Thursday, October 16, 2025
Thursday, October 16, 2025
HomeStatesUttar PradeshBallia youth suicide: SC-ST case extortion में 2 लाख रुपये मांगने का...

Ballia youth suicide: SC-ST case extortion में 2 लाख रुपये मांगने का आरोप, गांव में तनाव

बलिया जिले में युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसने आरोप लगाया कि SC-ST केस में विपक्षियों ने 2 लाख रुपये मांगे थे। वायरल वीडियो के बाद पुलिस ने जांच शुरू की है और गांव में तनाव फैल गया है।

बलिया में युवक ने लगाई फांसी, SC-ST केस में 2 लाख मांगने का लगाया आरोप

बलिया की घटना से फैली सनसनी

Ballia youth suicide का मामला पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। बलिया जिले के नगरा थाना क्षेत्र के वीरचन्द्रहा गांव के एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले बनाए गए वीडियो में युवक ने गंभीर आरोप लगाया कि उस पर SC-ST case extortion के तहत विपक्षी पक्ष ने झूठा मुकदमा दर्ज कर दो लाख रुपये की मांग की। इस दर्दनाक घटना ने न केवल गांव में तनाव फैला दिया है बल्कि कानून के दुरुपयोग पर भी गंभीर बहस छेड़ दी है।

खेत विवाद से शुरू हुआ झगड़ा

मृतक युवक के पिता ने बताया कि कुछ दिन पहले गांव में खेत को लेकर विवाद हुआ था। इस विवाद में विपक्षी पक्ष ने उनके बेटे के साथ मारपीट की। इसके बाद युवक के खिलाफ SC-ST एक्ट के तहत केस दर्ज कर दिया गया। परिवार का आरोप है कि यह मुकदमा पूरी तरह झूठा था और विपक्षी पक्ष ने इसे हथियार बनाकर उनके बेटे पर दबाव डाला।

परिजनों का कहना है कि विपक्षियों ने धमकी दी कि अगर मामला सुलझाना है तो दो लाख रुपये देने होंगे, वरना जेल भेजकर जिंदगी बर्बाद कर दी जाएगी। यही तनाव युवक के लिए मानसिक रूप से असहनीय हो गया और उसने अपनी जान देने का फैसला कर लिया।

वायरल वीडियो में दर्द

युवक ने आत्महत्या से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने साफ कहा कि उस पर झूठा SC-ST केस किया गया है और विपक्षी सुलह के लिए दो लाख रुपये मांग रहे हैं। वीडियो में उसकी आवाज और चेहरे पर डर और बेबसी साफ झलक रही है।

यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों में गुस्सा और सहानुभूति दोनों की लहर दौड़ गई। गांव में चर्चा का माहौल है कि यदि वाकई युवक से इस तरह पैसों की मांग की गई थी तो यह न केवल कानून का दुरुपयोग है बल्कि किसी की जान लेने के बराबर अपराध है।

पुलिस की प्रतिक्रिया और जांच

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बलिया पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वायरल वीडियो को जांच का हिस्सा बनाया जाएगा और यदि किसी ने वास्तव में जबरन धन उगाही की है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

पुलिस फिलहाल दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर रही है और जांच की दिशा में सबूत जुटाए जा रहे हैं। हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस को शुरुआत से ही निष्पक्ष और तेज़ कार्रवाई करनी चाहिए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।

SC-ST एक्ट पर उठे सवाल

इस घटना के बाद SC-ST एक्ट के दुरुपयोग की बहस एक बार फिर तेज हो गई है। यह कानून अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से जुड़े लोगों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था। लेकिन कई बार इस कानून के दुरुपयोग की शिकायतें सामने आती रही हैं।

कानून विशेषज्ञों का कहना है कि इस एक्ट की संवेदनशीलता को देखते हुए किसी भी झूठे मुकदमे की वजह से निर्दोष व्यक्ति की जिंदगी बर्बाद हो सकती है। बलिया की यह घटना इसका ताज़ा उदाहरण है, जिसने न केवल एक परिवार को तबाह कर दिया बल्कि समाज को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।

विपक्ष और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया

घटना सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ रही है और निर्दोष लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है।

वहीं, कुछ सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले में निष्पक्ष जांच और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक लोग कानून पर भरोसा खोते जाएंगे।

गांव में तनाव और शोक का माहौल

वीरचन्द्रहा गांव में युवक की मौत के बाद मातम पसरा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोगों का कहना है कि युवक शांत स्वभाव का था और कभी किसी से दुश्मनी नहीं रखता था। लेकिन झूठे केस और पैसों की मांग ने उसे अंदर से तोड़ दिया।

गांव में तनाव का माहौल है और प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है।

निष्कर्ष: न्याय और जिम्मेदारी का सवाल

बलिया की यह घटना केवल एक आत्महत्या नहीं है, बल्कि यह हमारी न्याय व्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने पर गंभीर सवाल उठाती है। यदि सचमुच युवक से 2 लाख रुपये की मांग की गई थी तो यह कानून का घोर दुरुपयोग है।

इस घटना से स्पष्ट है कि संवेदनशील कानूनों का इस्तेमाल केवल सुरक्षा और न्याय के लिए होना चाहिए, न कि निजी फायदे या बदले की भावना से। प्रशासन और न्यायपालिका को चाहिए कि इस मामले की निष्पक्ष और तेज़ जांच कर दोषियों को सजा दे और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाए।

संबंधित खबरें

Most Popular

HTML Snippets Powered By : XYZScripts.com