Noida International Airport Security: CISF ने संभाली कमान
ग्रेटर नोएडा के जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) उत्तर भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनने जा रहा है। इसके उद्घाटन से पहले ही Noida International Airport Security की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने संभाल ली है। इस फैसले को यात्रियों और निवेशकों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। शुरुआती चरण में 120 जवानों को एयरपोर्ट पर तैनात किया गया है, जो परिधि सुरक्षा, प्रवेश नियंत्रण और गेट चेकिंग का जिम्मा संभालेंगे।
Noida International Airport Security क्यों है अहम
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट न सिर्फ दिल्ली-एनसीआर बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए गेम-चेंजर साबित होगा।
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यह एयरपोर्ट ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है और इसका निर्माण अंतरराष्ट्रीय मानकों पर किया जा रहा है।
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एयरपोर्ट का पहला चरण पूरा होने के करीब है और जल्द ही यहां से उड़ानें शुरू होंगी।
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अनुमान है कि शुरुआती सालों में ही एयरपोर्ट से सालाना 1.2 करोड़ यात्री यात्रा करेंगे।
इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों और अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशंस को देखते हुए सुरक्षा को लेकर कोई भी ढिलाई नहीं बरती जा सकती। यही कारण है कि CISF को यह जिम्मेदारी दी गई है।
Noida International Airport Security: CISF जवानों की जिम्मेदारियाँ
CISF एयरपोर्ट सुरक्षा में विशेषज्ञ मानी जाती है और देशभर के 60 से अधिक हवाई अड्डों पर पहले से ही इसकी तैनाती है। जेवर एयरपोर्ट पर CISF जवानों को कई अहम जिम्मेदारियाँ दी गई हैं:
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प्रवेश नियंत्रण – यात्रियों, कर्मचारियों और वाहनों की जांच।
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परिधि सुरक्षा – एयरपोर्ट की सीमाओं पर गश्त और निगरानी।
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यात्री सुरक्षा – गेट और बोर्डिंग प्वॉइंट पर चेकिंग।
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आपात प्रतिक्रिया – किसी भी घटना पर तुरंत कार्रवाई के लिए क्विक रिस्पॉन्स टीम।
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सर्विलांस – CCTV, ड्रोन और अन्य हाई-टेक उपकरणों के जरिए निगरानी।
Noida International Airport Security: यात्रियों पर असर
CISF की मौजूदगी यात्रियों के लिए भरोसा और सुरक्षा की गारंटी है।
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यात्रियों को अब आधुनिक सुरक्षा प्रक्रियाओं से गुजरना होगा।
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डिजिटल वेरिफिकेशन और बायोमेट्रिक स्कैनिंग जैसे फीचर्स लागू किए जाएंगे।
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आपात स्थिति में तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
इससे यात्रियों को न सिर्फ सुरक्षा मिलेगी बल्कि उनका यात्रा अनुभव भी सहज और व्यवस्थित होगा।
Noida International Airport Security और एयरपोर्ट का महत्व
जेवर एयरपोर्ट का निर्माण तेजी से चल रहा है और यह देश के सबसे आधुनिक एयरपोर्ट्स में गिना जाएगा।
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एयरपोर्ट बनने से दिल्ली-एनसीआर पर दबाव कम होगा।
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों के यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
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एयर कार्गो और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को भी नई उड़ान मिलेगी।
यह एयरपोर्ट रोजगार और निवेश के नए अवसर भी लेकर आएगा। अनुमान है कि इसके संचालन से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
Noida International Airport Security: अधिकारियों और विशेषज्ञों की राय
एयरपोर्ट प्राधिकरण का कहना है कि CISF की तैनाती एयरपोर्ट संचालन के लिए बड़ा कदम है। वहीं सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि शुरुआती चरण में तैनाती किए गए 120 जवान सुरक्षा ढांचे की नींव हैं, और जैसे-जैसे एयरपोर्ट का संचालन बढ़ेगा, जवानों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
CISF अधिकारियों के अनुसार, जवानों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है ताकि वे आतंकवाद, साइबर अटैक और अन्य संभावित खतरों से निपट सकें।
Noida International Airport Security: भविष्य की योजनाएँ
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वर्तमान में 120 जवान तैनात हैं, लेकिन पूर्ण संचालन के समय यह संख्या 1,000 से अधिक होगी।
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ड्रोन सर्विलांस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सिक्योरिटी सिस्टम लगाए जाएंगे।
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एयरपोर्ट को ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिसेज के अनुसार सुरक्षित बनाया जाएगा।
✅ निष्कर्ष
Noida International Airport Security की कमान CISF को सौंपना यात्रियों, एयरपोर्ट प्राधिकरण और सरकार — तीनों के लिए ही राहत और भरोसे की बात है। यह न केवल एयरपोर्ट की सुरक्षा को मजबूत करेगा बल्कि इसके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने में भी मदद करेगा। आने वाले समय में जेवर एयरपोर्ट सिर्फ उत्तर भारत ही नहीं बल्कि पूरे देश की हवाई यात्रा का नया केंद्र बनेगा।