Saturday, October 18, 2025
Saturday, October 18, 2025
HomeNationalGST 2.0: जीरो, 5%, 18% और 40% — अब आपके काम की...

GST 2.0: जीरो, 5%, 18% और 40% — अब आपके काम की चीज़ कौन कौन सी स्लैब में?

GST 2.0 लाया नया कर ढांचा — जरूरी सामानों पर 0%, रोज़मर्रा की वस्त्रों पर 5%, इलेक्ट्रॉनिक्स-वाहनों पर 18%, और ‘sin-goods’ व विलासितापूर्ण आइटमों पर 40%। जानिए किस आइटम ने किस स्लैब पर पाँव रखा।

GST 2.0 का ऐलान हो चुका है और यह 22 सितंबर 2025 से पूरे देश में लागू होगा। यह अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार माना जा रहा है। पहले जहाँ जीएसटी के कई स्लैब थे, वहीं अब इसे सरल बनाते हुए केवल चार मुख्य दरों — 0%, 5%, 18% और 40% — में समेट दिया गया है।

1. GST 2.0 क्यों आया?

पिछले कई वर्षों से व्यापारी और कर विशेषज्ञ यह मांग कर रहे थे कि जीएसटी ढांचा बहुत जटिल है। अलग-अलग वस्तुओं पर अलग-अलग दरें लागू थीं, जिससे न केवल उपभोक्ता उलझन में रहते थे बल्कि कारोबारियों को भी अनुपालन (compliance) में दिक्कत आती थी। केंद्र सरकार का दावा है कि GST 2.0 से टैक्स स्ट्रक्चर साधारण, पारदर्शी और न्यायसंगत होगा।

2. नए स्लैब और उनमें शामिल वस्तुएँ

0% स्लैब – आवश्यक वस्तुएँ

  • दूध, रोटी, पनीर, खाखरा, पिज्जा ब्रेड

  • स्कूल स्टेशनरी जैसे पेंसिल, चार्ट, नोटबुक, ग्लोब

  • व्यक्तिगत जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां

यह राहत खासकर मध्यम और निम्न आय वर्ग के लिए बड़ी खुशखबरी है। रोज़मर्रा की ज़रूरी चीजें अब करमुक्त होंगी।

5% स्लैब – रोज़मर्रा की ज़रूरतें

  • टूथपेस्ट, साबुन, शैम्पू, शेविंग क्रीम

  • बटर, घी, नमकीन, पेस्टा, सॉस, चटनियाँ

  • खिलौने, बर्तन, सिलाई मशीनें

  • चिकित्सीय उपकरण जैसे थर्मामीटर, ग्लूकोमीटर

  • कृषि उपकरण जैसे ड्रिप इरिगेशन, ट्रैक्टर टायर

यह दर उन वस्तुओं पर लगाई गई है जो आवश्यक तो हैं लेकिन करयोग्य भी।

18% स्लैब – उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहन

  • एयर कंडीशनर, टीवी, डिशवॉशर

  • छोटी कारें (पेट्रोल ≤1200cc, डीज़ल ≤1500cc)

  • तीन-व्हीलर और 350cc तक की मोटरसाइकिलें

  • हल्के मालवाहक वाहन

इस स्लैब में वे वस्तुएँ रखी गई हैं जो न तो विलासिता की श्रेणी में हैं और न ही पूरी तरह आवश्यकताओं में।

40% स्लैब – विलासिता और हानिकारक वस्तुएँ

  • पान मसाला, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू उत्पाद

  • एनर्जी ड्रिंक, कोल्ड ड्रिंक और कैफीनयुक्त पेय

  • बड़ी कारें, 350cc से अधिक मोटरसाइकिलें

  • प्राइवेट यॉट्स, एयरक्राफ्ट, लॉटरी और जुआ

सरकार का मानना है कि ऐसे उत्पाद न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं बल्कि इन्हें उच्च टैक्स स्लैब में रखकर राजस्व में वृद्धि भी की जा सकती है।

3. GST 2.0 का असर किस पर पड़ेगा?

आम आदमी पर असर

  • रोज़मर्रा की वस्तुएँ सस्ती होंगी।

  • घरेलू बजट पर राहत मिलेगी क्योंकि खाद्य और स्वास्थ्य संबंधी खर्च घटेगा।

  • लेकिन विलासिता वाली वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाएंगी।

व्यापारियों पर असर

  • कम स्लैब्स के कारण अनुपालन आसान होगा।

  • इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम करना सरल होगा।

  • छोटे कारोबारियों के लिए GST फाइलिंग आसान हो जाएगी।

सरकार पर असर

  • शुरुआती समय में राजस्व में गिरावट का अनुमान है।

  • लेकिन मध्यम और लंबी अवधि में उपभोग (consumption) बढ़ने से टैक्स कलेक्शन संतुलित हो सकता है।

4. विशेषज्ञों की राय

आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि GST 2.0 भारतीय टैक्स ढांचे को और अधिक उपभोक्ता-मित्र (consumer friendly) और व्यापार-मित्र (business friendly) बनाएगा। हालांकि, इसका असर असलियत में तभी दिखेगा जब राज्य सरकारें और केंद्र सरकार मिलकर कर संग्रहण और अनुपालन को पारदर्शी बनाएँ।

5. चुनौतियाँ भी कम नहीं

  • प्रारंभिक राजस्व नुकसान सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगा।

  • विलासिता उद्योग और तंबाकू/पेय पदार्थ उद्योग पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

  • राज्यों और केंद्र के बीच राजस्व बंटवारे पर विवाद की संभावना है।

6. निष्कर्ष

GST 2.0 एक बड़ा कर सुधार है जो भारत की कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। आम जनता को रोज़मर्रा की वस्तुओं में राहत मिलेगी जबकि विलासिता और हानिकारक वस्तुओं पर कर बोझ बढ़ेगा। सरकार को उम्मीद है कि इससे उपभोग में तेजी आएगी और दीर्घकालिक रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

संबंधित खबरें

Most Popular

HTML Snippets Powered By : XYZScripts.com