भारत का प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा तालिबान: अफगान सेना के प्रहार से हिला पाकिस्तान, सीजफायर पर संकट गहराया
भारत का प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा तालिबान — यह दावा अफगान सुरक्षा सूत्रों और अंतरराष्ट्रीय रक्षा विशेषज्ञों का है, जिन्होंने चेताया है कि पाकिस्तान समर्थित तालिबान भारत को निशाना बनाकर अफगानिस्तान की स्थिरता को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। अफगान सेना ने हाल ही में तालिबान के कई ठिकाने ध्वस्त किए हैं, जिससे पाकिस्तान बौखला गया है। वहीं, घोषित सीजफायर के टिके रहने पर भी गंभीर संदेह जताया जा रहा है।
अफगानिस्तान में फिर से बढ़ा तनाव: ‘सीजफायर सिर्फ दिखावा’
अफगानिस्तान में पिछले कुछ हफ्तों में तालिबान और अफगान सुरक्षा बलों के बीच झड़पें तेज हुई हैं। भारत का प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा तालिबान – इस कथन को बल तब मिला जब खुफिया रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ कि तालिबान के कई कमांडर पाकिस्तान से संचालित हो रहे हैं।
अफगान सेना के प्रवक्ता जनरल अब्दुल करीम हकीमी ने कहा, “पाकिस्तान शांति नहीं चाहता। तालिबान अब भारत को निशाना बनाकर हमारी नीतियों को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। यह एक प्रॉक्सी वॉर है जो भारत के खिलाफ छेड़ा गया है।”
पाकिस्तान की भूमिका पर उठे सवाल
भारत का प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा तालिबान – यह आरोप नया नहीं है। पाकिस्तान दशकों से अफगानिस्तान की राजनीति में ‘स्ट्रैटेजिक डेप्थ’ की नीति पर काम कर रहा है। उसका मकसद है अफगानिस्तान में ऐसा शासन स्थापित करना जो भारत-विरोधी और इस्लामाबाद-समर्थक हो।
सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में तालिबान के कई वरिष्ठ नेताओं की बैठकें क्वेटा और पेशावर में हुईं, जहां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के अधिकारी भी मौजूद थे। इन बैठकों में भारत की अफगान परियोजनाओं को नुकसान पहुंचाने की रणनीति पर चर्चा हुई।
अफगान सेना की करारी जवाबी कार्रवाई
भारत का प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा तालिबान – लेकिन इस बार अफगानिस्तान पहले से ज्यादा तैयार है। अफगान नेशनल डिफेंस एंड सिक्योरिटी फोर्स (ANDSF) ने हाल ही में कंधार, हेलमंद और कुंदुज में तालिबान के ठिकानों पर जबरदस्त कार्रवाई की है।
इन ऑपरेशनों में करीब 75 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया और पाकिस्तान से आए हथियार बरामद किए गए। अफगान रक्षा मंत्रालय ने कहा, “हम जानते हैं कि तालिबान पाकिस्तान के निर्देशों पर भारत के हितों को निशाना बना रहा है। लेकिन अब हम किसी भी बाहरी दबाव में नहीं झुकेंगे।”
भारत की भूमिका: ‘डेवलपमेंट से डिप्लोमेसी तक’
भारत का प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा तालिबान — इस आरोप के संदर्भ में भारत ने अपनी स्थिति साफ की है कि वह अफगानिस्तान में केवल विकास और स्थिरता का समर्थक है। भारत ने अब तक 3 अरब डॉलर से अधिक की सहायता अफगान पुनर्निर्माण में दी है।
काबुल-सलमा डैम, संसद भवन और सड़क परियोजनाओं जैसे कई प्रोजेक्ट्स भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। हालांकि, इन परियोजनाओं को निशाना बनाने के पीछे पाकिस्तान का ‘रणनीतिक डर’ है। वह नहीं चाहता कि अफगान जनता भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता
भारत का प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा तालिबान — इस स्थिति पर अमेरिका, रूस और संयुक्त राष्ट्र ने चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान तालिबान को हथियार, प्रशिक्षण और शरण दे रहा है, जिससे शांति प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
यूएन के दक्षिण एशिया मामलों के अधिकारी एरिक मिशेल ने कहा, “अगर पाकिस्तान अपनी जमीन पर तालिबान को रोकने में विफल रहता है, तो यह संघर्ष पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर सकता है।”
अफगानिस्तान का नया संदेश: ‘अब कोई ढील नहीं’
अफगानिस्तान सरकार ने साफ किया है कि अगर तालिबान सीजफायर का उल्लंघन करता है, तो जवाबी कार्रवाई और कड़ी होगी। अफगान राष्ट्रपति के सलाहकार अमरुल्ला सालेह ने कहा, “हम पाकिस्तान की चालों को अच्छी तरह जानते हैं। भारत हमारा रणनीतिक साझेदार है, और कोई भी उसे निशाना नहीं बना सकता।”
भारत का प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा तालिबान — इस बयानबाजी के बाद यह स्पष्ट है कि काबुल अब अपने हितों की रक्षा के लिए निर्णायक रुख अपना चुका है।
विशेषज्ञों का विश्लेषण: ‘पाकिस्तान का भ्रम टूटा’
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान तालिबान को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहता था, लेकिन अफगान सेना के मजबूत प्रतिरोध ने उसके भ्रम को तोड़ दिया है।
रक्षा विश्लेषक ब्रिगेडियर (रि.) आर.के. शर्मा कहते हैं, “भारत का प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा तालिबान — यह पाकिस्तान की असफल नीति का प्रतिबिंब है। अफगान सेना ने साबित कर दिया कि पाकिस्तान अब क्षेत्र में अपने पुराने प्रभाव को बनाए नहीं रख सकता।”
सीजफायर पर संकट: ‘टिकेगा नहीं यह समझौता’
अफगान और अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि तालिबान का घोषित सीजफायर महज एक रणनीतिक चाल है। अफगान सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, पाकिस्तान चाहता है कि सीजफायर के नाम पर तालिबान को फिर से संगठित होने का मौका मिले।
भारत का प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा तालिबान — अगर यह ट्रेंड जारी रहा, तो सीजफायर जल्द ही टूट सकता है। इसके संकेत अफगान बॉर्डर पर बढ़ते हमलों से मिल रहे हैं।
क्षेत्रीय प्रभाव और भारत की कूटनीति
भारत अब अफगानिस्तान के साथ-साथ ईरान और मध्य एशिया के देशों के साथ भी अपने सुरक्षा संबंधों को गहरा कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, “भारत अब किसी भी हालत में पाकिस्तान को अफगानिस्तान में अपनी पकड़ मजबूत नहीं करने देगा।”
भारत का प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा तालिबान — इस वक्तव्य के पीछे अफगानिस्तान का इशारा स्पष्ट है कि भारत की मौजूदगी पाकिस्तान के हितों के खिलाफ है, लेकिन यह मौजूदगी अब स्थायी है।
निष्कर्ष
भारत का प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा तालिबान — यह वाक्य केवल एक बयान नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया में बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों का प्रतिबिंब है। पाकिस्तान की पुरानी रणनीति अब काम नहीं आ रही। अफगान सेना की ताकत, भारत की स्थिरता नीति और अंतरराष्ट्रीय दबाव ने इस्लामाबाद को चारों ओर से घेर लिया है।
सीजफायर टिकेगा या नहीं, यह आने वाले कुछ हफ्तों में तय होगा। लेकिन एक बात स्पष्ट है — अब अफगानिस्तान पाकिस्तान के आदेश पर नहीं, बल्कि अपने राष्ट्रीय हितों और भारत जैसे भरोसेमंद साझेदारों के साथ खड़ा रहेगा।