Wednesday, August 27, 2025
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वोकल फॉर लोकल: पीएम मोदी की अपील – दुकानदार लगाएँ ‘यहां स्वदेशी माल बिकता है’ का बोर्ड

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर छोटे दुकानदारों और नागरिकों से ‘वोकल फॉर लोकल’ को जीवन का मंत्र बनाने और दुकानों पर ‘यहां स्वदेशी माल बिकता है’ का बोर्ड लगाने की अपील की।

लालकिले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से ‘वोकल फॉर लोकल’ को जीवन का मंत्र बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि आज़ादी से पहले की पीढ़ियों ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया था, अब समय है कि मौजूदा पीढ़ी समृद्ध भारत के निर्माण में अपना योगदान दे।

पीएम मोदी ने खासतौर पर छोटे दुकानदारों और व्यापारियों से आग्रह किया कि वे अपनी दुकानों पर एक तख्ती या बोर्ड लगाएँ जिस पर साफ-साफ लिखा हो — “यहां स्वदेशी माल बिकता है”। उनका मानना है कि जब हर दुकान और हर घर में स्वदेशी का संदेश पहुँचेगा तो न केवल देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय उद्योग और रोजगार भी मज़बूत होंगे।

स्वदेशी से आत्मनिर्भरता की ओर

प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारा मंत्र होना चाहिए — समृद्ध भारत। यह तभी संभव है जब हम अपने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दें। वोकल फॉर लोकल केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक आंदोलन है जिसे हर नागरिक को अपनाना चाहिए।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब हम अपने देश में बने सामान को प्राथमिकता देंगे, तो भारत न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि वैश्विक बाजार में भी अपनी मज़बूत पहचान स्थापित करेगा।

दुकानदारों के लिए बड़ा अवसर

पीएम मोदी ने दुकानदारों को प्रेरित करते हुए कहा कि यह अभियान सिर्फ देशभक्ति का नहीं, बल्कि व्यवसायिक दृष्टि से भी लाभदायक है। स्थानीय सामान बेचने से परिवहन लागत कम होगी, उत्पाद ताज़ा और किफायती होंगे, और ग्राहक का भरोसा बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण कारीगरों, हस्तशिल्पकारों और छोटे उद्योगों का सामान दुकानों में आने से बाजार में नई विविधता आएगी।

आर्थिक और सामाजिक लाभ

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह पहल व्यापक रूप से अपनाई गई, तो यह लाखों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी। साथ ही, स्वदेशी उत्पादों की मांग बढ़ने से विदेशी आयात पर निर्भरता घटेगी, जिससे देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी मजबूत होगा।

जनभागीदारी ही कुंजी

प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार अकेले यह बदलाव नहीं ला सकती। उन्होंने राजनीतिक दलों, युवाओं, उद्यमियों और आम नागरिकों से इस मुहिम में जुड़ने का आह्वान किया। “जब हर घर और हर बाजार में ‘स्वदेशी माल बिकता है’ का बोर्ड लगेगा, तब दुनिया देखेगी कि भारत अपने पैरों पर खड़ा होकर दुनिया को बदल सकता है।”

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