जम्मू-कश्मीर: वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास भूस्खलन, श्रद्धालु मलबे में दबे; बचाव अभियान तेज
जम्मू-कश्मीर के कटरा से माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले पवित्र मार्ग पर मंगलवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। अर्धकुंवारी के पास अचानक हुए भूस्खलन में कई श्रद्धालु मलबे में दब गए। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और यात्रा मार्ग को अस्थायी रूप से रोक दिया गया।
स्थानीय प्रशासन, श्राइन बोर्ड और एनडीआरएफ (NDRF) तथा एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें मौके पर पहुंच गईं और राहत-बचाव कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया। फिलहाल, कितने लोग मलबे में दबे हैं इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उस समय मार्ग पर सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।
हादसा कैसे हुआ?
सुबह के समय मौसम अचानक बिगड़ गया और तेज बारिश शुरू हो गई। भारी बारिश के कारण पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर और मलबा नीचे गिरने लगा। प्रत्यक्षदर्शी श्रद्धालुओं के अनुसार, “कुछ ही सेकंड में पूरी सड़क पर मलबा भर गया और लोग चीख-पुकार मचाते हुए इधर-उधर भागने लगे।”
इस दौरान कई श्रद्धालु भागकर सुरक्षित जगह पहुंच गए, लेकिन कुछ लोग मलबे की चपेट में आ गए।
श्रद्धालुओं में दहशत, यात्रा रोकी गई
हादसे की खबर फैलते ही मार्ग पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने तुरंत अर्धकुंवारी से भवन की ओर जाने वाले मार्ग पर यात्रा रोक दी और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की।
अधिकारी लगातार श्रद्धालुओं से अपील कर रहे हैं कि वे घबराएँ नहीं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
राहत और बचाव कार्य
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एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मौके पर तैनात।
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जेसीबी मशीनों से मलबा हटाने का काम जारी।
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मेडिकल टीमें मौके पर मौजूद और घायलों का तुरंत उपचार किया जा रहा है।
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गंभीर घायलों को कटरा और जम्मू के अस्पतालों में एयरलिफ्ट करने की तैयारी।
एक अधिकारी ने बताया कि “हमारी प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को सुरक्षित निकालना है। मौसम की वजह से बचाव अभियान में मुश्किलें आ रही हैं, लेकिन सभी एजेंसियां पूरी तत्परता से काम कर रही हैं।”
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने पहले ही जम्मू संभाग और पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश और भूस्खलन की संभावना जताई थी। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे फिलहाल यात्रा स्थगित करें और मौसम सुधरने तक इंतजार करें।
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रियाएँ
कटरा से आए एक श्रद्धालु ने कहा – “हम लोग परिवार के साथ दर्शन के लिए आए थे, लेकिन अचानक जोर की आवाज हुई और सामने धूल व पत्थरों का गुबार फैल गया। लोग जान बचाने के लिए भागने लगे।”
दिल्ली से आई श्रद्धालु भावना ने बताया – “प्रशासन ने हमें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है, लेकिन बच्चों और महिलाओं में काफी डर है। हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द स्थिति सामान्य हो।”
पिछली घटनाओं की याद
वैष्णो देवी यात्रा के दौरान भूस्खलन और हादसे कोई नई बात नहीं है।
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2023 में भारी बारिश के चलते यात्रा मार्ग कई दिनों तक बंद रहा था।
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2022 में भी अर्धकुंवारी के पास चट्टान गिरने से कई श्रद्धालु घायल हुए थे।
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हर साल बरसात के मौसम में इस तरह की घटनाएँ सामने आती हैं, जिसके चलते विशेषज्ञ सुरक्षित यात्रा अवधि में ही जाने की सलाह देते हैं।
प्रशासन की नई तैयारी
श्राइन बोर्ड ने घोषणा की है कि –
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यात्रा मार्ग पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है।
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एंबुलेंस और मेडिकल कैंप की संख्या बढ़ाई जाएगी।
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कंट्रोल रूम और सीसीटीवी मॉनिटरिंग के जरिए यात्रियों की सुरक्षा पर लगातार नजर रखी जा रही है।
निष्कर्ष
माता वैष्णो देवी यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रही है। लेकिन बरसात के मौसम में पहाड़ी इलाकों में इस तरह की प्राकृतिक आपदाएँ श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन जाती हैं।
फिलहाल, सभी की निगाहें राहत और बचाव कार्य पर टिकी हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से संयम बरतने और केवल आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करने की अपील की है।