लेबनान और इजरायल के बीच तनाव एक बार फिर तेज़ हो गया है। सोमवार को इजरायली सेना ने लेबनान के उत्तर-पूर्वी इलाक़े में हवाई हमले किए, जिनमें पांच लोगों की मौत हो गई। मृतकों में ईरान समर्थित सशस्त्र संगठन हिजबुल्ला के चार सदस्य भी शामिल बताए जा रहे हैं। यह जानकारी लेबनानी अधिकारियों और स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों ने दी है।
यह हमला हर्मेल और बेका प्रांत की सीमा पर हुआ, जो सीरिया से सटा इलाका है। यह इलाका अब तक इजरायली हमलों से अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता रहा है, लेकिन इस ताज़ा कार्रवाई ने एक नया संदेश दे दिया है कि संघर्ष अब उन हिस्सों तक पहुँच रहा है, जहां पहले तक सीधी मुठभेड़ नहीं होती थी।
लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि हमले में पांच लोग घायल भी हुए हैं। घायलों में से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायली लड़ाकू विमानों ने देर रात अचानक हमला किया, जिससे आसपास के गांवों में दहशत का माहौल फैल गया। कई घरों और गाड़ियों को भी नुकसान पहुँचा है।
इस हमले का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि हाल के महीनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिजबुल्ला को लेकर दबाव बढ़ रहा है। अमेरिका और यूरोपीय देशों ने लगातार यह मांग की है कि लेबनान की राजनीतिक व्यवस्था से हिजबुल्ला के सशस्त्र ढांचे को अलग किया जाए और संगठन को पूरी तरह नि:शस्त्र किया जाए। इजरायल लंबे समय से हिजबुल्ला को अपनी सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला केवल सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह इजरायल की ओर से एक रणनीतिक संदेश भी है। उत्तर-पूर्वी इलाका अब तक अपेक्षाकृत शांत रहा था, लेकिन अब वहां कार्रवाई करके इजरायल ने यह दिखा दिया है कि वह किसी भी हिस्से को निशाने पर ले सकता है।
लेबनान में आम लोगों के बीच इस घटना को लेकर आक्रोश भी देखने को मिल रहा है। कई नागरिकों का कहना है कि वे लगातार युद्ध और हिंसा के साए में जीने को मजबूर हैं। वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला आने वाले दिनों में लेबनान-इजरायल रिश्तों को और तनावपूर्ण बना सकता है।
हिजबुल्ला की ओर से इस हमले पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन माना जा रहा है कि संगठन जल्द ही इसका जवाब दे सकता है। पिछले अनुभवों के आधार पर देखा जाए तो हिजबुल्ला प्रायः ऐसे हमलों के बाद सीमा क्षेत्रों में रॉकेट दागकर या घुसपैठ की कोशिश करके प्रतिक्रिया देता है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब स्थिति पर करीबी नज़र रख रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की थी, लेकिन इस ताज़ा हमले ने शांति की उम्मीदों को कमजोर कर दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में लेबनान की राजनीति और क्षेत्रीय सुरक्षा पर इसका क्या असर पड़ता है।