Sunday, October 19, 2025
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PM Modi on Monsoon Fury: 125वें ‘मन की बात’ में आपदा पीड़ितों के प्रति जताई संवेदना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 125वें एपिसोड में देशभर में आई बाढ़ और भारी बारिश से हुई तबाही पर दुख जताया। उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि सरकार राहत व बचाव कार्यों में लगातार जुटी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 125वें एपिसोड में देशभर में हो रही भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान पर गहरी चिंता और दुख व्यक्त किया। उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना जताई और कहा कि “देश इस कठिन समय में पीड़ितों के साथ खड़ा है।”

Monsoon fury and PM’s concern

PM मोदी ने कहा कि इस वर्ष मानसून ने कई राज्यों में भारी तबाही मचाई है। उत्तर भारत से लेकर पूर्वोत्तर और पश्चिमी घाट तक कई क्षेत्रों में जन-जीवन प्रभावित हुआ है।

  • हजारों परिवारों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।

  • किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं।

  • भूस्खलन और बाढ़ से कई लोगों की जानें गई हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, “प्राकृतिक आपदा के इस कठिन समय में हमें धैर्य और साहस के साथ एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। सरकार और प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।”

सरकार की राहत पहल

PM मोदी ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर राहत और पुनर्वास कार्यों को तेज़ी से अंजाम दे रही हैं।

  • राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रबंधन बल (SDRF) लगातार राहत कार्यों में जुटे हैं।

  • प्रभावित परिवारों को अस्थायी आश्रय, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।

  • प्रधानमंत्री राहत कोष और विभिन्न योजनाओं के जरिए आर्थिक सहायता दी जा रही है।

‘Mann Ki Baat’ का संदेश

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ‘मन की बात’ केवल संवाद नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र को एकजुट करने का माध्यम है।
उन्होंने जनता से अपील की कि आपदा के समय मदद का हाथ बढ़ाएं और प्रभावित क्षेत्रों में सेवा करने वाले स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग करें।

PM Modi’s broader vision

इस अवसर पर PM मोदी ने देशवासियों से पर्यावरण संरक्षण और जल प्रबंधन पर भी जोर देने को कहा। उन्होंने कहा कि बारिश के पानी का संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग ही भविष्य में इस तरह की आपदाओं के असर को कम कर सकता है।

निष्कर्ष

125वें एपिसोड में प्रधानमंत्री का संदेश न सिर्फ आपदा प्रभावितों के लिए सहानुभूति से भरा था, बल्कि पूरे देश के लिए चेतावनी और प्रेरणा भी था। उन्होंने कहा कि “प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है और यही हमारे सुरक्षित भविष्य की गारंटी है।”

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