Saturday, October 18, 2025
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राधाकृष्णन नंबर गेम और सुदर्शन रेड्डी अंतरात्मा की आवाज: उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 का बड़ा विश्लेषण

राधाकृष्णन नंबर गेम और सुदर्शन रेड्डी अंतरात्मा की आवाज—उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में यही सबसे बड़ा सवाल है। जानिए कैसे बन रहा है वोटों का समीकरण और क्या असर डालेगी सांसदों की अंतरात्मा की पुकार।

राधाकृष्णन नंबर गेम और सुदर्शन रेड्डी अंतरात्मा की आवाज—उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 का सबसे बड़ा सवाल यही है। यह केवल एक संवैधानिक पद का चुनाव नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र में सत्ता के अंकगणित और नैतिक विवेक की टकराहट का प्रतीक बन गया है।

राधाकृष्णन का नंबर गेम

सी.पी. राधाकृष्णन एनडीए के उम्मीदवार हैं और उनका सबसे बड़ा हथियार है नंबर गेम

  • लोकसभा में एनडीए का स्पष्ट बहुमत है।

  • राज्यसभा में भी गठबंधन का पलड़ा भारी है।

  • भाजपा के साथ सहयोगी दल जैसे जेडीयू, एलजेपी, एआईएडीएमके, बीजेडी और वाईएसआरसीपी अप्रत्यक्ष समर्थन दे सकते हैं।

इन्हीं आंकड़ों के आधार पर राजनीतिक विशेषज्ञ मान रहे हैं कि राधाकृष्णन का जीतना लगभग तय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी सांसदों के लिए विशेष डिनर आयोजित किया और उन्हें एकजुट रहने का संदेश दिया।

राधाकृष्णन की रणनीति साफ है—वोटिंग को केवल संख्याओं का खेल बनाना

सुदर्शन रेड्डी की ‘अंतरात्मा की आवाज’

विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी इस चुनाव को अलग ढंग से लड़ रहे हैं। उनका मुख्य नारा है—अंतरात्मा की आवाज

रेड्डी ने कहा है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में पार्टी व्हिप लागू नहीं होता। हर सांसद को अपने विवेक और अंतरात्मा के अनुसार मतदान करना चाहिए। विपक्ष मानता है कि अगर कुछ सांसद पार्टी लाइन से हटकर अंतरात्मा की सुनेंगे, तो मुकाबला रोचक हो सकता है।

रेड्डी का कहना है कि लोकतंत्र केवल बहुमत के सहारे नहीं चलता, बल्कि नैतिकता और संविधान की आत्मा पर भी टिकता है।

वोटिंग का समीकरण

9 सितम्बर को संसद भवन में मतदान होगा।

  • लोकसभा (543 सदस्य) और राज्यसभा (245 सदस्य) के चुने हुए सांसद वोट डालेंगे।

  • एनडीए के पास लोकसभा में करीब 330 और राज्यसभा में लगभग 110 सांसदों का समर्थन है।

  • विपक्ष के पास संयुक्त रूप से लगभग 180 सांसद हैं, लेकिन उनमें भी कई दल क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं।

इस गणित के आधार पर राधाकृष्णन का पलड़ा भारी है। लेकिन सुदर्शन रेड्डी मानते हैं कि अगर 30–40 सांसद अंतरात्मा की सुनकर विपक्ष का साथ दें, तो तस्वीर बदल सकती है।

लोकतंत्र की दो धाराएं – नंबर बनाम अंतरात्मा

यह चुनाव केवल उपराष्ट्रपति तय करने का माध्यम नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की दो धाराओं का टकराव भी है।

  • राधाकृष्णन नंबर गेम और सुदर्शन रेड्डी अंतरात्मा की आवाज की बहस बताती है कि संसद में वोटिंग सिर्फ गणित तक सीमित नहीं है।

  • राधाकृष्णन का दावा है कि बहुमत ही लोकतंत्र की असली ताकत है।

  • वहीं रेड्डी कहते हैं कि सांसद संविधान और जनता के प्रति जवाबदेह हैं, न कि केवल पार्टी के प्रति।

इसलिए यह चुनाव एक अनोखा संघर्ष है—संख्या बनाम नैतिकता।

निष्कर्ष: लोकतंत्र की असली परीक्षा

9 सितम्बर की गिनती यह तय करेगी कि भारतीय लोकतंत्र में नंबर गेम की जीत होगी या अंतरात्मा की आवाज की।

अगर राधाकृष्णन जीतते हैं तो यह एनडीए की राजनीतिक ताकत की पुष्टि होगी। लेकिन अगर सुदर्शन रेड्डी को अपेक्षा से ज्यादा वोट मिलते हैं, तो यह संकेत होगा कि संसद में अब भी अंतरात्मा की आवाज दबाई नहीं जा सकती।

राधाकृष्णन नंबर गेम और सुदर्शन रेड्डी अंतरात्मा की आवाज—यही उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 का सबसे बड़ा सार है।

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 से जुड़े सवाल-जवाब (FAQs)

1. उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में मुख्य मुकाबला किसके बीच है?

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में मुकाबला सी.पी. राधाकृष्णन और बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच है। राधाकृष्णन नंबर गेम पर भरोसा कर रहे हैं, जबकि सुदर्शन रेड्डी सांसदों से अंतरात्मा की आवाज सुनने की अपील कर रहे हैं।

2. उपराष्ट्रपति चुनाव में कौन वोट डालता है?

इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के चुने हुए सांसद वोट डालते हैं। इस बार कुल 788 सांसदों को मतदान का अधिकार है।

3. उपराष्ट्रपति चुनाव में पार्टी व्हिप क्यों लागू नहीं होता?

संविधान के अनुसार उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति का चुनाव स्वतंत्र और गुप्त मतदान से होता है। इसमें सांसद पार्टी व्हिप से बंधे नहीं होते और अपने विवेक यानी अंतरात्मा की आवाज के अनुसार वोट कर सकते हैं।

4. राधाकृष्णन नंबर गेम से क्या तात्पर्य है?

राधाकृष्णन नंबर गेम का मतलब है कि एनडीए गठबंधन के पास लोकसभा और राज्यसभा में मजबूत संख्या बल है। इसी गणित पर भरोसा कर राधाकृष्णन जीत की ओर बढ़ रहे हैं।

5. सुदर्शन रेड्डी अंतरात्मा की आवाज पर क्यों जोर दे रहे हैं?

सुदर्शन रेड्डी का मानना है कि सांसदों को केवल पार्टी लाइन नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की आत्मा के आधार पर वोट करना चाहिए। इसलिए वे “अंतरात्मा की आवाज” को अपनी सबसे बड़ी ताकत मान रहे हैं।

6. उपराष्ट्रपति चुनाव का नतीजा कब आएगा?

मतदान 9 सितम्बर 2025 को होगा और परिणाम उसी दिन देर शाम तक घोषित कर दिए जाएंगे।

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