जम्मू में 52 साल का बारिश रिकॉर्ड टूटा, झेलम नदी खतरे के निशान से ऊपर, 3,500 से अधिक लोग रेस्क्यू—JK की स्थिति विस्तार से
जम्मू/श्रीनगर, 27 अगस्त 2025:
जम्मू-कश्मीर (J&K) हाल के दिनों में अति तीव्र मानसून की मार से बेहाल है। इतनी तेज़ और व्यापक बारिश ने 52 साल पुराना रिकार्ड तोड़ कर नया इतिहास कायम कर दिया है। साथ ही जोखिम की स्थिति में तेज़ी से बढ़ रही झेलम नदी ने नदी के खतरे के निशान को पार कर दिया है, जिसके बाद पूरे घाटी क्षेत्र में फ्लड अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस विपदा के बीच प्रशासन ने 3,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, लेकिन हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं।
बारिश का असाधारण पैमाना और रिकार्ड
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मौसम विभाग (IMD) की रिपोर्ट के अनुसार जम्मू क्षेत्र में अगस्त माह में अब तक रिकॉर्ड 726% अधिक वर्षा हुई है—यह पिछले 52 वर्षों (1950 से) का सबसे अधिक आंकड़ा है।Reuters
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दूसरी ओर, Pahalgam में Sheshnag Nallah ने अपना पुराना उच्च जलस्तर रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है।The Times of India
इन आंकड़ों का मतलब:
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अत्यधिक वर्षा ने हिमालयी क्षेत्र में भूस्खलन, फ्लैश फ्लड और इंफ्रास्ट्रक्चर ध्वस्त कर दिया है।
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मुख्य नदियाँ जैसे तावी, चेनाब, उज, और विशेषकर झेलम नदी और बासन्तर उफान पर हैं, कई स्थानों पर खतरे की सीमा पार कर चुकी हैं।The Times of India+1
रेस्क्यू और बचाव कार्य
प्रशासन और सुरक्षा बलों द्वारा लाइट्निंग स्पीड रेस्क्यू ऑपरेशन्स शुरू कराए गए:
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3,500+ लोगों को सुरक्षित निकाला गया, जिसमें स्थानीय नागरिक और ट्रैवलर शामिल हैं।www.ndtv.com
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NDRF, SDRF, पुलिस, सेना ने प्रभावित इलाकों में राहत शिविर स्थापित किए और बचाव कार्यों को अंजाम दिया।
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सड़कें क्षतिग्रस्त, पुल टूटे और कई रूट बंद हो गए, जिसके चलते बचाव कार्यों को ख़ासा मुश्किल झेलना पड़ा।
जीवन-यापन और सेवाओं पर प्रभाव
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मोबाइल और इंटरनेट सेवाएँ लगभग ठप, बिजली, पानी और संचार सेवाओं में भारी व्यवधान।ReutersThe Times of India
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स्कूल और कॉलेज बंद, यात्रा व्यस्त मार्गों (जैसे वैष्णो देवी) को पूर्णतः स्थगित कर दिया गया।Navbharat TimesThe Times of India
प्रशासनिक त्वरित प्रतिक्रिया और चेतावनी
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फ्लड और लैंडस्लाइड अलर्ट जारी — घाटी के कई हिस्सों में लोग सतर्कता अपनाएं।The Times of India+1
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राज्य और केंद्र, दोनों स्तर पर मोर्चा संभालने में जुटे हुए हैं ताकि राहत कार्यों में समयबद्धता और प्रभाविता बनी रहे।
भविष्य की चेतावनी और सावधानी
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IMD ने लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और J&K के ऊंचाई वाले इलाकों में अब भी भारी बारिश और तूफ़ानों की संभावना जताई है। जनजीवन को बचाने के लिए सतर्कता ज़रूरी है।Reuters
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प्रशासन ने लोगों से उन क्षेत्रों में जाने से परहेज़ करने की अपील की है जहाँ जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है।
निष्कर्ष
इन अभूतपूर्व मानसून कुप्रभावों ने जम्मू-कश्मीर की तैयारी और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता की परीक्षा ली है। भले ही हालात अभी बेहद कठिन हों, पर अत्यावश्यक सेवाओं की बहाली, रेस्क्यू ऑपरेशन्स और लोगों की सुरक्षित निकासी प्रभावित क्षेत्रों से सराहनीय प्रयास रहे हैं।