जन्माष्टमी का पर्व क्यों खास है?
जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भक्तजन उपवास रखते हैं, व्रत करते हैं और रात को बारह बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से पाप कटते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह व्रत हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है? कुछ लोगों को यह व्रत रखने से बचना चाहिए क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य और दिनचर्या पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
कौन लोग जन्माष्टमी का व्रत न रखें?
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गर्भवती महिलाएं
गर्भावस्था के दौरान लंबे समय तक भूखे रहना मां और शिशु दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि गर्भवती महिलाएं व्रत न रखें। अगर श्रद्धा है, तो हल्का फलाहार लेकर व्रत जैसा नियम निभा सकती हैं। -
शुगर के मरीज
डायबिटीज के मरीजों के लिए लंबे समय तक भूखे रहना खतरनाक हो सकता है। इससे शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव आता है, जिससे कमजोरी, चक्कर या बेहोशी जैसी समस्या हो सकती है। -
बुजुर्ग और कमजोर लोग
जिनकी उम्र ज्यादा है या जिनका शरीर कमजोर है, उन्हें भी व्रत नहीं रखना चाहिए। क्योंकि उपवास के दौरान शरीर को एनर्जी की जरूरत होती है और बुजुर्ग लोगों को यह कमजोरी दे सकता है। -
बीमार और दवाई लेने वाले लोग
यदि कोई गंभीर बीमारी से जूझ रहा है और नियमित दवाइयां ले रहा है, तो व्रत रखने से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। खासकर ब्लड प्रेशर या हार्ट के मरीजों को व्रत से बचना चाहिए।
अगर व्रत नहीं रख सकते तो क्या करें?
यदि किसी कारण से आप व्रत नहीं रख सकते तो निराश होने की जरूरत नहीं। भगवान श्रीकृष्ण भक्ति और सच्चे मन से प्रसन्न होते हैं। आप दिनभर भजन-कीर्तन करें, पूजा करें और फलाहार लें। गरीबों को भोजन कराएं और दान करें। इससे भी भगवान की कृपा बनी रहती है।
शास्त्र क्या कहते हैं?
धार्मिक ग्रंथों में भी स्पष्ट कहा गया है कि जहां स्वास्थ्य पर असर पड़ता हो, वहां कठोर व्रत नहीं करना चाहिए। भगवान भक्ति में भावना और श्रद्धा को अधिक महत्व देते हैं, न कि सिर्फ नियमों को।