Sunday, October 19, 2025
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दरभंगा विवाद पर सियासी तूफ़ान: पीएम मोदी और उनकी माँ के खिलाफ अभद्र टिप्पणियों पर अमित शाह और जेपी नड्डा का महागठबंधन पर तीखा हमला

बिहार के दरभंगा में महागठबंधन की रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत माँ के खिलाफ की गई कथित अभद्र टिप्पणियों ने राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया है। भाजपा ने कांग्रेस और राजद पर मर्यादा तोड़ने का आरोप लगाया है। गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस घटना को लोकतंत्र पर कलंक बताते हुए विपक्ष से सार्वजनिक माफ़ी की मांग की है।

बिहार की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। दरभंगा में हाल ही में आयोजित कांग्रेस–राजद समर्थित “वोटर अधिकार यात्रा” के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत माँ हीराबेन मोदी के खिलाफ कथित तौर पर की गई अभद्र टिप्पणियों ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। इस घटना ने न केवल सियासी गरिमा पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि चुनावी समीकरणों को भी और तीखा बना दिया है।

भाजपा का आक्रामक रुख

इस विवाद पर भाजपा ने महागठबंधन पर सीधा हमला बोला है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि यह सिर्फ प्रधानमंत्री का ही नहीं, बल्कि पूरे देश की संस्कृति और मान्यताओं का अपमान है। नड्डा ने कहा—
“दरभंगा की धरती से जिस तरह के अपशब्द प्रधानमंत्री और उनकी दिवंगत माँ के लिए कहे गए, वह न केवल अस्वीकार्य हैं, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र की गरिमा को भी ठेस पहुँचाते हैं।”
उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव से तत्काल माफ़ी की मांग की।

गृह मंत्री अमित शाह ने भी सोशल मीडिया पर कड़ा बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राजद की राजनीति अब “गाली-गलौज और व्यक्तिगत हमलों” तक सिमट गई है। शाह ने लिखा:
“दरभंगा रैली में जो शब्द बोले गए, उन्होंने राजनीति को कलंकित कर दिया है। महागठबंधन नेताओं को समझना चाहिए कि जनता व्यक्तिगत अपमान को कभी माफ़ नहीं करती।”

भाजपा के अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया

भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इसे कांग्रेस की “नीच राजनीति” करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राजद अब जनता को मुद्दों से भटकाने के लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।
“प्रधानमंत्री मोदी की माँ पर टिप्पणी सिर्फ मोदी का नहीं बल्कि हर भारतीय माँ का अपमान है,” मालवीय ने कहा।

वहीं, बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री ने भी राज्य सरकार से कार्रवाई की मांग की। भाजपा नेताओं का कहना है कि इस घटना से बिहार की धरती की गरिमा को ठेस पहुँची है और इसकी भरपाई माफी से भी नहीं हो सकती।

पुलिस में शिकायत और कानूनी पहलू

भाजपा कार्यकर्ताओं ने दरभंगा में इस मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। प्राथमिकी दर्ज कर कुछ नेताओं के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। भाजपा नेताओं का कहना है कि इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी राजनीतिक दल इस स्तर तक न गिरे।

विपक्षी दलों की सफाई

कांग्रेस और राजद ने अभी तक औपचारिक तौर पर माफ़ी नहीं मांगी है। हालांकि, महागठबंधन के कुछ नेताओं ने दावा किया है कि यह मामला “भाजपा द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश” किया जा रहा है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि रैली में भीड़ से उठे नारों को विपक्ष से जोड़ना गलत है। वहीं, राजद नेताओं ने कहा कि भाजपा इस घटना को चुनावी मुद्दा बनाकर जनता का ध्यान असल सवालों से हटाना चाहती है।

चुनावी पृष्ठभूमि और रणनीतिक असर

बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। महागठबंधन और भाजपा, दोनों ही पूरे दमखम से मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। ऐसे में यह विवाद भाजपा को विपक्ष पर सीधा हमला करने का मौका दे रहा है। भाजपा इस घटना को जनता तक “सम्मान बनाम अपमान” के मुद्दे के तौर पर पहुंचाने की कोशिश करेगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि—

  1. भाजपा इसे अपनी चुनावी रैलियों में “मोदी और उनकी माँ का अपमान” बताकर जनता की सहानुभूति बटोरने की कोशिश करेगी।

  2. महागठबंधन, खासकर कांग्रेस और राजद, रक्षात्मक मुद्रा में आ सकते हैं और इससे उनके चुनावी अभियान पर असर पड़ सकता है।

  3. इस विवाद ने बिहार की सियासत को और ज्यादा ध्रुवीकृत कर दिया है।

जनता की प्रतिक्रिया

दरभंगा और आसपास के क्षेत्रों में इस घटना पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। भाजपा समर्थक इसे “सांस्कृतिक अपमान” बता रहे हैं, जबकि महागठबंधन समर्थकों का कहना है कि भाजपा इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से भुना रही है। सोशल मीडिया पर भी यह मामला ट्रेंड कर रहा है।

राजनीतिक गरिमा पर बहस

यह विवाद सिर्फ एक घटना तक सीमित नहीं रहा। इसने राजनीति की भाषा और मर्यादा पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि नेताओं को व्यक्तिगत हमलों और अपमानजनक भाषा से बचना चाहिए क्योंकि इससे लोकतंत्र की साख पर असर पड़ता है।

निष्कर्ष

दरभंगा रैली में हुई घटना ने बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। अमित शाह और जेपी नड्डा का तीखा हमला भाजपा की आक्रामक रणनीति को दर्शाता है, जबकि महागठबंधन बचाव की स्थिति में है। आने वाले दिनों में यह विवाद किस तरह चुनावी माहौल को प्रभावित करेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल इतना तय है कि “पीएम मोदी और उनकी माँ पर टिप्पणी” का मुद्दा बिहार की चुनावी राजनीति में लंबे समय तक गूंजता रहेगा।

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