दिल्ली में लागू होगा ToD प्लान: खट्टर ने बताया कैसे पॉल्यूशन फ्री बनेगी राजधानी
दिल्ली में लागू होगा ToD प्लान – प्रदूषण पर कसेगा शिकंजा
दिल्ली में लागू होगा ToD प्लान (Transit Oriented Development Plan) — यह ऐलान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया। उन्होंने कहा कि इस योजना से राजधानी दिल्ली की हवा साफ करने और उसे पॉल्यूशन फ्री बनाने का लक्ष्य रखा गया है। ToD योजना न केवल पर्यावरण को सुधारने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी, बल्कि शहरी ढांचे और लोगों की जीवनशैली में भी बड़ा बदलाव लाएगी।
क्या है ToD प्लान और क्यों ज़रूरी है दिल्ली के लिए?
दिल्ली में लागू होगा ToD प्लान — इसका उद्देश्य है शहर को ट्रांसपोर्ट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट की ओर ले जाना।
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यह प्लान सार्वजनिक परिवहन पर आधारित शहरी विकास का मॉडल है।
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लोगों को मेट्रो, बस, पैदल रास्तों और साइकिलिंग ट्रैक की ओर प्रोत्साहित किया जाएगा।
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निजी वाहनों की निर्भरता घटेगी, जिससे ट्रैफिक और प्रदूषण दोनों कम होंगे।
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उच्च घनत्व वाले क्षेत्रों में आवास, ऑफिस और कॉमर्शियल हब पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नज़दीक विकसित होंगे।
खट्टर ने बताया – कैसे बनेगी दिल्ली पॉल्यूशन फ्री
मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि दिल्ली में लागू होगा ToD प्लान तो इससे राजधानी की हवा साफ होगी और पर्यावरण संतुलन बनेगा। उन्होंने इसके फायदे इस प्रकार बताए:
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सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा
मेट्रो और बस के नज़दीक मल्टी-स्टोरी हाउसिंग और दफ्तर बनाने की योजना है। लोग निजी गाड़ियों के बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करेंगे। -
ग्रीन ट्रांसपोर्ट को प्रोत्साहन
साइकिलिंग ट्रैक और पैदल चलने के लिए सुरक्षित पथ बनाए जाएंगे। इससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा। -
रहने और काम करने की जगह पास
शहर का स्ट्रक्चर ऐसा होगा कि लोगों को ऑफिस जाने में लंबा सफर तय न करना पड़े। इससे ईंधन खपत और ट्रैफिक प्रदूषण घटेगा। -
स्मार्ट एनर्जी सिस्टम
ToD प्लान के तहत सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचयन और ऊर्जा-कुशल बिल्डिंग्स को बढ़ावा दिया जाएगा।
दिल्ली में प्रदूषण की मौजूदा स्थिति और चुनौतियाँ
दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में गिनी जाती है।
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सर्दियों में स्मॉग और AQI का स्तर 400 से ऊपर पहुँच जाता है।
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वाहनों से होने वाला प्रदूषण राजधानी के कुल प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान देता है।
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धूल, निर्माण कार्य और औद्योगिक उत्सर्जन भी बड़ी चुनौती हैं।
इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए दिल्ली में लागू होगा ToD प्लान ताकि पर्यावरणीय दबाव को कम किया जा सके।
ToD प्लान के लाभ – नागरिकों और शहर के लिए
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प्रदूषण में कमी
पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर आधारित ढांचा प्रदूषण को घटाएगा। -
यातायात सुगमता
ट्रैफिक जाम कम होंगे, सफर का समय घटेगा। -
आर्थिक विकास
ToD क्षेत्रों में रियल एस्टेट और बिज़नेस की संभावनाएँ बढ़ेंगी। -
बेहतर जीवनशैली
लोग साइकिलिंग, पैदल चलना और ग्रीन ट्रांसपोर्ट अपनाएंगे।
कैसे लागू होगा दिल्ली में ToD प्लान?
खट्टर ने बताया कि दिल्ली में लागू होगा ToD प्लान तो इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा:
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सबसे पहले दिल्ली मेट्रो कॉरिडोर और बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) के आसपास पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा।
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इसके बाद इसे पूरे शहर में फैलाया जाएगा।
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भूमि उपयोग और मास्टर प्लान में बदलाव कर ToD ज़ोन चिह्नित किए जाएंगे।
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इन ज़ोन में भवन निर्माण नियम, घनत्व और फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) बदले जाएंगे।
विशेषज्ञों की राय – क्या सफल होगा ToD प्लान?
शहरी विकास विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दिल्ली में लागू होगा ToD प्लान सही तरीके से लागू होता है, तो राजधानी पॉल्यूशन फ्री बनने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा सकती है। लेकिन चुनौतियाँ भी हैं:
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लोगों को निजी गाड़ी छोड़कर सार्वजनिक परिवहन अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
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साइकिलिंग और पैदल पथ को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाना।
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रियल एस्टेट और डेवलपर्स को ToD ज़ोन में निवेश के लिए प्रेरित करना।
अंतरराष्ट्रीय उदाहरण और दिल्ली के लिए सबक
ToD मॉडल पहले से कई देशों में सफल रहा है:
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सिंगापुर और जापान ने सार्वजनिक परिवहन आधारित शहरीकरण अपनाकर प्रदूषण कम किया।
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लंदन और पेरिस ने ट्रैफिक रिंग्स और ग्रीन ज़ोन बनाकर प्रदूषण घटाया।
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दिल्ली इन मॉडलों से सीख लेकर अपने ToD प्लान को और प्रभावी बना सकती है।
निष्कर्ष – दिल्ली में लागू होगा ToD प्लान और पॉल्यूशन फ्री राजधानी का सपना
दिल्ली में लागू होगा ToD प्लान तो यह राजधानी को पॉल्यूशन फ्री बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम होगा। खट्टर का मानना है कि इस योजना से न केवल हवा साफ होगी बल्कि नागरिकों का जीवन स्तर भी सुधरेगा। यह योजना दिल्ली को एक ग्रीन, क्लीन और स्मार्ट सिटी बनाने की ओर ले जाएगी।