प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय जापान दौरे ने भारत-जापान के विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी को एक नया आयाम प्रदान किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने “नेक्स्ट डेकेड” की संयुक्त दृष्टि (Joint Vision) जारी की, जिसमें आर्थिक, तकनीकी, सुरक्षा, ऊर्जा, और मानव संसाधन जैसे क्षेत्रों में अत्यधिक सहयोग की रूपरेखा बनाई गई है।
निवेश में गगनचुंबी लक्ष्य
जापान ने अगले दस वर्षों में भारत में 10 ट्रिलियन येन (लगभग $68 बिलियन) निजी निवेश का लक्ष्य रखा है, जो कि 2010 के दशक में $2.7 बिलियन से काफी अधिक है। इस निवेश में मुख्य क्षेत्रों में शामिल हैं – स्मार्ट ऊर्जा, औद्योगिक नवाचार, AI, रक्षा, अंतरिक्ष, और हरित ऊर्जा।
युवा भारत की शक्ति पर विश्वास जताते हुए, दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में 500,000 कार्यकर्ता और छात्र अदला-बदली का लक्ष्य निर्धारित किया है — जिससे जापान में श्रम संकट में कमी और भारत को वैश्विक रोजगार के अवसर मिलेंगे।
रक्षा, ऊर्जा और प्रतिभा का संगम
दोनों राष्ट्रों ने साफ़ ऊर्जा, रक्षा, तकनीक, अंतरिक्ष और साइबर सुरक्षा में गहरी साझेदारी के लिए 11 दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर किए। Quad (चौ-पक्षीय गठबंधन) में सहयोग पर भी जोर दिया गया, और मुक्त, खुले, शांतिपूर्ण और नियमों-आधारित Indo-Pacific क्षेत्र की वकालत की गई।
बुलेट ट्रेन से संदेश
यात्रा का एक प्रमुख पल था — प्रधानमंत्री मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा का शिंकान्सेन (bullet train) में टोक्यो से सेन्दई की यात्रा। इस दौरान मोदी ने भारतीय ट्रेन ड्राइवरों से भी मुलाक़ात की, जो जापान में ट्रेन संचालन प्रशिक्षण ले रहे हैं।यह प्रतीकात्मक चरण जापानी तकनीक और भारतीय कौशल के संयोजन को दर्शाता है।
आर्थिक मंच पर अभियान
इकोनॉमिक फोरम में मोदी ने “Make in India, Make for the World” अभियान का सशक्त समर्थन किया। उन्होंने जापानी कंपनियों को बैटरियाँ, रोबोटिक्स, सेमीकंडक्टर्स, शिपबिल्डिंग, और नाभिकीय ऊर्जा जैसे क्षेत्र में निवेश की निम्नलिखित चुनौती दी।
कुल की समीक्षा
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कुल 12 समझौते और Vision Plan द्वारा द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा दी गई।
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आर्थिक सहयोग, तकनीकी नवाचार और सुरक्षा साझेदारी को मज़बूती मिली।
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भारत जापान रणनीतिक और मान्यतापूर्ण साझेदारी को नई ऊँचाइयों पर ले गया।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा न सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों में तेजी लाया, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक सहयोग की नींव भी मजबूत की।