भारत सरकार ने आज नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) नीति 2025 लॉन्च की, जिसका उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के अपनाने की रफ्तार को तेज़ करना है। इस नीति के तहत ग्राहकों को अधिक सब्सिडी, रोड टैक्स में छूट, रजिस्ट्रेशन फीस माफ और चार्जिंग स्टेशनों के तेज़ विस्तार जैसे कई फायदे मिलेंगे।
मुख्य बिंदु
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ग्राहक लाभ: इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर अब 2.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर पर 25,000 रुपये तक का लाभ।
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कर छूट: रोड टैक्स में 100% छूट और ब्याज दरों पर रियायत।
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चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर: अगले 3 साल में 1 लाख से अधिक सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन लगाने का लक्ष्य।
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स्थानीय उत्पादन: बैटरी और EV कंपोनेंट्स के स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए PLI (Production Linked Incentive) स्कीम का विस्तार।
सरकार की मंशा
नीति लॉन्च करते हुए परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “हमारा लक्ष्य 2030 तक भारत को EV हब बनाना है। यह नीति न केवल प्रदूषण कम करेगी बल्कि नई नौकरियों और उद्योगों के अवसर भी पैदा करेगी।”
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
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टाटा मोटर्स के CEO ने इसे “गेम चेंजर” बताया और कहा कि इससे EV की मांग में भारी इज़ाफा होगा।
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ओला इलेक्ट्रिक के संस्थापक भाविश अग्रवाल ने ट्वीट कर लिखा, “यह नीति हमें दुनिया के टॉप EV मार्केट्स में शामिल करेगी।”
लोगों का नजरिया
दिल्ली की एक आईटी प्रोफेशनल ने कहा, “पहले EV महंगी लगती थी, लेकिन अब सब्सिडी और टैक्स छूट के बाद मैं जरूर लेने का सोच रही हूँ।”
वहीं पुणे के एक कैब ड्राइवर का कहना है, “अगर चार्जिंग स्टेशन ज्यादा होंगे तो मैं भी इलेक्ट्रिक कार लूँगा, ईंधन की बचत होगी।”
पर्यावरण पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि EV अपनाने से पेट्रोल-डीज़ल पर निर्भरता घटेगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। अनुमान है कि अगर यह नीति सही ढंग से लागू होती है तो 2030 तक प्रदूषण में 35% तक कमी संभव है।
भविष्य की योजना
सरकार ने कहा है कि EV खरीदने वालों को लोन प्रोसेस आसान बनाने और बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क बढ़ाने पर भी काम किया जाएगा। साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी चार्जिंग पॉइंट लगाए जाएंगे।