एक उम्मीद का बीजारोपण
शहर अहमदाबाद में प्रस्ताव का विस्तार और गवर्नेन्स मॉडल को मजबूत करने की खबर पहले से ही सुर्खियों में थी। अब जब Commonwealth गेम्स के लिए भारत को “strong candidate” कहा जा रहा है, तो सिर्फ खेल नहीं बल्कि देश की क्षमता और तैयारी भी सामने आयी है।
क्या है प्रस्ताव में खास?
-
सततता (Sustainability): आयोजन ऐसे तरीके से होगा जो पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत का सम्मान बनाए रखे।
-
लिंग-संतुलित स्वरूप: महिलाओं और युवाओं को खेलों में प्रतिनिधित्व और अवसर देने पर जोर।
-
पहले अनुभवों से सबक: 2010 में खिलाड़ियों के साथ भ्रष्टाचार के आरोपों ने वक्त को चुनौती दी थी; इस बार यह सबकुछ दूर-दूर तक पारदर्शी और जवाबदेह रखना लक्ष्य है।
देश की उम्मीदें और उतार-चढ़ाव
क्रिकेट या ओलंपिक नहीं, लेकिन कॉमनवेल्थ गेम्स में इतिहास रचने का मौका देने वाली यह खबर देशवासियों के लिए गर्व की बात है। यह याद दिलाती है कि भारत अब सिर्फ मैडल नहीं, बल्कि आयोजन-क्षमता और वैश्विक नेतृत्व भी बन रहा है।
अगला कदम
भारत को इस प्रस्ताव को 31 अगस्त तक फाइनल सबमिट करना है। नवंबर में ग्लासगो में Commonwealth स्पोर्ट्स जनरल असेंबली में अंतिम निर्णय होगा