हिंसा पर काबू पाने उतरी सेना, Nepal Protest में प्रदर्शनकारियों से हथियार जमा करने को कहा
नेपाल में विरोध प्रदर्शन बेकाबू
नेपाल इस समय बड़े राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। Nepal Protest की शुरुआत युवाओं के आंदोलन से हुई थी, लेकिन अब यह पूरे देश में फैल गया है। काठमांडू से लेकर कई अन्य शहरों तक प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हो रही हैं।
पुलिस के बल प्रयोग के बाद भी हालात काबू में नहीं आए, जिसके चलते अब नेपाली सेना को आगे आना पड़ा है।
सेना की अपील – हथियार सौंपो, नहीं तो कार्रवाई होगी
नेपाली सेना ने मंगलवार को प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों से हथियार और गोलाबारूद बरामद होने की जानकारी मिली है। यह लोकतांत्रिक विरोध के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
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सेना ने अपील की कि जो भी प्रदर्शनकारी हथियार लिए हुए हैं, वे तुरंत आत्मसमर्पण करें।
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अगर किसी के पास हथियार पाए जाते हैं, तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि शांतिपूर्ण आंदोलन का अधिकार सबको है, लेकिन हिंसा और हथियारबंद प्रदर्शन स्वीकार्य नहीं है।
क्यों बढ़ी हिंसा?
Nepal Protest की शुरुआत रोजगार, भ्रष्टाचार और बेहतर शासन की मांगों के साथ हुई थी। लेकिन जैसे-जैसे आंदोलन तेज हुआ, कई जगहों पर भीड़ ने हिंसक रूप धारण कर लिया।
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सरकारी कार्यालयों और पुलिस चौकियों पर हमले हुए।
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कई बसों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
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पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़पें हुईं।
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सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में भीड़ को हथियार लहराते देखा गया।
इसी कारण सेना को सीधे हस्तक्षेप करना पड़ा।
सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच गतिरोध
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश कर रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।
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सरकार का कहना है कि विपक्ष आंदोलन को भड़का रहा है।
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प्रदर्शनकारी दावा कर रहे हैं कि उनकी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
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विपक्ष ने संसद में सरकार को घेरते हुए सेना की तैनाती पर सवाल उठाए हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता
Nepal Protest की हिंसा और सेना के दखल पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता जताई जा रही है।
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भारत और अमेरिका ने नेपाल से शांति और संवाद बनाए रखने की अपील की है।
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चीन ने कहा है कि नेपाल को आंतरिक मामलों को सुलझाने में संयम दिखाना चाहिए।
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संयुक्त राष्ट्र ने चेताया है कि लगातार बढ़ती हिंसा नेपाल की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नुकसान पहुंचा सकती है।
सेना की कड़ी चेतावनी
सेना ने साफ किया है कि अपील को हल्के में न लिया जाए।
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हथियार रखने वालों की तुरंत गिरफ्तारी होगी।
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कानून तोड़ने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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सेना ने नागरिकों से अपील की कि आंदोलन को शांतिपूर्ण रखें और हिंसा से दूर रहें।
निष्कर्ष
Nepal Protest अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। एक ओर जनता अपने गुस्से को सड़कों पर जाहिर कर रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार और सेना कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जद्दोजहद कर रहे हैं।
सेना की अपील और चेतावनी यह संकेत है कि हालात बेहद गंभीर हैं। अगर संवाद और समाधान की राह नहीं निकली तो नेपाल लंबे समय तक अस्थिरता की चपेट में आ सकता है।