बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, राज्य की राजनीति में हलचल तेज़ होती जा रही है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के भीतर सीट बंटवारे पर बातचीत लगभग अंतिम चरण में पहुँच चुकी है, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक घोषणा सामने नहीं आई है। सूत्रों के अनुसार भाजपा और जेडीयू के बीच ‘लगभग सहमति’ बन चुकी है, जबकि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान के साथ बातचीत जारी है।
एनडीए में सीट बंटवारे की चर्चा
सूत्रों का कहना है कि भाजपा और जेडीयू के बीच सीटों को लेकर खाका लगभग तय हो चुका है। दोनों दलों ने बराबरी के आधार पर चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है, लेकिन अभी तक सीटों की सटीक संख्या पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ऐसे में राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज़ हैं कि इस बार गठबंधन किस तरह से उम्मीदवार उतारेगा।
चिराग पासवान की पार्टी के साथ भी बातचीत जारी है। सूत्र बताते हैं कि पासवान ने अपनी पार्टी के लिए “उचित संख्या में सीटों” की मांग रखी है। हालांकि, एनडीए की ओर से इस पर अंतिम फैसला होना बाकी है।
तेजस्वी यादव के आरोप और मतदाता सूची विवाद
वहीं दूसरी ओर, विपक्ष ने एनडीए पर चुनावी हेराफेरी के गंभीर आरोप लगाए हैं। राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दावा किया कि राज्यभर के कई बूथों पर 50 से अधिक नाम मतदाता सूची से “मृत” बताकर हटा दिए गए हैं, जबकि ये लोग जीवित हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले की जांच की मांग की है और आरोप लगाया है कि मतदाता सूची में गड़बड़ी कर विपक्षी वोटरों को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है।
वोटर पहचान और SIR रिपोर्ट
इस बीच, चुनाव आयोग ने विशेष पहचान रिपोर्ट (SIR) की प्रगति पर जानकारी दी है। आयोग के अनुसार अब तक 98% मतदाताओं ने आवश्यक दस्तावेज जमा कर दिए हैं और केवल 2% ही शेष हैं। हालांकि, इसी प्रक्रिया में कुछ विवादित मामले भी सामने आए हैं—जैसे कि एक पाकिस्तानी महिला का नाम मतदाता सूची में शामिल पाए जाने का दावा। आयोग ने कहा है कि सभी शिकायतों की जांच की जाएगी और किसी भी फर्जी मतदाता को सूची में शामिल नहीं होने दिया जाएगा।
विपक्ष का ‘वोटर अधिकार यात्रा’ अभियान
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की अगुवाई में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ अभियान भी जारी है। दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि SIR को “वोट चोरी का संस्थागत तरीका” बना दिया गया है। उनका कहना है कि आम मतदाता को डराया-धमकाया जा रहा है और मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर धांधली की जा रही है।
जनता की नजरें सीट बंटवारे पर
बिहार में इस समय सबसे बड़ी उत्सुकता इस बात को लेकर है कि भाजपा-जेडीयू-लोजपा (रामविलास) के बीच सीट बंटवारे का फार्मूला क्या होगा। हालांकि, राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि NDA की अंदरूनी एकजुटता दिखाना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि विपक्षी महागठबंधन (राजद-कांग्रेस-लेफ्ट) मतदाता अधिकार के मुद्दे को भुनाने में जुटा है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर बिहार चुनाव 2025 की तस्वीर अभी पूरी तरह साफ नहीं हुई है। एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर ‘लगभग सहमति’ की खबरें तो आ रही हैं, लेकिन जब तक आधिकारिक घोषणा नहीं होती, तब तक सब कुछ महज़ कयास ही माना जाएगा। चुनाव आयोग पर विपक्ष के आरोप और SIR से जुड़े विवाद भी इस चुनाव को और पेचीदा बना रहे हैं। आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि गठबंधन कैसे उम्मीदवार उतारते हैं और जनता किस पर भरोसा जताती है