Delhi Yamuna flood 2025 ने राजधानी दिल्ली को संकट में डाल दिया है। यमुना नदी के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी ने गीता कॉलोनी, निगमबोध घाट और आसपास के निचले इलाकों को जलमग्न कर दिया। इस बाढ़ से न केवल लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ है बल्कि श्मशान घाटों तक में पानी घुस जाने से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया भी बाधित हो गई है।
1. यमुना का उफान और पानी की तीव्र उछाल
दर्शनीय रूप से, यमुना नदी ने 206 मीटर का एवाकुएशन मार्क पार कर लिया, और रात तक 207 मीटर के ऐतिहासिक स्तर तक पहुँच गई, जो 1963 के रिकॉर्ड के बाद तीसरी बार हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, पानी का स्तर 207.4 मीटर तक पहुंच चुका है—जो 1978 और 2023 के भूकंपजनित जोखिमों के बाद अब दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि है।
2. गीता कॉलोनी और श्मशान घाटों का संकट
गीता कॉलोनी समेत आसपास के इलाकों में पानी का प्रवेश चिंताजनक रूप से बढ़ा। निगमबोध घाट और गीता कॉलोनी श्मशान घाट में पानी घुसने से क्रियाएँ बाधित हो गई हैं। विशेष रूप से, घाट के वीआईपी प्लेटफ़ॉर्म की दीवार धंस गई, और म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने तत्काल सभी क्रिया स्थलों को बंद कर दिया।
3. सड़कों, पुलों और ट्रैफिक पर प्रभाव
रिंग रोड, बेला रोड और जमुना रोड सहित कई मुख्य मार्ग गहरे जलमग्न हो गए हैं, जिससे राजधानी में भारी ट्रैफिक जाम व जनजीवन पर प्रभाव हुआ है। पुराना लोहे का पुल (Old Iron Bridge) बंद कर दिया गया है—इससे आने-जाने वाले यात्रियों के लिए मार्ग बदलने के आदेश जारी किए गए हैं।
4. विस्थापन, राहत शिविर और बचाव अभियान
अब तक लगभग 12,000 से 14,000 लोग विस्थापित हो चुके हैं और सुरक्षा सुनिश्चित करने लिए 38 से अधिक राहत शिविर स्थापित किए गए हैं—जिनमें गीता कॉलोनी फ्लाईओवर, ITO, और मेयरVihar शामिल हैं।
लोगों को तंबू, स्कूलों और सामुदायिक भवनों में शिफ्ट किया गया है, वहीं कुछ अभावग्रस्त परिवार, जैसा कि गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के नीचे का दृश्य बताता है, सड़क पर अपने साथ केवल कुछ कपड़ों और दवाओं के साथ ठहर गए।
NDRF एवं जिला प्रशासन ने बचाव कार्य तेज कर दिए हैं, जिसमें अब तक 626 व्यक्ति और 13 पशु सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं।
5. स्वास्थ्य व्यवस्थाएँ और संक्रमण की तैयारी
एमसीडी की स्वास्थ्य टीमों ने राहत कैंपों में क्लोरीन की बोतलें, ओआरएस पैकेट्स, और कीटनाशकों का छिड़काव शुरू कर दिया है। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव को प्राथमिकता दी जा रही है
6. सरकारी प्रतिक्रिया और नेतृत्व
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया—विशेषकर गीता कॉलोनी फ्लाईओवर और पुराने लोहे के पुल के पास—और आश्वासन दिया कि स्थिति नियंत्रण में है और राहत कार्य सभी मोर्चों पर जारी है। उन्होंने स्पष्ट किया: “घबराने की आवश्यकता नहीं, हम 24×7 सतर्क हैं।”
पुरालेखों में किए गए काम—जैसे यमुना और शहर के नालों का डी-सिल्टिंग—हमने पिछले छह महीनों में किया था, जिसका यही नतीजा सामने आया, जो इस वर्ष बेहतर तैयारी का संकेत देता है।
7. इस बार की तैयारी और भविष्य की राह
राजधानी प्रशासन ने 50-50 गननी बैग्स तैयार किए हैं, जिन्हें जल प्रवेश को रोका जा सके। साथ ही मोबाइल टॉयलेट, मशीनरी, और पर्याप्त जनशक्ति भी उपलब्ध कराई गई है।
विभिन्न क्षेत्रों—विस्तार से पूर्वी, उत्तर-पूर्व, शाहदरा, मध्य, और दक्षिण-पूर्व दिल्ली—में फिल्टर बंद कर दिए गए हैं ताकि बैकफ्लो रोका जा सके।शेषज्ञों के अनुसार, Delhi Yamuna flood 2025 पिछले कई दशकों में सबसे गंभीर बाढ़ स्थितियों में से एक है। राहत और बचाव टीमें लगातार काम कर रही हैं, लेकिन गीता कॉलोनी और उसके आसपास के मोहल्लों में पानी भरने से लोग बेघर हो गए हैं।
निष्कर्ष
दिल्ली में यमुना नदी का अचानक उफान राजधानी को जलमग्न कर देने जैसा बन गया है। गीता कॉलोनी, श्मशान घाट, मुख्य मार्गों पर पानी का प्रवेश, विस्थापन की बड़ी संख्या, स्वास्थ्य जोखिम और प्रभावी बचाव प्रयास—ये सभी मिलकर एक गंभीर “जल प्रलय” चित्र प्रस्तुत करते हैं। फिलहाल प्रशासन सक्रिय है, राहत कार्य जारी हैं, और नागरिकों से सहयोग की अपील की गई है।