रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध ने एक बार फिर खतरनाक मोड़ ले लिया है। ताजा घटनाक्रम में रूस ने यूक्रेन के विभिन्न शहरों पर एक भीषण हमला किया। इस हमले में 500 से ज्यादा ड्रोन और 45 मिसाइलें दागी गईं। हमले की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कई घंटों तक राजधानी कीव समेत कई इलाकों में एयर डिफेंस सिस्टम सक्रिय रहा।
🔥 युद्ध की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई
विशेषज्ञों का कहना है कि यह रूस की ओर से यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन और मिसाइल अटैक है। हमले का पैमाना यह दिखाता है कि रूस युद्ध को नए स्तर पर ले जाने की तैयारी कर चुका है। ड्रोन और मिसाइलों का इतना बड़ा इस्तेमाल इस बात का संकेत है कि मॉस्को रणनीतिक रूप से दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।
🏙️ यूक्रेन के शहरों में दहशत
कीव, खारकीव, ओडेसा और ल्विव जैसे प्रमुख शहर इस हमले से बुरी तरह प्रभावित हुए। कई इलाकों में बिजली गुल हो गई और संचार व्यवस्था ठप हो गई। यूक्रेन के गृह मंत्रालय ने बताया कि एयर डिफेंस सिस्टम ने कई मिसाइलों और ड्रोन को मार गिराया, लेकिन कुछ ने अपने निशाने को भी भेदा।
हमले से कई आवासीय इमारतों और ऊर्जा संयंत्रों को नुकसान पहुंचा। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, दर्जनों लोग घायल हुए हैं, जबकि कुछ नागरिकों की मौत की भी खबर है।
🗣️ जेलेंस्की का तीखा बयान
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस हमले की कड़ी निंदा की और रूस पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा:
“मॉस्को जानबूझकर युद्ध को और भड़काना चाहता है। यह हमला न केवल यूक्रेन की संप्रभुता पर बल्कि वैश्विक शांति व्यवस्था पर भी हमला है।”
जेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तुरंत हस्तक्षेप करने और रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग की।
⚔️ रूस का रुख
रूस की ओर से इस हमले को लेकर आधिकारिक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि यह “विशेष सैन्य अभियान” का हिस्सा है और इसके तहत यूक्रेन के रक्षा ठिकानों को निशाना बनाया गया। हालांकि, यूक्रेन ने रूस के इस दावे को झूठा बताया और कहा कि मॉस्को नागरिक इलाकों को निशाना बना रहा है।
🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे “अनुचित आक्रामकता” बताया। व्हाइट हाउस ने कहा कि रूस की यह कार्रवाई वैश्विक स्थिरता को खतरे में डाल रही है। नाटो ने भी रूस से हमले रोकने और बातचीत की राह पर लौटने की अपील की।
भारत, चीन और तुर्की जैसे देशों ने संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान खोजने पर जोर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस हमले के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध एक बार फिर वैश्विक स्तर पर बड़ी चिंता का विषय बन सकता है।
🔎 विश्लेषण: युद्ध का अगला चरण
सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि रूस का यह हमला युद्ध के अगले चरण की शुरुआत है। 500 से ज्यादा ड्रोन और 45 मिसाइलों का इस्तेमाल यह बताता है कि रूस लंबी लड़ाई की तैयारी कर रहा है। साथ ही, यह हमला यूक्रेन की हवाई सुरक्षा क्षमता को परखने और थकाने की रणनीति भी हो सकता है।
दूसरी ओर, यूक्रेन लगातार पश्चिमी देशों से आधुनिक हथियारों और एयर डिफेंस सिस्टम की मांग कर रहा है। इस हमले के बाद संभावना है कि अमेरिका और यूरोप की ओर से यूक्रेन को और बड़ी सैन्य मदद मिल सकती है।
⚠️ बढ़ता मानवीय संकट
इस युद्ध का सबसे बड़ा खामियाजा आम नागरिक भुगत रहे हैं। लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं और बुनियादी जरूरतों की भारी कमी हो रही है। ताजा हमले से स्थिति और गंभीर हो गई है। राहत एजेंसियों का कहना है कि ऊर्जा संयंत्रों पर हमले से सर्दियों में आम लोगों की मुश्किलें और बढ़ेंगी।