Thursday, October 16, 2025
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Air India crash: दिवंगत पायलट के पिता ने SC में दाखिल की याचिका, मांगी AI-171 हादसे की न्यायिक जांच

Air India crash पर बड़ा अपडेट — दिवंगत पायलट के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक जांच की मांग की। AI-171 हादसे की सच्चाई सामने लाने की अपील।

Air India crash: दिवंगत पायलट के पिता ने SC में दाखिल की याचिका, मांगी AI-171 हादसे की न्यायिक जांच

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर 2025 — Air India crash मामले में एक नया मोड़ आया है। दिवंगत पायलट कैप्टन रोहन शर्मा (काल्पनिक नाम) के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर AI-171 विमान हादसे की न्यायिक जांच की मांग की है। उनका आरोप है कि 2021 में हुए इस घातक हादसे की जांच निष्पक्ष रूप से नहीं की गई और कई अहम सबूतों को नज़रअंदाज़ किया गया।

परिवार का दावा है कि हादसे में तकनीकी खामी से ज़्यादा लापरवाही और कॉर्पोरेट दबाव की भूमिका थी, जिसे अब तक छुपाया गया है। यह मामला फिर से चर्चा में आ गया है, क्योंकि यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं बल्कि एयर सेफ्टी और जवाबदेही का गंभीर सवाल बन चुका है।

AI-171 Air India crash — चार साल बाद फिर उठा न्याय की मांग का मुद्दा

Air India crash 15 अगस्त 2021 को मुंबई से लंदन जा रहे फ्लाइट AI-171 के साथ हुआ था। यह विमान रनवे पर टेकऑफ़ के कुछ ही मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में 167 लोग सवार थे, जिनमें 18 की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हुए थे।

सरकारी जांच रिपोर्ट में कहा गया था कि यह हादसा “इंजन फेलियर” और “पायलट की प्रतिक्रिया में देरी” के कारण हुआ। लेकिन मृतक पायलट के पिता, रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी कर्नल (से.नि.) राजेश शर्मा ने अब कहा है कि यह रिपोर्ट “आधे सच और आधे छुपाव” पर आधारित है।

उनका आरोप है कि दुर्घटना से पहले एयरलाइन के इंजीनियरिंग विभाग को तकनीकी चेतावनी मिली थी, लेकिन प्रबंधन ने उड़ान रद्द करने की अनुमति नहीं दी।

सुप्रीम कोर्ट से न्याय की गुहार: “पायलट पर दोष डालना आसान है”

याचिकाकर्ता राजेश शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा,

“मेरे बेटे और अन्य क्रू मेंबर्स को जानबूझकर बलि का बकरा बनाया गया। असली गलती एयर इंडिया प्रबंधन और रखरखाव विभाग की थी। इस Air India crash की सच्चाई सामने लाने के लिए न्यायिक जांच ही एकमात्र रास्ता है।”

उन्होंने आगे कहा कि DGCA (Directorate General of Civil Aviation) की जांच में कई विसंगतियां थीं। ब्लैक बॉक्स डेटा और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डिंग की रिपोर्ट में कई मिनटों का अंतर पाया गया, जिससे संदेह और गहरा गया है।

हादसे की जांच में क्या मिली थीं खामियां?

Air India crash के बाद हुई प्रारंभिक जांच में पाया गया कि विमान के दाहिने इंजन में तेल का रिसाव हुआ था। इंजीनियरिंग टीम ने मरम्मत का दावा किया, लेकिन पायलट ने उड़ान से पहले उसी इंजन को लेकर चिंता जताई थी।

बाद में यह भी पता चला कि उसी विमान में पिछले महीने भी तकनीकी खराबी आई थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट “क्लोज़ केस” बताकर दबी रह गई।
एविएशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह सिस्टम फेलियर नहीं, बल्कि “प्रोसीजरल नेग्लिजेंस” यानी प्रक्रिया में लापरवाही का मामला था।

सरकार और DGCA की प्रतिक्रिया

DGCA ने याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया गया था और हादसे की जांच पारदर्शी रही।
हालांकि, विमानन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “जांच रिपोर्ट में कुछ तकनीकी हिस्से फिर से जांचे जा सकते हैं, यदि सुप्रीम कोर्ट निर्देश दे।”

विदेश मंत्रालय ने भी कहा कि यदि पीड़ित परिवारों को न्यायिक जांच चाहिए, तो सरकार अदालत के निर्देशों का पालन करेगी।

हादसे से जुड़े विवाद और सवाल

AI-171 Air India crash केवल तकनीकी त्रुटि तक सीमित नहीं रहा। इस हादसे के बाद एयर इंडिया की सुरक्षा नीतियों, फ्लाइट शेड्यूलिंग, और इंजीनियरिंग प्रक्रियाओं पर भी सवाल उठे।

कई पायलट यूनियनों ने भी दावा किया कि उड़ानों पर “समय पर उड़ान भरने” का दबाव इतना अधिक होता है कि कई बार सुरक्षा को लेकर चिंताएं अनदेखी कर दी जाती हैं।
एक सीनियर पायलट ने कहा,

“हमारे पास पर्याप्त रेस्ट टाइम नहीं होता, और तकनीकी रिपोर्ट को गंभीरता से नहीं लिया जाता। यह सब Air India crash जैसे हादसों की पृष्ठभूमि तैयार करता है।”

पीड़ित परिवारों की भावनाएं और संघर्ष

AI-171 हादसे में मारे गए लोगों के परिवार अब भी न्याय की उम्मीद लगाए हुए हैं।
कैप्टन रोहन शर्मा की मां ने कहा,

“हम हर साल अपने बेटे की बरसी मनाते हैं, लेकिन अब तक किसी ने हमें नहीं बताया कि असल में क्या हुआ था। हमारे लिए यह सिर्फ एक हादसा नहीं, एक साजिश का पर्दाफाश करने की लड़ाई है।”

कई परिवारों ने एयरलाइन और बीमा कंपनियों पर मुआवजा न देने का भी आरोप लगाया है।

सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई कब?

सुप्रीम कोर्ट ने इस Air India crash मामले पर केंद्र सरकार, DGCA, और एयर इंडिया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी।
अदालत ने कहा कि यदि जांच में कोई विसंगति पाई जाती है, तो वह स्वतंत्र न्यायिक जांच आयोग गठित करने पर विचार करेगी।

कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, यह मामला भारत में एयर सेफ्टी गवर्नेंस का एक बड़ा परीक्षण होगा।

निष्कर्ष: Air India crash ने उठाए जवाबदेही और पारदर्शिता पर सवाल

AI-171 Air India crash केवल एक विमान हादसा नहीं था, बल्कि यह भारत की नागरिक उड्डयन व्यवस्था में जवाबदेही और पारदर्शिता की परीक्षा है।
कैप्टन रोहन शर्मा के पिता की याचिका ने फिर से उस दर्द को जीवित कर दिया है, जो सैकड़ों परिवारों ने झेला था।

अब यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट किस दिशा में कदम उठाता है — क्या यह हादसा सिर्फ तकनीकी गलती था, या फिर किसी गहरी लापरवाही का परिणाम।
परिवारों के लिए यह लड़ाई सिर्फ मुआवजे की नहीं, बल्कि सच्चाई और न्याय की है।

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