Thursday, October 16, 2025
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दिल्ली में बाढ़ का संकट गहराया: हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा, खतरे के निशान पर यमुना

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दिल्ली-एनसीआर में बाढ़ का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से रविवार देर रात 3 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया, जिसके चलते यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। अब यमुना नदी राजधानी दिल्ली में खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गई है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने और नदी के नजदीकी इलाकों से दूर रहने की अपील की है।

यमुना का बढ़ता जलस्तर चिंता का विषय

हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी का असर अगले 24 से 36 घंटों में दिल्ली में दिखाई देगा। फिलहाल यमुना का जलस्तर 205 मीटर के आसपास पहुंच चुका है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर पर है। अगर पानी का स्तर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ का संकट खड़ा हो सकता है।

दिल्ली प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

दिल्ली सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग (DDMA) ने तुरंत अलर्ट जारी किया है। यमुना के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष को सक्रिय कर दिया गया है और बचाव टीमें चौकसी पर हैं।

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ संभावित इलाकों—लोहे का पुल, राजघाट, यमुना बाजार, मजनू का टीला और कल्याणपुरी—में स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

हथिनीकुंड बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा पानी

हरियाणा में भारी बारिश और पहाड़ी राज्यों से बढ़ते जलप्रवाह के कारण हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। रविवार को छोड़े गए पानी की मात्रा 3 लाख क्यूसेक से ज्यादा रही। अधिकारियों का कहना है कि अगर पहाड़ों पर बारिश का सिलसिला जारी रहा, तो आने वाले दिनों में यमुना का जलस्तर और खतरनाक हो सकता है।

पिछली बाढ़ की यादें ताजा

गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में भी दिल्ली को भारी बाढ़ का सामना करना पड़ा था। यमुना खतरे के निशान को पार कर गई थी और कई इलाके जलमग्न हो गए थे। इस बार भी हालात वैसी ही स्थिति की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। पिछले अनुभवों को देखते हुए प्रशासन पहले से ही सतर्क हो गया है ताकि जनहानि और व्यापक नुकसान से बचा जा सके।

प्रभावित हो सकते हैं ये इलाके

यमुना का जलस्तर बढ़ने पर दिल्ली के कई निचले इलाके प्रभावित हो सकते हैं। इनमें खासकर यमुना बाजार, मजनू का टीला, ओखला, लोहे का पुल और आईटीओ के आसपास के क्षेत्र शामिल हैं। इन इलाकों के लोगों को पहले ही सतर्क कर दिया गया है और जरूरत पड़ने पर उन्हें राहत शिविरों में शिफ्ट किया जाएगा।

दिल्ली मेट्रो और ट्रैफिक पर असर

यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली की यातायात व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है। आईटीओ, रिंग रोड और यमुना किनारे वाली सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनने की संभावना है। वहीं, दिल्ली मेट्रो की ब्लू और पिंक लाइन के कुछ हिस्से प्रभावित हो सकते हैं। मेट्रो प्रशासन ने स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने की बात कही है।

प्रशासन की तैयारी

दिल्ली सरकार ने बाढ़ नियंत्रण के लिए 24 घंटे का हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। राहत और बचाव कार्यों के लिए NDRF और SDRF की टीमें तैनात की गई हैं। मेडिकल टीमों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। जरूरत पड़ने पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव और मोटर बोट्स का इस्तेमाल किया जाएगा।

दिल्ली जल बोर्ड ने भी यमुना से जुड़े सभी पंप हाउस पर विशेष निगरानी रखने का निर्देश दिया है, ताकि जल आपूर्ति प्रभावित न हो।

विशेषज्ञों की चेतावनी

जल विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार बढ़ता जलस्तर राजधानी के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में यमुना नदी का फ्लड प्लेन पहले से ही कब्जों और अतिक्रमण की वजह से संकुचित हो गया है। ऐसे में पानी का फैलाव तेजी से हो सकता है और नुकसान ज्यादा बढ़ सकता है।

लोगों से अपील

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें। निचले इलाकों में रहने वाले लोग सतर्क रहें और जरूरत पड़ने पर तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो जाएं।

नतीजा

दिल्ली में बाढ़ का संकट फिलहाल टलता नजर नहीं आ रहा। हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी का असर सीधे राजधानी पर पड़ने वाला है। प्रशासन की तैयारी पूरी है, लेकिन हालात कितने गंभीर होंगे, यह आने वाले 24 घंटे तय करेंगे।

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