दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। मंगलवार सुबह यमुना नदी का जलस्तर पुराने रेलवे पुल पर 205.75 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से अधिक है। अधिकारियों के अनुसार, सुबह छह बजे तक यह स्तर 205.68 मीटर था, लेकिन हरियाणा से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण इसमें बढ़ोतरी हो रही है।
अधिकारियों का कहना है कि हथिनीकुंड बैराज से करीब 2.07 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके अलावा, वजीराबाद बैराज से 67,260 क्यूसेक और ओखला बैराज से 61,958 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इतनी बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने से यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा और अब यह 206 मीटर तक पहुंचने का अनुमान है। यह स्थिति राजधानी के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है।
दिल्ली सरकार ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। प्रशासन ने यमुना के डूब क्षेत्र में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि सरकार स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है और राहत व बचाव दलों को अलर्ट पर रखा गया है।
मौसम विभाग ने भी चेतावनी दी है कि आने वाले घंटों में राजधानी में भारी बारिश हो सकती है। इसके चलते दिल्ली में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यदि जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पिछले वर्षों में भी हरियाणा से छोड़े गए पानी के कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा और दिल्ली के कई इलाकों में पानी भर गया था। इस बार भी हालात गंभीर होते जा रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि समय रहते लोग निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर नहीं पहुंचे, तो नुकसान बढ़ सकता है।
राजधानी में यातायात और आम जनजीवन पर भी इसका असर पड़ने की संभावना है। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों के लिए राहत शिविरों की व्यवस्था की है और हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। हालांकि, बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने कहा है कि सभी टीमें पूरी तरह तैयार हैं।
लोगों से अपील की गई है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें।