भारतीय राजनीति में चुनावी प्रक्रिया को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर हमेशा चलता रहता है। हाल ही में विपक्ष ने “वोट चोरी” के गंभीर आरोप लगाए, जिन पर अब मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने बड़ा बयान दिया है। रविवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने स्पष्ट कहा कि चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों के लिए समान रूप से काम करता है।
ज्ञानेश कुमार ने कहा, “हमारे लिए कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है। सभी दल समकक्ष हैं और आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्यों से कभी पीछे नहीं हटेगा।” यह बयान उस समय आया है जब विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा था कि मतदाता सूची में गड़बड़ी और धांधली हो रही है।
वोटर लिस्ट में सुधार की बड़ी कवायद
CEC ने बताया कि राजनीतिक दलों की ओर से लंबे समय से मतदाता सूची (Voter List) में सुधार की मांग उठती रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए आयोग ने बिहार से विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य मतदाता सूची को और अधिक सटीक और पारदर्शी बनाना है।
इस प्रक्रिया में बड़ी भागीदारी देखने को मिली। सभी मतदाताओं, बूथ स्तर के अधिकारियों और राजनीतिक दलों के लगभग 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट (BLA) ने इस प्रक्रिया में हिस्सा लिया। इन सभी की मदद से एक नई मसौदा सूची तैयार की गई है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी मतदाता का नाम गलत तरीके से हटाया या जोड़ा न जाए।
क्यों जरूरी है पारदर्शिता?
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में चुनाव सिर्फ एक प्रक्रिया नहीं बल्कि लोकतंत्र की आत्मा हैं। यदि चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं तो यह जनता के विश्वास को हिला सकता है। इसी कारण चुनाव आयोग लगातार अपने सिस्टम को मजबूत बनाने और पारदर्शिता लाने के लिए कदम उठाता रहा है।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि आयोग तकनीक का भी ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर रहा है ताकि “एक मतदाता, एक वोट” का सिद्धांत पूरी तरह से लागू हो। आने वाले समय में डिजिटल वेरिफिकेशन और भी सख्त किया जाएगा, जिससे किसी भी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे।
विपक्ष के आरोपों पर क्या कहा?
विपक्ष के आरोपों पर CEC ने दो टूक कहा कि ऐसे आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा, “हमारा काम सिर्फ एक है – निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना। आयोग न कभी पक्षपात करता है, न करेगा। हमारा संकल्प साफ है – लोकतंत्र की रक्षा।”
इस तरह, चुनाव आयोग ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि लोकतंत्र की नींव मजबूत है और उसे किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।
अब सभी की निगाहें आने वाले चुनावों पर हैं, जहां यह पारदर्शिता और सख्ती किस तरह परिणाम लाती है, यह देखना दिलचस्प होगा।