रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व है, जिसे पूरे देश में बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई उसकी सुरक्षा का वचन देता है। लेकिन रक्षाबंधन का त्योहार तभी पूर्ण रूप से फलदायी माना जाता है जब इसे शुभ मुहूर्त में मनाया जाए। खासकर, भद्रा काल को लेकर लोग काफी सतर्क रहते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस काल में राखी बांधना अशुभ होता है।
भद्रा क्या है और क्यों मानी जाती है अशुभ?
भद्रा को हिंदू पंचांग के अनुसार विषम काल (अशुभ समय) माना जाता है। जब भद्रा काल सक्रिय होता है तो शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश या राखी बांधना नहीं किया जाता। पुराणों के अनुसार, भद्रा काल में किए गए शुभ कार्यों में विघ्न और बाधाएं आती हैं।
रक्षाबंधन पर भद्रा का असर कैसे होता है?
यदि रक्षाबंधन के दिन भद्रा लगी हो, तो यह समय राखी बांधने के लिए उपयुक्त नहीं होता। इसलिए पंचांग देखकर ही राखी बांधने का मुहूर्त तय करना चाहिए। कई बार भद्रा दिन के कुछ हिस्से में ही होती है और बाद में शुभ मुहूर्त प्रारंभ होता है।
रक्षाबंधन 2025 में भद्रा का समय:
इस वर्ष, रक्षाबंधन के दिन भद्रा कब लगेगी, यह पंचांग के अनुसार निर्धारित होगा। यदि भद्रा दोपहर या शाम तक है, तो राखी बांधने का शुभ समय उसके समाप्त होने के बाद होगा।
(नोट: सही तिथि व समय जानने के लिए स्थानीय पंचांग या ब्राह्मण से सलाह अवश्य लें।)