Sunday, October 19, 2025
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SCO घोषणा-पत्र में स्पष्ट संदेश: पहलगाम हमला की निंदा, आतंक विरोध में PM मोदी संग सभी सदस्य देशों ने दिखाई एकजुटता

तियानजिन स्थित SCO शिखर सम्मेलन में, सभी सदस्य देशों ने पहलगाम आतंकवादी हमले की तीव्र निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ आत्मरक्षा और न्याय की एक साझा आवाज़ बनाई। प्रधानमंत्री मोदी की पहल और चीन समेत अन्य सदस्यों के समन्वय से यह गठबंधन और भी दृढ़ हुआ।

SCO शिखर सम्मेलन में जारी तियानजिन घोषणा-पत्र में सदस्यों ने 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू व कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की तीव्र निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता जताई। यह एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता है, खासकर तब जब भारत ने सम्मेलन से पहले भी इसी मुद्दे पर जोर देने की पहल की थी।

मजबूत और संयुक्त प्रतिक्रिया

घोषणा-पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि “सदस्य देशों ने पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने मृतकों और घायल लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। साथ ही, इस हमले के कायराना कृत्यों के आयोजकों, मुख्य स्रोतों और समर्थकों को न्याय के कटघड़े में लाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।”

इस प्रतिक्रिया ने एक बार फिर दिखाया कि SCO सदस्य आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसी चुनौतियों के खिलाफ सशक्त प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार हैं। घोषणा-पत्र सत्ता संरचनाओं की नीतिगत दृढ़ता को प्रमाणित करता है।

पीएम मोदी का केंद्रीय दृष्टिकोण

शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के प्रति दोहरे मानदंडों को अस्वीकार्य बताया और इस बात पर जोर दिया कि पहलगाम जैसा हमला न सिर्फ भारत बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए भी खतरा है। उन्होंने SCO को तीन स्तंभों – सुरक्षा (Security), कनेक्टिविटी (Connectivity), और अवसर (Opportunity) – पर आधारित एक साझा मंच के रूप में प्रस्तुत किया।

India’s Persistent Diplomatic Push

इस विषय पर भारत की अग्रीम कूटनीतिक पहल हाल की महीनों से जारी रही है। जून में SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उस संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था जिसमें पहलगाम हमले का उल्लेख नहीं था, इसे पाकिस्तान की Narrative से जोड़ा गया माना गया।

इसके बाद जुलाई में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस हमले को जम्मू-कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र और सांप्रदायिक सौहार्द के खिलाफ एक संगठित प्रयास बताया और SCO को इसकी आधारशिला — आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद — को याद करने की आवश्यकता जतायी।

चीन का सहयोग और सहमति

प्रधानमंत्री मोदी ने तियानजिन सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत के दौरान सीमा पार आतंकवाद पर चिंता साझा करते हुए समर्थन का भरोसा लिया। यह समर्थन तियानजिन घोषणा-पत्र में आतंकवादी हमलों के खिलाफ स्पष्ट भाषा को शामिल करने में निर्णायक रहा।

SCO: एक सुरक्षित व्यासायिक मंच से आगे

अब SCO सिर्फ एक क्षेत्रीय सहयोग मंच रहकर न सिर्फ आर्थिक, बल्कि सामरिक स्थिरता और सुरक्षा का भी केंद्र बनता जा रहा है। आतंकवाद विरोधी दृष्टिकोण में स्पष्टता और कार्रवाई की प्रतिबद्धता विषय-वस्तु को और मजबूत बनाती है।

अभियान की व्यापक प्रभाव

पहलगाम हमले की संयुक्त रूप से निंदा और आतंकवादियों, संगठकों और समर्थकों को न्याय के दायरे में लाने की बात पहली बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर ऐसी एकजुट आवाज के रूप में उभरी है। यह भारत की कूटनीतिक सतर्कता और संकल्प का सजीव प्रमाण है।

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