Saturday, October 18, 2025
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तालिबान हमले पर भारत को ठहराया जिम्मेदार, टू फ्रंट वॉर की धमकी से फिर गरजा पाकिस्तान

तालिबान हमले पर भारत को ठहराया जिम्मेदार बताते हुए पाकिस्तान ने फिर टू फ्रंट वॉर की धमकी दी, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है।

तालिबान हमले पर भारत को ठहराया जिम्मेदार, टू फ्रंट वॉर की धमकी से फिर गरजा पाकिस्तान

तालिबान हमले पर भारत को ठहराया जिम्मेदार बताते हुए पाकिस्तान ने एक बार फिर से अपने पुराने रवैये को दोहराया है। अफगानिस्तान सीमा पर हुए हालिया आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान सरकार और उसकी सेना ने भारत के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए हैं और “टू फ्रंट वॉर” यानी दो मोर्चों पर युद्ध की धमकी देकर क्षेत्रीय माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है। विश्लेषकों के अनुसार यह पाकिस्तान की पुरानी रणनीति है, जब भी वह घरेलू संकटों से जूझता है, तो भारत-विरोधी बयानबाज़ी शुरू कर देता है।

तालिबान हमले पर भारत को ठहराया जिम्मेदार — पाकिस्तान का नया आरोप

पाकिस्तान के सेना प्रवक्ता और रक्षा मंत्री ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि अफगानिस्तान की ओर से हुए हालिया तालिबानी हमले में “भारतीय एजेंसियों की भूमिका” संदिग्ध है। उन्होंने दावा किया कि भारत अफगानिस्तान के अंदर सक्रिय कुछ आतंकी गुटों को आर्थिक सहायता और हथियार उपलब्ध करा रहा है ताकि पाकिस्तान को अस्थिर किया जा सके।

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों ने पाकिस्तान के इन आरोपों को “राजनीतिक प्रोपेगेंडा” बताया है। उनका कहना है कि पाकिस्तान अपनी सुरक्षा नीतियों में असफल रहा है और अब वह तालिबान हमले पर भारत को ठहराया जिम्मेदार बताकर खुद को निर्दोष दिखाने की कोशिश कर रहा है।

टू फ्रंट वॉर की धमकी: भारत और अफगानिस्तान दोनों पर हमला करने की बात

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बयान दिया कि “भारत और अफगानिस्तान दोनों हमारे खिलाफ साजिश कर रहे हैं, और हमें दोनों मोर्चों पर युद्ध की तैयारी रखनी होगी।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बदतर है, IMF की सख्त शर्तों ने जनता को परेशान कर रखा है, और राजनीतिक अस्थिरता चरम पर है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार पाकिस्तान “टू फ्रंट वॉर” की धमकी देकर अपनी घरेलू असफलताओं से ध्यान हटाना चाहता है। यह कदम न केवल अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भ्रमित करने की कोशिश है, बल्कि भारत के खिलाफ नफरत फैलाने की रणनीति भी है।

तालिबान से बिगड़े रिश्ते: अब पाकिस्तान के लिए उलटा पड़ा खेल

एक समय था जब पाकिस्तान ने तालिबान को समर्थन देकर अफगानिस्तान में भारत के प्रभाव को कम करने की कोशिश की थी। लेकिन अब वही तालिबान पाकिस्तान के खिलाफ हथियार उठाने लगा है।
“तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान” (TTP) नामक संगठन अब अफगान सीमाओं से पाकिस्तान पर हमले कर रहा है, जिससे पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है।

तालिबान सरकार ने भी पाकिस्तान के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उनके देश की भूमि किसी भी पड़ोसी के खिलाफ इस्तेमाल नहीं की जा रही। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान को अपनी “आंतरिक असफलताओं” की जिम्मेदारी खुद लेनी चाहिए, भारत को नहीं।

भारत की प्रतिक्रिया: संयम और कूटनीतिक जवाब

भारत ने पाकिस्तान के आरोपों पर कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं दी, बल्कि शांति और संयम का रुख अपनाया है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार,

“यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। भारत हमेशा क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के पक्ष में रहा है।”

रक्षा विशेषज्ञों ने भी पाकिस्तान की बयानबाज़ी को “भ्रम फैलाने का प्रयास” बताया है।
रक्षा विश्लेषक कर्नल (से.नि.) आर.एस. सिंह ने कहा,

“पाकिस्तान हर बार अपने आतंकवाद-समर्थक रवैये से मुंह मोड़ता है और भारत को दोषी ठहराता है। यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास है।”

आर्थिक संकट से जूझता पाकिस्तान और ध्यान भटकाने की साजिश

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार गिर रही है। महंगाई, बेरोजगारी और राजनीतिक अस्थिरता ने जनता को परेशान कर रखा है। ऐसे में सरकार और सेना के लिए “भारत-विरोधी बयानबाजी” एक सुरक्षित राजनीतिक औजार बन गई है।

तालिबान हमले पर भारत को ठहराया जिम्मेदार बताकर पाकिस्तान न केवल अपने नागरिकों का ध्यान असली मुद्दों से हटाना चाहता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर सहानुभूति भी बटोरने की कोशिश कर रहा है।

अंतरराष्ट्रीय विश्लेषण: पाकिस्तान का दावा खोखला

अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान के इन आरोपों पर कोई समर्थन नहीं दिया है। अफगानिस्तान के साथ-साथ कई पश्चिमी देशों ने भी माना है कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद को संरक्षण देता आया है, और अब जब वही आतंकवाद उसके घर पहुंच गया है, तो वह दूसरों पर दोष मढ़ रहा है।

अमेरिकी थिंक टैंक “काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस” की एक रिपोर्ट में कहा गया,

“पाकिस्तान दशकों तक आतंकवाद को रणनीतिक साधन के रूप में इस्तेमाल करता रहा है। अब जब यह नीति उलटी पड़ रही है, तो वह भारत को निशाना बना रहा है।”

निष्कर्ष: आरोपों से नहीं सुलझेगा पाकिस्तान का संकट

तालिबान हमले पर भारत को ठहराया जिम्मेदार बताना पाकिस्तान की नाकामी का प्रमाण है। जब भी देश की आंतरिक व्यवस्था बिगड़ती है, पाकिस्तान भारत को दोषी ठहराता है ताकि जनता का ध्यान असली समस्याओं से भटक जाए।

आज पाकिस्तान को यह समझना होगा कि उसका असली दुश्मन भारत नहीं, बल्कि उसकी अपनी असफल नीतियाँ हैं। लगातार “टू फ्रंट वॉर” की धमकियों और भारत-विरोधी प्रचार से पाकिस्तान की साख और कमजोर होती जाएगी, जबकि भारत शांतिपूर्ण विकास और क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में आगे बढ़ता रहेगा।

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