बरसात के मौसम में डेंगू और वायरल बुखार का बढ़ता खतरा: लक्षण, बचाव, घरेलू नुस्खे और डाइट चार्ट
नई दिल्ली: बरसात का मौसम जहां हरियाली और ठंडक लेकर आता है, वहीं यह मौसम मच्छरजनित बीमारियों और वायरल इंफेक्शन के लिए भी सबसे अनुकूल होता है। इसी कारण इस समय डेंगू, चिकनगुनिया और वायरल बुखार जैसी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस वर्ष अगस्त–सितंबर में डेंगू के मामलों में पिछले साल की तुलना में 20–25% वृद्धि दर्ज की गई है। बड़े शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक अस्पतालों में बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
डेंगू और वायरल बुखार क्या है?
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डेंगू: यह Aedes aegypti मच्छर के काटने से फैलने वाली बीमारी है। इसमें तेज बुखार, प्लेटलेट्स की कमी, शरीर और आंखों में दर्द जैसे लक्षण होते हैं।
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वायरल बुखार: यह एक सामान्य संक्रमण है, जो वायरस के कारण होता है। इसमें गले में खराश, तेज सिरदर्द, कमजोरी, थकान और कभी-कभी शरीर में दर्द जैसे लक्षण होते हैं।
डेंगू और वायरल बुखार के लक्षण
डेंगू के प्रमुख लक्षण:
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अचानक तेज बुखार (104°F तक)
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प्लेटलेट्स का गिरना
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शरीर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
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आंखों के पीछे दर्द
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भूख न लगना और उल्टी
वायरल बुखार के प्रमुख लक्षण:
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100–102°F तक बुखार
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गले में खराश
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सिरदर्द और कमजोरी
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नाक बहना और खांसी
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बदन दर्द और थकान
डॉक्टरों की राय
AIIMS दिल्ली के एक वरिष्ठ चिकित्सक का कहना है:
“डेंगू और वायरल बुखार में शुरुआती लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं। लेकिन प्लेटलेट्स की जांच करवाना बेहद जरूरी है। समय पर पहचान और सही इलाज से गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है।”
सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, स्वयं दवा लेना खतरनाक हो सकता है। खासकर डेंगू में पेनकिलर या स्टेरॉइड लेना खतरनाक है क्योंकि यह प्लेटलेट्स को और कम कर सकता है।
बचाव ही सबसे बड़ा इलाज
डेंगू और वायरल से बचने के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है।
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घर और आसपास पानी जमा न होने दें।
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कूलर, टंकी और गमलों का पानी नियमित बदलें।
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पूरी बाजू के कपड़े पहनें और बच्चों को भी मच्छरों से ढककर रखें।
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मच्छरदानी, कॉइल और रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।
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इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ खाएँ।
घरेलू नुस्खे (Home Remedies)
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पपीते के पत्ते का रस – प्लेटलेट्स बढ़ाने में सहायक माना जाता है।
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तुलसी की पत्तियाँ – इम्यूनिटी बढ़ाती हैं और वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं।
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गिलोय का रस – बुखार कम करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर।
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नारियल पानी – शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी पूरी करता है।
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नींबू पानी और फल – शरीर में विटामिन C की मात्रा बढ़ाकर संक्रमण से लड़ने की शक्ति देता है।
डाइट चार्ट – क्या खाएँ और क्या न खाएँ
क्या खाएँ:
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हल्का, सुपाच्य भोजन (खिचड़ी, दलिया, सब्जियों का सूप)
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मौसमी फल (सेब, अनार, पपीता, संतरा)
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पर्याप्त तरल पदार्थ (पानी, नारियल पानी, नींबू पानी)
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हरी सब्जियाँ और विटामिन C युक्त आहार
क्या न खाएँ:
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तैलीय और मसालेदार भोजन
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कोल्ड ड्रिंक्स और पैकेज्ड जूस
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कैफीन और शराब
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बाहर का अस्वच्छ खाना
सरकार और प्रशासन की तैयारी
कई राज्य सरकारों ने डेंगू और वायरल को रोकने के लिए कदम उठाए हैं।
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अस्पतालों में डेंगू वार्ड बनाए गए हैं।
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स्कूलों और कॉलोनियों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
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मच्छरनाशी दवाओं का छिड़काव तेज किया गया है।
सामाजिक जिम्मेदारी
विशेषज्ञ मानते हैं कि केवल सरकारी प्रयास पर्याप्त नहीं।
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हर नागरिक को अपने घर और आसपास सफाई रखनी होगी।
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मोहल्ला और कॉलोनी स्तर पर मिलकर साफ-सफाई अभियान चलाना जरूरी है।
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बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखना होगा क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कम होती है।
निष्कर्ष
बरसात का मौसम जितना ताजगी लाता है, उतना ही बीमारियों का मौसम भी है। डेंगू और वायरल बुखार से बचने के लिए सबसे जरूरी है सतर्कता और समय पर जांच। घरेलू नुस्खों और सही डाइट से रिकवरी जल्दी हो सकती है, लेकिन गंभीर लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना ही समझदारी है।
सही समय पर पहचान, इलाज और बचाव के उपाय अपनाकर हम न केवल खुद को बल्कि अपने परिवार और समाज को भी सुरक्षित रख सकते हैं।