Wednesday, August 27, 2025
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विटामिन B12 की कमी: लक्षण, कारण और इलाज

विटामिन B12 शरीर के लिए बेहद ज़रूरी पोषक तत्व है। इसकी कमी से थकान, कमजोरी, याददाश्त की समस्या, हाथ-पैरों में झनझनाहट और एनीमिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जानिए इसके कारण, लक्षण और इलाज।

आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी और असंतुलित खानपान के कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना आम बात है। इनमें से विटामिन B12 की कमी सबसे सामान्य और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। विटामिन B12 शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) के निर्माण, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी को नज़रअंदाज़ करने पर कई तरह की बीमारियाँ और जटिलताएँ हो सकती हैं।

🔹 विटामिन B12 क्या है?

विटामिन B12, जिसे कोबालामिन (Cobalamin) भी कहा जाता है, एक पानी में घुलनशील विटामिन है। यह मुख्य रूप से पशु-आधारित खाद्य पदार्थों जैसे मांस, अंडे, मछली और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है। शाकाहारी और वेगन लोगों में इसकी कमी ज़्यादा देखने को मिलती है।

🔹 विटामिन B12 की कमी के कारण

  1. खानपान में कमी – मांस, अंडा, दूध जैसी चीजें न खाने वाले लोगों में यह कमी अधिक पाई जाती है।

  2. पाचन तंत्र की समस्या – पेट और आंतों की बीमारियों जैसे गैस्ट्राइटिस, सीलिएक रोग या क्रोन्स डिजीज के कारण शरीर विटामिन B12 को सही तरह से अवशोषित नहीं कर पाता।

  3. बढ़ती उम्र – उम्र बढ़ने के साथ पेट में एसिड का स्तर कम होता है जिससे विटामिन B12 का अवशोषण प्रभावित होता है।

  4. दवाइयों का असर – लंबे समय तक एंटासिड, मेटफॉर्मिन (डायबिटीज की दवा) या कुछ अन्य दवाइयों का सेवन भी B12 की कमी कर सकता है।

🔹 विटामिन B12 की कमी के लक्षण

  • अत्यधिक थकान और कमजोरी

  • बार-बार चक्कर आना

  • याददाश्त और एकाग्रता में कमी

  • हाथ-पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन

  • जीभ में सूजन और जलन

  • सांस फूलना और दिल की धड़कन तेज होना

  • एनीमिया (खून की कमी)

  • चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन

यदि इन लक्षणों को समय रहते नज़रअंदाज़ किया गया तो यह तंत्रिका तंत्र को स्थायी नुकसान भी पहुँचा सकता है।

🔹 विटामिन B12 की कमी का निदान

इसकी जांच के लिए ब्लड टेस्ट (Serum B12 test) कराया जाता है। इसके साथ ही होमोसिस्टीन और एमएमए (Methylmalonic Acid) स्तर की जांच भी की जाती है।

🔹 विटामिन B12 की कमी का इलाज

  1. डाइट में बदलाव

    • नॉनवेज खाने वालों के लिए: अंडे, मछली, चिकन और मांस अच्छे स्रोत हैं।

    • शाकाहारियों के लिए: दूध, दही, पनीर, चीज़ और फोर्टिफाइड सीरियल्स (जिनमें अतिरिक्त B12 मिलाया गया हो)।

  2. सप्लिमेंट्स – डॉक्टर की सलाह पर टैबलेट, कैप्सूल या इंजेक्शन के रूप में विटामिन B12 दिया जाता है।

  3. नियमित जांच – इलाज के दौरान समय-समय पर ब्लड टेस्ट करवाना ज़रूरी है ताकि शरीर में B12 का स्तर सामान्य बना रहे।

🔹 बचाव के उपाय

  • संतुलित आहार लें जिसमें प्रोटीन और डेयरी उत्पाद शामिल हों।

  • अत्यधिक फास्ट फूड और जंक फूड से बचें।

  • नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहें।

  • शुद्ध शाकाहारी लोग डॉक्टर से परामर्श कर B12 सप्लिमेंट जरूर लें।

निष्कर्ष

विटामिन B12 की कमी को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। यह केवल थकान या कमजोरी तक सीमित नहीं है बल्कि तंत्रिका तंत्र और मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालती है। समय रहते सही खानपान और उपचार से इस कमी को दूर किया जा सकता है।

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