पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, देश ने एक निर्भीक आवाज़ खो दी
नई दिल्ली, 5 अगस्त 2025 – भारत के पूर्व राज्यपाल और प्रखर राजनीतिक विचारक सत्यपाल मलिक का आज सुबह निधन हो गया। वह 78 वर्ष के थे और पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका निधन नई दिल्ली के एक निजी अस्पताल में हुआ, जहां उन्हें उपचार के लिए भर्ती किया गया था।
सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर, गोवा, बिहार और मेघालय जैसे कई राज्यों में राज्यपाल के रूप में सेवा दी। लेकिन उन्हें सबसे ज़्यादा पहचान मिली 2019 में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहते हुए धारा 370 हटाए जाने के दौरान उनके स्पष्ट और बेबाक रवैये के लिए।
आखिरी वक्त तक जनता की बात करते रहे
सत्यपाल मलिक सत्ता में रहने के बाद भी सत्ता के खिलाफ बोलने से नहीं हिचके। हाल के वर्षों में उन्होंने कई बार केंद्र सरकार की नीतियों पर तीखा सवाल उठाया, खासकर किसानों के मुद्दे और भ्रष्टाचार को लेकर।
उनकी एक टिप्पणी अक्सर चर्चित रही:
“राजनीति में सच्चाई बोलने वालों की संख्या कम हो गई है, लेकिन मैं आखिरी दम तक बोलता रहूंगा।”
राजनीतिक जगत में शोक की लहर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा,
“सत्यपाल मलिक जी का सार्वजनिक जीवन अनुकरणीय रहा। उन्होंने हर भूमिका को गरिमा और निष्पक्षता के साथ निभाया।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी शोक जताते हुए कहा,
“वो उन गिने-चुने नेताओं में थे जो सच्चाई के पक्ष में खड़े रहने का साहस रखते थे।”
हमारी बात:
सत्यपाल मलिक का जाना केवल एक राजनेता का जाना नहीं है, बल्कि एक ऐसी निर्भीक आवाज़ का मौन हो जाना है जो बिना डर के जनता की बात कहती थी। NavChetna News की ओर से हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।