Thursday, August 28, 2025
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गडचिरोली–नरायणपुर सीमा पर 8 घंटे चली मुठभेड़ में 4 नक्सली ढेर; तलाशी ऑपरेशन जारी

महाराष्ट्र के गडचिरोली-छत्तीसगढ़ सीमा पर कोपरशी जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच लगभग 8 घंटे चली मुठभेड़ में चार नक्सलियों की मौत हो गई। तलाशी अभियान जारी है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर गडचिरोली (गडचिरोली)–नरायणपुर (छत्तीसगढ़) के कोपरशी जंगल में बुधवार सुबह लगभग 8 घंटे तक चली मुठभेड़ में पुलिस और सीआरपीएफ़ की संयुक्त टीमों ने 4 नक्सलियों को मार गिराया, जिनमें तीन महिलाएं और एक पुरुष शामिल थे। तलाशी अभियान अभी भी जारी है, और सुरक्षा बल क्षेत्र में अन्य नक्सलियों की खोज कर रहे हैं।India TV NewsThe Economic Times


मुठभेड़ की रूपरेखा

  • खुफिया सूचना पर कार्रवाई
    25 अगस्त को मिली विश्वसनीय जानकारी के आधार पर सी–60 कमांडो और CRPF क्विक एक्शन टीम को कोपरशी जंगल में भेजा गया।The Economic Times

  • भीषण बारिश में ऑपरेशन
    भारी बारिश के बावजूद टीम, जिसका नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एम. रामेश कर रहे थे, इलाके में पहुँची। सुरक्षा बलों द्वारा तलाशी अभियान शुरू किया गया तब नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी।The Economic Times

  • लंबी गोलीबारी
    मुठभेड़ लगभग 8 घंटे तक चली—नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच फायरिंग का यह लंबा दौर जारी रहा।The Economic Times

  • शस्त्र और शव बरामद
    अंत में 3 महिला और 1 पुरुष नक्सली मारे गए। उनके कब्जे से एक SLR राइफल, दो INSAS राइफलें और एक .303 राइफल बरामद की गई।The Economic Times

  • तलाशी और आगे के कदम
    अन्य नक्सलियों के क्षेत्र में होने की संभावना देखते हुए पूरे इलाके में तलाशी अभियान जारी है।The Economic Times


विस्तृत विश्लेषण

ऑपरेशनल तैयारी और निष्पादन

गडचिरोली पुलिस की C–60 कमांडो यूनिट, जिसे नक्सल विरोधी कार्रवाई के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है, और CRPF की Quick Action Team जैसे शक्ति संयोजन ने यह ऑपरेशन शुरू किया। यह रणनीति पूर्व निर्धारित और सटीक खुफिया कार्रवाई का परिणाम है।

माओवादी गतिविधियों की पड़ताल

कोपरशी इलाके में Gatta Dalam और Company No 10 जैसे माओवादी महासंघों की मौजूदगी की जानकारी भी प्राप्त हुई थी, जिसने टीम को विशेष सतर्कता अपनाने पर मजबूर किया।The Economic Times

बारिश और कठिन परिस्थितियाँ

बरसात के मौसम में जंगल की राह मुश्किल होती है—फिर भी सुरक्षा बलों की जोखिम उठाने की प्रवृत्ति ने ऑपरेशन को अंजाम दो पहलुओं में प्रभावी बनाया: मोर्चा और जनभागीदारी।

नक्सलियनूपति पर असर

तीन महिलाएं और एक पुरुष नक्सली शामिल थे, जो नक्सल संगठन में महिलाओं की सक्रिय भूमिका को दर्शाता है। हथियारों की मौजूदगी संकेत देती है कि वे प्रशिक्षित और हथियारधारी घटक थे।

अब आगे की चुनौतियाँ

अभी भी क्षेत्र में अन्य नक्सलियों की मौजूदगी की संभावना बनी हुई है। तलाशी ऑपरेशन चल रहे हैं और पूरी कार्रवाई को चाक-चौबंद रखना प्राथमिकता है।


व्यापक संदर्भ और रणनीतिक दृष्टिकोण

  • नक्सल समस्या की व्यापक स्थिति
    2025 में Operation Black Forest (Operation Kagar) जैसे बड़े अभियानों ने नक्सलवादी ताकतों को बुरी तरह कमजोर किया है। इस श्रेणी में करेगुट्टलू हिल्स ऑपरेशन में 31 नक्सलियों की भूमिका सामने आई।Wikipedia+1

  • नक्सलियों की जटिलता
    हालिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि नक्सलियत की प्रभावशाली ताकत अब केवल कुछ जिलों तक सीमित रह गई है—जिनमें गडचिरोली, बीजापुर और सुकमा प्रमुख हैं।The Times of IndiaWikipedia

  • स्ट्रेटल रणनीतियाँ
    नक्सल समूह अब हथियार से अधिक पहाड़िया इलाकों में डर और अराजकता फैलाने के लिए अत्यंत क्रूर रणनीतियाँ अपना रहे हैं, जैसे गन rather than strangulation जैसी गायब हो रही…


निष्कर्ष

गडचिरोली–नरायणपुर सीमा क्षेत्र में हुई यह मुठभेड़ सुरक्षा बलों की एहतियात भरी तैयारी, उत्कृष्ट कार्यपद्धति, और दृढ़ता का परिणाम है। नक्सल विरोधी अभियान अब तक हासिल किए गए कई सफलता बिंदुओं में एक और इजाफा है। हालाँकि यह संघर्ष जारी है, लेकिन यह लड़ाई लगातार आगे बढ़ रही है।

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