नई दिल्ली की गर्म दोपहरी में आज सियासी पारा अचानक चढ़ गया। संसद से कुछ ही दूरी पर, भीड़ के बीच हाथ में तिरंगा और नारों की गूंज के साथ राहुल गांधी और विपक्षी नेता आगे बढ़ रहे थे। उनका गंतव्य था चुनाव आयोग का दफ्तर — लेकिन रास्ता बीच में ही रोक दिया गया।
यह मार्च INDIA गठबंधन के नेताओं का था, जो चुनाव आयोग के कामकाज और खासकर हालिया ‘वोट चोरी’ विवाद के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे। पुलिस ने संसद मार्ग पर बैरिकेड खड़े कर दिए। कुछ ही मिनटों में माहौल और गर्म हो गया और नारेबाजी तेज।
राहुल गांधी, जो सबसे आगे खड़े थे, ने मीडिया से कहा, “हम सिर्फ अपना लोकतांत्रिक हक मांग रहे हैं। अगर इसके लिए गिरफ्तारी देनी पड़े, तो हम तैयार हैं।”
पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए राहुल गांधी समेत कई नेताओं को हिरासत में लिया। थोड़ी देर बाद, इन्हें अलग-अलग पुलिस वाहनों में ले जाया गया।
पृष्ठभूमि में, चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को एक नोटिस भेजा है जिसमें उनसे “वोट चोरी” बयान के सबूत देने या माफी मांगने को कहा गया है। आयोग का कहना है कि निराधार आरोप लोकतांत्रिक संस्थाओं की साख को नुकसान पहुंचाते हैं।
राजधानी में यह सियासी टकराव ऐसे समय हो रहा है जब देश 2025 के आम चुनाव की तैयारियों में जुटा है, और हर दिन नए बयान, आरोप-प्रत्यारोप और सड़क पर उतरते नेता—सब मिलकर माहौल को और गरमा रहे हैं।