दो लॉरेंस बिश्नोई गुट के सदस्य दिल्ली मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार; दोनों यूएस-आधारित गैंगस्टर हैरी बॉक्सर के बेटे
दिल्ली की न्यू अशोक नगर में हुई मुठभेड़ के बाद पुलिस ने कुशल रूप से दो अपराधियों को पकड़ लिया है, जो लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े बताये जा रहे हैं। छापेमारी में पुलिस की जवाबी कार्रवाई के दौरान दोनों आरोपी—कार्तिक जाखड़ और कविश—को गिरफ्तार किया गया। जांच में यह भी पता चला कि दोनों आरोपी यूएस-आधारित गैंगस्टर हैरी बॉक्सर के बेटे हैं, जिनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस गिरफ्तारी ने देशी-विदेशी अपराध नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने में एक बड़ी सफलता की संभावना को उजागर किया है।
घटना की रूपरेखा
• समय-स्थान: बुधवार देर रात न्यू अशोक नगर, दिल्ली में।
• कैसे पकड़े गए: विशेष सेल को सूचना मिली थी कि कार्तिक और कविश अपराध की योजना बना रहे थे। पुलिस ने उन्हें घेरने की कोशिश की और जैसे ही हिरासत में आते, दोनों ने बाइक पर सवार होकर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने कार्तिक को पैर में गोली लगाई और दोनों को पकड़ लिया।
• वसूली की वारदातें: कार्तिक जाखड़ पर दिल्ली में कई क्षेत्रीय वसूली मामलों में आरोपों की भी छाया है—जैसे गंगा नगर में एक व्यवसायी से ₹2 करोड़ की मांग।
हैरी बॉक्सर और अपराधी संबंध
• हैरी बॉक्सर: राजस्थान के अलवर जिले मूल के गैंगस्टर, जो कई गंभीर आपराधिक मामलों में पकड़ा जाना शामिल है। वह वर्तमान में विदेश में रह रहा है और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए विदेश में ऑपरेशन संचालित करता है।
• अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन: माना जाता है कि बॉक्सर बिश्नोई गैंग की वसूली और अन्य आयोजनों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देखरेख करता है, जो पंजाब, दिल्ली और राजस्थान को जोड़ता है।
कानूनी जांच और पहल
• पूछताछ जारी: किए गए गिरफ्तारियों के बाद दिल्ली पुलिस विशेष सेल घटना की गहराई में जांच कर रही है ताकि बॉक्सर और स्थानीय अपराधी नेटवर्क से संबंधों का पर्दाफाश हो सके।
• संबंधित मामला—मयंक सिंह: इसी हफ्ते झारखंड ATS ने अजबेरीयन राजधानी बाकू से मयंक सिंह (उर्फ़ सुनील मीणा) को भारत प्रत्यर्पित किया है। सिंह को आमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बीच संबंध बनाने वाला एक ‘महत्वपूर्ण संपर्क’ माना जाता है।
व्यापक संदर्भ और प्रभाव
• यह गिरफ्तारी भारतीय पुलिस के उस व्यापक प्रयास का हिस्सा है, जिसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अपराध नेटवर्क को तार-तार करना शामिल है।
• यह संकेत मिलता है कि बिश्नोई गैंग की पहुँच सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों तक भी फैली हुई है।
• विशेष सेल और ATS जैसी प्रवर्तन इकाइयों की सफलता से अपराधियों के बीच सेहतमंद संदेश जाता है—कि कोई सुरक्षित पनाह नहीं पा सकता।
प्रभाव और अगले कदम
पहलू | विवरण |
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सुरक्षा संदेश | अपराधियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय भैया-भतीजावाद बंद—कोई भी बच नहीं सकता। |
आपसी सहयोग | दिल्ली पुलिस, झारखंड ATS जैसे विभागों का संयुक्त अभियान प्रभावी ढंग से काम कर रहा है। |
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई | प्रत्यर्पण की प्रक्रिया और विदेशों में अपराधियों की पहचान को और मजबूत करना आवश्यक है। |
समापन टिप्पणी
यह गिरफ्तारी न केवल दिल्ली पुलिस बल्कि पूरे देश में आतंक और संगठित अपराध के खिलाफ एक निर्णायक मोड़ की ओर इशारा करती है। जब अपराध का नेटवर्क देश की सीमाओं पर नहीं रुकता, तब कार्रवाई और भी निर्णायक होनी चाहिए। HPogressing investigation से ही हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि अपराधी न्याय की जद से बाहर नहीं रहेंगे।