दिल्ली: अरविंद केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस, ED छापों को बताया साजिश, किया बड़ा खुलासा
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी और हालिया घटनाओं पर खुलकर बयान दिया। यह प्रेस वार्ता ऐसे समय में हुई जब दिल्ली स्वास्थ्य अवसंरचना (health infra) से जुड़े कथित घोटाले को लेकर ED की छापेमारी लगातार दूसरे दिन भी जारी रही और पार्टी के कई नेताओं को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है।
केजरीवाल का आक्रामक रुख
प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने साफ कहा कि “यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है और विपक्षी दलों के दबाव में केंद्र सरकार की एजेंसियां काम कर रही हैं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना और केंद्र सरकार मिलकर आम आदमी पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
केजरीवाल ने कहा कि उनके साथी और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज को ED ने न केवल लंबे समय तक परेशान किया बल्कि उनसे जबरन झूठे बयान पर हस्ताक्षर करवाने की भी कोशिश की गई। उन्होंने बताया कि छापे के दौरान सौरभ भारद्वाज और वे खुद रात 2 बजे तक जागते रहे ताकि उन्हें हिम्मत बंधाई जा सके।
सौरभ भारद्वाज के आरोपों का जिक्र
केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सौरभ भारद्वाज द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों का विस्तार से उल्लेख किया। भारद्वाज ने कल खुलासा किया था कि ED अधिकारियों ने उनके असली बयान को बदल दिया और उन्हें झूठे बयान पर साइन करने के लिए दबाव डाला। उन्होंने यहां तक कहा कि ED की टीम उनके घर के प्रिंटर और लैपटॉप से छेड़छाड़ करके ‘फर्जी दस्तावेज’ तैयार कर सकती है।
भारद्वाज ने यह भी बताया कि उनके घर पर छापा 17 से 18 घंटे तक चला और एजेंसी ने कई दस्तावेज व इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए। उन्होंने इसे लोकतंत्र और संविधान पर हमला बताया।
लगातार जारी छापेमारी
उधर, ED अधिकारियों ने यह पुष्टि की है कि दिल्ली-एनसीआर में 13 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की गई। यह कार्रवाई स्वास्थ्य ढांचे से जुड़े प्रोजेक्ट्स की जांच के तहत हुई है, जिनमें कथित रूप से ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने और सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप लगे हैं।
ED का दावा है कि उन्हें छापों के दौरान कई अहम दस्तावेज मिले हैं जो भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हैं। हालांकि, एजेंसी की ओर से अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
राजनीतिक संदेश और AAP की रणनीति
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केजरीवाल ने खुद को और अपनी पार्टी को “ईमानदार राजनीति का प्रतीक” बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी को आने वाले चुनावों में हार का डर है और इसी वजह से वह केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
केजरीवाल ने कहा:
“हम जनता की सेवा करते हैं, दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाया। इसी से परेशान होकर ये लोग हमें बदनाम करने में लगे हैं। लेकिन दिल्ली की जनता सब देख रही है और सच के साथ खड़ी है।”
विपक्ष का पलटवार
बीजेपी ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी “भ्रष्टाचार की राजनीति” कर रही है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि अगर AAP नेताओं के पास छिपाने को कुछ नहीं है तो वे जांच से डर क्यों रहे हैं? उन्होंने दावा किया कि जांच निष्पक्ष है और सबूतों के आधार पर आगे बढ़ रही है।
लोकतंत्र पर बहस
इस पूरी घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या केंद्रीय एजेंसियां राजनीतिक दबाव में काम कर रही हैं या वास्तव में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में पारदर्शिता बेहद जरूरी है क्योंकि जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, तब ऐसी छापेमारियां और जांचें ज्यादा तेज हो जाती हैं।
राजनीतिक विश्लेषक प्रो. रमेश कुमार का कहना है:
“ED और CBI जैसी संस्थाओं का इस्तेमाल अगर राजनीतिक हथियार के रूप में किया जाता है तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है। दूसरी ओर, अगर वास्तव में भ्रष्टाचार हुआ है तो दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। लेकिन दोनों स्थितियों में जनता को साफ तस्वीर देखनी चाहिए।”
जनता की प्रतिक्रिया
दिल्ली की आम जनता इस मामले को लेकर बंटी हुई दिखाई दे रही है। एक ओर, AAP समर्थक इसे साजिश मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्षी मतदाता इसे “AAP की असलियत उजागर होने” का प्रमाण बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर जमकर बहस छिड़ी हुई है।
निष्कर्ष
अरविंद केजरीवाल की आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने एक बार फिर यह साफ कर दिया कि AAP आने वाले समय में केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने वाली है। यह मुद्दा न केवल दिल्ली बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी बड़ा असर डाल सकता है।