देशभर में “हर घर तिरंगा” अभियान इस समय जन-जन का आंदोलन बन चुका है। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत शुरू किया गया यह अभियान सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि नागरिकों के दिलों में राष्ट्रभक्ति जगाने का माध्यम बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान को गति देते हुए देशवासियों से अपील की थी कि 15 अगस्त तक हर घर, हर गली, हर दुकान और हर संस्थान पर तिरंगा लहराना चाहिए, ताकि स्वतंत्रता दिवस पर पूरा भारत तिरंगे के रंग में रंग जाए।
अभियान का उद्देश्य
“हर घर तिरंगा” अभियान का मुख्य उद्देश्य नागरिकों में राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान और भावनात्मक जुड़ाव को और मजबूत करना है। आज का भारत केवल इतिहास को याद नहीं कर रहा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को यह सिखा रहा है कि तिरंगा केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि बलिदान, एकता और गर्व का प्रतीक है।
जनभागीदारी की लहर
-
दिल्ली से लेकर कोलकाता, बेंगलुरु से लेकर लद्दाख तक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #HarGharTiranga और #MeriShaanMeraTiranga ट्रेंड कर रहे हैं।
-
स्कूलों में बच्चे तिरंगा लेकर रैलियाँ निकाल रहे हैं, मोहल्लों में लोग मिलकर ध्वजारोहण की तैयारी कर रहे हैं।
-
कई कंपनियां और संस्थान भी अपने कैंपस और बिल्डिंग को तिरंगे की रोशनी से सजा रही हैं।
डिजिटल तिरंगा अभियान
सरकार ने इस बार अभियान में डिजिटल टच जोड़ा है। Har Ghar Tiranga पोर्टल पर लोग अपनी लोकेशन के साथ तिरंगा फहराने की सेल्फी अपलोड कर रहे हैं। अब तक करोड़ों लोग इस डिजिटल मैप पर अपना नाम जोड़ चुके हैं, जिससे यह एक विश्वस्तरीय नागरिक आंदोलन का रूप ले चुका है।
व्यापारियों और ग्रामीण भारत की भूमिका
गांव-गांव में पंचायतें और स्थानीय निकाय इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। बाजारों में तिरंगे की बिक्री अपने चरम पर है और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं हाथ से तिरंगा सिल रही हैं। यह न सिर्फ राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है, बल्कि स्थानीय कारीगरों के लिए आर्थिक अवसर भी बना है।
मानवीय जुड़ाव और भावनाएं
वाराणसी के एक बुजुर्ग स्वतंत्रता सेनानी ने बताया—
“हमने आजादी के लिए अपना जीवन दिया, और आज जब मैं हर घर पर तिरंगा लहराता देखता हूं, तो लगता है कि हमारी कुर्बानी व्यर्थ नहीं गई।”
इस तरह के अनुभव बताते हैं कि यह अभियान केवल दिखावे का नहीं, बल्कि दिल से जुड़ा है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान
विदेशों में बसे भारतीय समुदाय भी इस अभियान से जुड़ रहे हैं। लंदन, न्यूयॉर्क, दुबई और सिंगापुर में भारतीय तिरंगा रैलियाँ आयोजित कर रहे हैं, जिससे भारत की सांस्कृतिक एकता का संदेश दुनिया तक पहुँच रहा है।
मानवीय दृष्टिकोण (Human Touch)
आज का “हर घर तिरंगा” अभियान हमें यह याद दिलाता है कि भले ही हम अलग-अलग भाषाएं बोलते हों, अलग-अलग संस्कृतियों में जीते हों, लेकिन तिरंगे के नीचे हम सब एक हैं। यह अभियान हमें सिखाता है कि देशभक्ति केवल 15 अगस्त या 26 जनवरी तक सीमित नहीं है—यह एक निरंतर भावना है जिसे हम अपने जीवन के हर दिन जी सकते हैं।