मिनियापोलिस कैथोलिक स्कूल में गोलीबारी: 2 बच्चों की मौत, 17 घायल, अमेरिका फिर दहला
अमेरिका एक बार फिर स्कूल में हुई गोलीबारी की भयावह घटना से कांप उठा है। मिनियापोलिस स्थित एक कैथोलिक स्कूल में बुधवार को हुई गोलीबारी में 2 मासूम बच्चों की मौत हो गई जबकि 17 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब अमेरिका में गन-कल्चर और हथियारों की आसान उपलब्धता पर पहले से ही गंभीर बहस छिड़ी हुई है।
घटना कैसे हुई?
स्थानीय पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गोलीबारी की यह घटना सुबह 9 बजे तब हुई जब बच्चे क्लासरूम और प्रेयर हॉल में मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अचानक स्कूल के भीतर फायरिंग की आवाज़ें गूंज उठीं, जिससे भगदड़ मच गई।
पुलिस ने बताया कि संदिग्ध हमलावर एक किशोर छात्र था जिसने स्कूल में घुसकर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि, जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि गोलीबारी के पीछे उसकी असली मंशा क्या थी।
बच्चों और परिवारों पर कहर
इस हमले में मारे गए दोनों बच्चों की उम्र 9 और 11 साल बताई जा रही है। स्कूल प्रशासन ने उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं। घायल छात्रों को नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें कई की हालत गंभीर है।
मृत बच्चों के माता-पिता और परिजन रो-रोकर बेहाल हैं। एक पिता ने मीडिया से कहा:
“मैंने अपने बेटे को सुबह हंसते हुए स्कूल छोड़ा था, कभी सोचा नहीं था कि वह वापस नहीं आएगा।”
यह दर्दनाक बयान अमेरिका में बार-बार हो रही स्कूल शूटिंग्स की भयावह तस्वीर को एक बार फिर सामने लाता है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
मिनियापोलिस पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। स्कूल को तुरंत खाली कराया गया और आसपास के इलाके को सील कर दिया गया। एफबीआई और स्थानीय सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की जांच में जुट गई हैं।
पुलिस कमिश्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:
“हमारे लिए बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। दोषी को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।”
अमेरिका में गन-कल्चर पर सवाल
यह घटना एक बार फिर अमेरिका की गन-नीति और गन-कल्चर को कटघरे में खड़ा करती है। अमेरिका में हथियारों की आसान उपलब्धता और गन लॉबी की ताकत के कारण आम नागरिकों के पास बड़े पैमाने पर हथियार मौजूद हैं।
अमेरिकी शिक्षा विभाग की एक रिपोर्ट बताती है कि 2023 से 2025 के बीच देश में स्कूल शूटिंग की 300 से अधिक घटनाएं हुईं, जिनमें सैकड़ों बच्चे और शिक्षक मारे गए।
राष्ट्रपति जो बाइडेन की प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा:
“यह अमेरिका की आत्मा पर हमला है। हम अपने बच्चों को सुरक्षित रखने में बार-बार विफल नहीं हो सकते। गन लॉज़ को कड़ा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।”
बाइडेन ने कांग्रेस से अपील की है कि वह हथियारों की बिक्री और खरीद पर सख्ती से नियंत्रण लगाए।
समुदाय की प्रतिक्रिया
मिनियापोलिस की स्थानीय कम्युनिटी इस घटना से गुस्से और सदमे में है। स्कूल के बाहर हजारों लोग इकट्ठा होकर पीड़ित परिवारों को समर्थन दे रहे हैं। चर्च और धार्मिक संगठनों ने शांति और सुरक्षा की अपील की है।
एक स्थानीय महिला ने कहा:
“हम अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कूल भेजते हैं, लेकिन वहां से उनकी लाशें मिलती हैं। यह कब तक चलता रहेगा?”
शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य का सवाल
विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार होने वाली ऐसी घटनाओं के पीछे केवल हथियारों की उपलब्धता ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य की समस्या भी बड़ी वजह है। अमेरिकी समाज में तनाव, अवसाद और हिंसक प्रवृत्तियों का बढ़ना भी चिंता का विषय है।
स्कूल मनोवैज्ञानिक डॉ. लिसा एंडरसन का कहना है:
“अमेरिका को केवल गन लॉज़ पर ही नहीं, बल्कि अपने बच्चों और युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीरता से ध्यान देना होगा।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस घटना पर दुनिया के कई नेताओं ने दुख जताया है। भारत, ब्रिटेन और फ्रांस ने अमेरिका के बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई है।
निष्कर्ष
मिनियापोलिस की यह घटना केवल अमेरिका के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा सबसे अहम है। जब तक हथियारों की आसान उपलब्धता पर रोक नहीं लगती और मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से नहीं लिया जाता, तब तक ऐसी त्रासदियां दोहराती रहेंगी।
मासूम बच्चों की मौत ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अमेरिका कभी अपने गन-कल्चर को नियंत्रित कर पाएगा?