Saturday, October 18, 2025
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पीएम मोदी फ्रांस मैक्रों मुलाकात: यूक्रेन युद्ध खत्म करने पर हुई अहम बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच फोन पर अहम बातचीत हुई। पीएम मोदी फ्रांस मैक्रों मुलाकात में दोनों नेताओं ने यूक्रेन संघर्ष को खत्म करने के रास्तों और वैश्विक शांति की पहल पर चर्चा की।

पीएम मोदी फ्रांस मैक्रों मुलाकात: यूक्रेन युद्ध खत्म करने पर हुई अहम बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक बार फिर वैश्विक राजनीति से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा की। शनिवार को दोनों नेताओं के बीच फोन पर बातचीत हुई, जिसमें मुख्य फोकस यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के प्रयासों और वैश्विक शांति पर रहा।

भारत-फ्रांस रिश्तों की अहमियत

भारत और फ्रांस लंबे समय से रणनीतिक साझेदारी में जुड़े हुए हैं। रक्षा, ऊर्जा, टेक्नोलॉजी और वैश्विक कूटनीति के स्तर पर दोनों देशों का सहयोग लगातार गहरा होता जा रहा है।

  • भारत ने फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान खरीदे हैं।

  • दोनों देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को लेकर भी एक साथ काम कर रहे हैं।

  • जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा और अंतरिक्ष अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में भी साझेदारी बढ़ रही है।

बातचीत का मुख्य मुद्दा: यूक्रेन युद्ध

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने विशेष रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की। मोदी ने अपनी नीति दोहराते हुए कहा कि भारत हमेशा से संवाद और कूटनीति के रास्ते को समर्थन देता है।

मैक्रों ने भी इस बात पर सहमति जताई कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है और वैश्विक समुदाय को मिलकर शांति बहाल करनी चाहिए।

शांति के लिए भारत का दृष्टिकोण

पीएम मोदी ने इस बातचीत के दौरान यह भी दोहराया कि भारत हमेशा से “आज की दुनिया में युद्ध का कोई स्थान नहीं” की नीति पर चलता है। उन्होंने कहा कि भारत न केवल यूक्रेन बल्कि रूस से भी संपर्क में है ताकि शांति का कोई रास्ता निकाला जा सके।

भारत ने इस युद्ध में अब तक तटस्थ रुख अपनाया है। भारत ने रूस पर सीधे तौर पर कोई आरोप नहीं लगाया, लेकिन यूक्रेन की मानवतावादी मदद की है।

🇮🇳🇫🇷 फ्रांस का रुख

राष्ट्रपति मैक्रों लगातार युद्ध को खत्म करने और कूटनीतिक समाधान खोजने पर जोर देते रहे हैं। फ्रांस यूरोपियन यूनियन और NATO का हिस्सा है, लेकिन मैक्रों कई बार रूस और पश्चिमी देशों के बीच पुल का काम करने की कोशिश करते रहे हैं।

वैश्विक शांति की पहल

मोदी और मैक्रों की बातचीत केवल यूक्रेन तक सीमित नहीं रही। दोनों नेताओं ने

  • मध्य-पूर्व संकट,

  • आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई,

  • और एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा
    पर भी विचार साझा किए।

दोनों का मानना है कि वैश्विक शांति और स्थिरता तभी संभव है जब बड़ी शक्तियां सहयोग करें।

विशेषज्ञों की राय

कूटनीति विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और फ्रांस की साझेदारी अंतरराष्ट्रीय राजनीति में संतुलन बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है। भारत, एक गैर-पश्चिमी शक्ति होने के बावजूद, पश्चिम और रूस दोनों से रिश्ते बनाए रखे हुए है। वहीं, फ्रांस यूरोप का ऐसा देश है जो अमेरिका की नीतियों से अलग सोचने की क्षमता रखता है।

आगे का रास्ता

इस बातचीत से संकेत मिलता है कि आने वाले महीनों में भारत और फ्रांस शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दोनों देश यूक्रेन संकट को सुलझाने की कोशिश करेंगे।

निष्कर्ष

पीएम मोदी फ्रांस मैक्रों मुलाकात ने एक बार फिर यह साबित किया है कि भारत और फ्रांस न केवल रणनीतिक साझेदार हैं, बल्कि वैश्विक शांति बहाल करने में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं। दोनों नेताओं की बातचीत से दुनिया को उम्मीद है कि कूटनीति और संवाद से यूक्रेन युद्ध का कोई समाधान निकल सकता है।

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