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जम्मू-कश्मीर: बांदीपोरा में LoC पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम, सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को ढेर किया

जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में LoC पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम हो गई। सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए। सेना का कहना है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के हर नापाक मंसूबे को विफल किया जाएगा।

जम्मू-कश्मीर: बांदीपोरा में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, LoC पर दो आतंकी ढेर

बांदीपोरा/जम्मू, 28 अगस्त 2025।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों को एक और बड़ी सफलता मिली है। नियंत्रण रेखा (LoC) पर बांदीपोरा जिले के गुरेज़ सेक्टर में बुधवार देर रात घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया। इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय सेना की सतर्कता और मुस्तैदी के चलते पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों के मंसूबे कभी कामयाब नहीं हो सकते।

घुसपैठ की कोशिश नाकाम

रक्षा सूत्रों के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों को पिछले कई दिनों से इस बात की जानकारी मिल रही थी कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की ओर से आतंकियों का एक समूह LoC के नजदीक सक्रिय है और भारत में घुसपैठ की फिराक में है। इसी इनपुट के आधार पर सेना और सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने बांदीपोरा के गुरेज़ सेक्टर में विशेष निगरानी अभियान शुरू किया था।

बुधवार देर रात आतंकियों ने घने जंगल और कठिन पहाड़ी रास्तों का फायदा उठाकर भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश की। जैसे ही वे LoC पार कर आगे बढ़े, भारतीय जवानों ने उन्हें ललकारा। आतंकियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं, जिसके बाद मुठभेड़ छिड़ गई। करीब एक घंटे चली इस मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर हो गए।

बरामद हुए हथियार और साजो-सामान

घटना स्थल से सुरक्षाबलों को भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है। इसमें एके-47 राइफल, हैंड ग्रेनेड, वायरलेस सेट और नक्शे शामिल हैं। सेना का कहना है कि बरामद हथियारों से साफ है कि आतंकी बड़े हमले की योजना बना रहे थे। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाकर अन्य संभावित घुसपैठियों की तलाश भी शुरू कर दी है।

सेना का बयान

सेना के प्रवक्ता ने कहा,
“पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी बार-बार घाटी में शांति भंग करने की कोशिश करते हैं, लेकिन हमारे जवान हर समय सतर्क हैं। हर घुसपैठ की कोशिश का जवाब दिया जाएगा। यह कार्रवाई इसी प्रतिबद्धता का हिस्सा है।”

प्रवक्ता ने यह भी बताया कि पिछले कुछ महीनों में LoC पर घुसपैठ की कोशिशों में तेजी आई है। आतंकी संगठन नए लड़ाकों को भारत में भेजने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि यहां आतंकी गतिविधियां बढ़ाई जा सकें। लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियां उनके इरादों को नाकाम करने में सफल रही हैं।

घाटी में आतंकवाद की चुनौती

जम्मू-कश्मीर लंबे समय से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का सामना कर रहा है। हर साल बर्फ पिघलने और गर्मी बढ़ने के साथ LoC पर घुसपैठ की कोशिशें तेज हो जाती हैं, क्योंकि ऊंचाई वाले दर्रे खुल जाते हैं। पिछले साल भी इसी समय बांदीपोरा और कुपवाड़ा सेक्टर में कई बार घुसपैठ की घटनाएं दर्ज की गई थीं।

विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान, जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली और विकास की प्रक्रिया को बाधित करने के लिए लगातार आतंकी भेज रहा है। स्थानीय युवाओं को बरगलाने के साथ-साथ सीमा पार से आतंकियों की आपूर्ति करना उसकी रणनीति का हिस्सा है।

स्थानीय प्रशासन की अपील

इस घटना के बाद बांदीपोरा जिले में सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत कर दी गई है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस या सेना को देने की अपील की है। ग्रामीण इलाकों में विशेष चौकसी बरती जा रही है ताकि आतंकियों को किसी भी तरह की मदद न मिल सके।

हालिया घटनाएं और लगातार नाकाम साजिशें

बीते कुछ महीनों में सेना ने कई बड़ी कार्रवाइयों में आतंकियों को ढेर किया है।

  • जुलाई 2025 में पुंछ जिले में हुई मुठभेड़ में 4 आतंकी मारे गए थे।

  • इसी महीने कुपवाड़ा में भी एक घुसपैठ की कोशिश नाकाम हुई थी।

  • पिछले साल भर में LoC पर 40 से अधिक घुसपैठ की कोशिशें नाकाम की गई हैं।

इन घटनाओं से साफ है कि आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें लगातार जारी हैं, लेकिन भारतीय सेना के सख्त पहरे के कारण वे नाकाम हो रही हैं।

विशेषज्ञों की राय

रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि भारत की नई काउंटर-इंफिल्ट्रेशन स्ट्रेटेजी ने आतंकियों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ड्रोन निगरानी, हाई-टेक सेंसर और रात में देखने वाले उपकरण (नाइट विजन) से अब घुसपैठ करना पहले जैसा आसान नहीं रहा।

पूर्व सेना अधिकारी ब्रिगेडियर (रि.) अनिल गुप्ता कहते हैं:
“पाकिस्तान इस समय भी आतंकियों का इस्तेमाल अपने कूटनीतिक हथियार के रूप में कर रहा है। लेकिन भारतीय सेना ने हर स्तर पर अपनी तैयारियां मजबूत की हैं। बांदीपोरा की यह घटना एक और उदाहरण है कि कैसे हमारी सुरक्षा व्यवस्था दुश्मनों की नापाक साजिशों को विफल कर रही है।”

लोगों का भरोसा बढ़ा

घुसपैठ की इस नाकाम कोशिश के बाद आम लोग भी राहत महसूस कर रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अगर सुरक्षा बल इतनी मुस्तैदी से काम न करें तो आतंकी गांवों और कस्बों तक पहुंच सकते हैं। सेना की कार्रवाई ने लोगों का भरोसा और मजबूत किया है कि घाटी में शांति कायम रहेगी।

निष्कर्ष

बांदीपोरा में घुसपैठ की कोशिश नाकाम होना केवल एक सैन्य सफलता नहीं, बल्कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत नीति का प्रतीक है। यह संदेश साफ है कि भारतीय सेना हर हाल में देश की सीमाओं की सुरक्षा करेगी और आतंकवाद को पनपने नहीं देगी।

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