Friday, October 17, 2025
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यूरोपीय हवाई अड्डों पर साइबर हमला: ब्रसेल्स और लंदन हीथ्रो की उड़ान सेवाएँ बाधित, यात्रियों में हड़कंप

यूरोपीय हवाई अड्डों पर साइबर हमला होने से ब्रसेल्स और लंदन हीथ्रो समेत कई बड़े एयरपोर्ट्स की संचालन व्यवस्था ठप हो गई। इस साइबर हमले ने फ्लाइट शेड्यूल, चेक-इन सिस्टम और सिक्योरिटी क्लियरेंस पर बड़ा असर डाला। यात्रियों को घंटों लंबी कतारों और उड़ानों की देरी का सामना करना पड़ा।

यूरोपीय हवाई अड्डों पर साइबर हमला: ब्रसेल्स और लंदन हीथ्रो में संचालन ठप, यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं

यूरोप के कई बड़े हवाई अड्डे गुरुवार को अचानक ठप हो गए, जब एक बड़े पैमाने पर साइबर हमला हुआ। यूरोपीय हवाई अड्डों पर साइबर हमला की वजह से ब्रसेल्स एयरपोर्ट और लंदन हीथ्रो समेत कई प्रमुख एयरपोर्ट्स की फ्लाइट और चेक-इन सेवाएँ प्रभावित हुईं।

यूरोपीय हवाई अड्डों पर साइबर हमला कैसे हुआ?

  • रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुबह 6 बजे के आसपास अचानक ब्रसेल्स एयरपोर्ट का आईटी नेटवर्क डाउन हो गया।

  • थोड़ी देर बाद लंदन हीथ्रो और अन्य यूरोपीय एयरपोर्ट्स पर भी यही समस्या दिखी।

  • साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला रैनसमवेयर अटैक हो सकता है।

  • एयरपोर्ट्स के कंप्यूटर सिस्टम लॉक हो गए और सभी डिजिटल सेवाएँ ठप पड़ गईं।

ब्रसेल्स एयरपोर्ट पर हालात

यूरोपीय हवाई अड्डों पर साइबर हमला का सबसे ज्यादा असर ब्रसेल्स एयरपोर्ट पर देखा गया।

  • हजारों यात्री चेक-इन काउंटर पर घंटों लाइन में खड़े रहे।

  • फ्लाइट्स में देरी होने लगी और कई उड़ानें कैंसिल करनी पड़ीं।

  • एयरपोर्ट प्रशासन ने कहा कि स्थिति को काबू में लाने के लिए वैकल्पिक सिस्टम लागू किए जा रहे हैं।

लंदन हीथ्रो पर साइबर हमले का असर

यूरोप का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा लंदन हीथ्रो भी इस साइबर हमले से प्रभावित हुआ।

  • यात्री सुरक्षा जांच और बोर्डिंग प्रक्रिया में बड़ी बाधाएँ आईं।

  • कई उड़ानों को डायवर्ट कर अन्य एयरपोर्ट्स पर भेजा गया।

  • एयरपोर्ट प्रबंधन ने यात्रियों से शांति बनाए रखने और केवल जरूरी यात्रा करने की अपील की।

यूरोपीय हवाई अड्डों पर साइबर हमला और सुरक्षा चुनौतियाँ

विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला सिर्फ आईटी नेटवर्क को नहीं बल्कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल और सुरक्षा सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है।

  • अगर साइबर अपराधी एयर ट्रैफिक डेटा तक पहुँच जाते हैं, तो यह बेहद खतरनाक स्थिति हो सकती है।

  • फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि उड़ानों की सुरक्षा से कोई समझौता हुआ है या नहीं।

यात्रियों की परेशानियाँ

  • यात्रियों ने सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर किया।

  • एक यात्री ने लिखा, “हम 5 घंटे से कतार में खड़े हैं, कोई जानकारी नहीं मिल रही।”

  • दूसरे ने कहा, “ब्रसेल्स एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मची हुई है। स्टाफ भी सही जानकारी नहीं दे पा रहा।”

यूरोपीय हवाई अड्डों पर साइबर हमला और जांच

यूरोपीय संघ (EU) की साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

  • शुरुआती जांच में यह हमला बाहरी देशों से जुड़ा साइबर नेटवर्क का हो सकता है।

  • विशेषज्ञ मानते हैं कि यह हमला किसी राज्य प्रायोजित साइबर ग्रुप की तरफ से भी किया जा सकता है।

  • जांच एजेंसियाँ यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या यह हमला समन्वित तरीके से कई एयरपोर्ट्स को निशाना बनाने के लिए किया गया।

पहले भी हुए यूरोपीय हवाई अड्डों पर साइबर हमले

यह पहली बार नहीं है जब यूरोपीय हवाई अड्डों पर साइबर हमला हुआ हो।

  • 2022 में भी इसी तरह का हमला जर्मनी के कई एयरपोर्ट्स पर हुआ था।

  • 2023 में एम्सटर्डम एयरपोर्ट पर भी हैकर्स ने सिस्टम डाउन कर दिया था।

  • हर बार इन हमलों ने साबित किया है कि एयरपोर्ट्स साइबर अपराधियों के लिए आसान निशाना बनते जा रहे हैं।

सुरक्षा उपाय और आगे की रणनीति

विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि—

  • एयरपोर्ट्स को अपने आईटी सिस्टम को और अधिक सुरक्षित बनाना होगा।

  • साइबर हमलों से बचने के लिए बैकअप नेटवर्क और रियल-टाइम मॉनिटरिंग जरूरी है।

  • एयरपोर्ट्स को आपसी सहयोग और सूचना साझाकरण बढ़ाना होगा।

आर्थिक और सामाजिक असर

यूरोपीय हवाई अड्डों पर साइबर हमला ने हजारों यात्रियों की योजनाओं को प्रभावित किया।

  • एयरलाइंस को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

  • व्यापार और टूरिज्म पर बड़ा असर हुआ।

  • विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह हमला लंबे समय तक चलता है तो यूरोप की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा।

निष्कर्ष

यूरोपीय हवाई अड्डों पर साइबर हमला ने यह साफ कर दिया है कि डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है। ब्रसेल्स और लंदन हीथ्रो जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर इसका असर बताता है कि किसी भी देश की महत्वपूर्ण संरचना साइबर अपराधियों के निशाने पर है। जांच एजेंसियों की रिपोर्ट से ही पता चलेगा कि यह हमला किसने और क्यों किया, लेकिन इस घटना ने वैश्विक स्तर पर सुरक्षा एजेंसियों की चिंता जरूर बढ़ा दी है।

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