नई दिल्ली, 5 अगस्त 2025 – जैसे-जैसे देश 2026 के आम चुनावों की ओर बढ़ रहा है, दिल्ली से लेकर जिला स्तर तक राजनीतिक हलचल तेज होती जा रही है। एक ओर सत्ताधारी पार्टी अपने विकास कार्यों के दम पर फिर से सत्ता में लौटने की कोशिश में जुटी है, वहीं विपक्षी दल आपसी मतभेद भुलाकर ‘महागठबंधन’ के जरिए केंद्र की राजनीति को नया मोड़ देने की तैयारी में हैं।
राष्ट्रीय फलक पर बदलाव की बयार?
पिछले हफ्ते मुंबई में हुई प्रमुख विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने साझा रणनीति बनाने पर चर्चा की। बैठक के बाद विपक्षी नेताओं ने कहा:
“देश को एक नई दिशा देने के लिए अब एकजुट होकर लड़ना जरूरी है। यह सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं, लोकतंत्र बचाने की जिम्मेदारी है।”
हालांकि, कुछ क्षेत्रीय दलों ने अब भी दूरी बनाए रखी है। एनसीपी और शिवसेना (उद्धव गुट) के बीच मतभेद की खबरें भी सामने आई हैं।
सत्ता पक्ष का पलटवार
वहीं भाजपा ने इस ‘गठबंधन राजनीति’ को अवसरवाद करार दिया है। एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा:
“जो दल कल तक एक-दूसरे के खिलाफ थे, वे आज सत्ता की भूख में साथ आ रहे हैं। जनता सब देख रही है।”
जनता क्या सोच रही है?
NavChetna News ने दिल्ली, लखनऊ और पटना में आम जनता से बात की। कई लोगों का मानना है कि “देश को स्थिर सरकार चाहिए, लेकिन महंगाई, बेरोजगारी और शिक्षा की हालत भी एक बड़ा मुद्दा है।”
हमारी बात:
राजनीति में समीकरण रोज़ बदलते हैं, लेकिन जनता का विश्वास स्थायी होता है। लोकतंत्र की असली ताकत जनता की जागरूकता में है। NavChetna News पर हम हर बदलाव की तह तक जाएंगे – निष्पक्ष, निर्भीक और जिम्मेदार पत्रकारिता के साथ।