतों पर दबाव में आ गया है।
भारत ने स्पष्ट किया है कि उसकी प्राथमिकता देश के उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है, न कि किसी बाहरी राजनीतिक दबाव में आना। रंधीर जायसवाल ने कहा, “भारत किसी भी अंतरराष्ट्रीय वार्ता में अपनी जनता और उपभोक्ताओं के हित को सर्वोपरि रखता है।”
विदेश मंत्रालय ने दोहराई नीति — Priority to safeguard Indian consumer’s interest
MEA प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक, तकनीकी और व्यापारिक स्तर पर कई वार्ताएं जारी हैं, और इन सभी में “Priority to safeguard Indian consumer’s interest” सर्वोच्च लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ बातचीत में भारत स्पष्ट रूप से यह सुनिश्चित कर रहा है कि किसी भी व्यापार समझौते या निवेश निर्णय में भारतीय उपभोक्ताओं की सुरक्षा, कीमतों की स्थिरता और उत्पाद की गुणवत्ता प्रभावित न हो।
ट्रंप के बयान से उठे सवाल, भारत ने दी सफाई
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपने भाषण में कहा था कि भारत “कई मामलों में अमेरिकी दबाव के आगे झुक गया है” और “नई व्यापार नीति में अमेरिकी हितों को वरीयता दी है।” इस बयान के बाद भारतीय राजनीतिक और आर्थिक गलियारों में हलचल मच गई।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए MEA प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, “भारत किसी भी देश के दबाव में नहीं है। हमारी नीति स्पष्ट है — Priority to safeguard Indian consumer’s interest यानी भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना।”
ट्रंप के दावे के पीछे क्या है पृष्ठभूमि?
दरअसल, हाल के महीनों में भारत और अमेरिका के बीच कुछ विवादास्पद मुद्दे उठे हैं — जैसे डिजिटल ट्रेड, डेटा सुरक्षा, और ई-कॉमर्स नियमन। अमेरिकी प्रशासन और कुछ कंपनियां चाहती हैं कि भारत डेटा लोकलाइजेशन और ऑनलाइन बिक्री पर अपनी सख्ती को कम करे।
भारत ने इन मांगों पर संयम बरतते हुए कहा कि किसी भी नीति परिवर्तन से पहले उपभोक्ताओं की सुरक्षा और स्थानीय उद्योग के हितों पर विचार करना आवश्यक है। यही वजह है कि भारत ने अपने वक्तव्यों में बार-बार दोहराया है — “Priority to safeguard Indian consumer’s interest remains non-negotiable.”
रंधीर जायसवाल का विस्तृत बयान
प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा,
“भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट है — उपभोक्ताओं की सुरक्षा, सस्ती सेवाएं और डेटा गोपनीयता हमारे लिए सर्वोच्च हैं। हम अमेरिका समेत सभी साझेदारों के साथ संवाद में हैं, लेकिन किसी भी समझौते की शर्तें भारत के उपभोक्ता हितों से ऊपर नहीं जा सकतीं।”
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत के बीच कई साझा मुद्दों पर सकारात्मक संवाद जारी है — विशेष रूप से तकनीकी सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा, और डिजिटल व्यापार।
भारत की नीतियों में आत्मनिर्भरता और उपभोक्ता सुरक्षा पर फोकस
भारत की मौजूदा आर्थिक नीतियों में ‘Atmanirbhar Bharat’ और ‘Digital India’ जैसे कार्यक्रमों के तहत उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना मुख्य लक्ष्य है। चाहे ई-कॉमर्स नीति हो या विदेशी निवेश नियम — सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि विदेशी कंपनियां भारतीय उपभोक्ताओं का डेटा सुरक्षित रखें और किसी भी तरह की एकाधिकार प्रवृत्ति से बचें।
इस संदर्भ में “Priority to safeguard Indian consumer’s interest” केवल एक नारा नहीं, बल्कि भारत की नीति की मूल आत्मा बन गया है।
अमेरिका-भारत संबंधों में संतुलन की खोज
हाल के वर्षों में भारत-अमेरिका संबंधों में रणनीतिक सहयोग बढ़ा है। लेकिन आर्थिक मोर्चे पर दोनों देशों के बीच मतभेद भी उभरते रहे हैं। भारत जहां स्थानीय उद्योग और उपभोक्ता सुरक्षा की बात करता है, वहीं अमेरिका खुली बाज़ार नीति और डिजिटल फ्रीडम पर ज़ोर देता है।
रंधीर जायसवाल ने कहा कि भारत किसी भी अंतरराष्ट्रीय वार्ता में “mutual respect and consumer safety first” के सिद्धांत पर चलता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि दोनों देशों के बीच सहयोग की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है, पर भारत की नीति अपने उपभोक्ताओं के हित से कभी समझौता नहीं करेगी।
विश्लेषण: भारत की ‘उपभोक्ता प्राथमिकता’ नीति क्यों अहम है
भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल उपभोक्ता बाजार है। लगभग 80 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ, हर नीति का सीधा प्रभाव नागरिकों पर पड़ता है। ऐसे में “Priority to safeguard Indian consumer’s interest” नीति भारत को विदेशी दबावों से सुरक्षित रखती है और देश के आर्थिक भविष्य को स्थिर बनाती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह रुख दीर्घकालिक रूप से फायदेमंद साबित होगा। इससे न केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि घरेलू कंपनियों को भी प्रतिस्पर्धा में मजबूती मिलेगी।
निष्कर्ष: भारत ने दिया स्पष्ट संदेश — उपभोक्ता हित सर्वोच्च
भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर साबित किया कि देश की विदेश और आर्थिक नीति का केंद्र बिंदु है — Priority to safeguard Indian consumer’s interest।
अमेरिका या किसी अन्य राष्ट्र के साथ संवाद जारी रहेगा, लेकिन निर्णय केवल भारतीय उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर ही लिए जाएंगे।
रंधीर जायसवाल के इस बयान से भारत का रुख साफ हो गया है — कोई भी अंतरराष्ट्रीय समझौता भारतीय जनता के हितों से ऊपर नहीं होगा।