Masood Azhar के परिवार की तबाही: JeM कमांडर ने स्वीकार किया Op Sindoor का सभ्य हादसा
Masood Azhar के परिवार की तबाही उस दिन सार्वजनिक तौर पर स्वीकार की गई जब Jaish-e-Mohammad (JeM) के शीर्ष कमांडर Masood Ilyas Kashmiri ने एक वायरल वीडियो में कहा कि 7 मई को Operation Sindoor के दौरान पाकिस्तान के Bahawalpur में Masood Azhar के परिवार के कई सदस्यों को इतनी भयानक चोटें आईं कि उन्हें “तुकड़ों में बिखर” देना पड़ा। यह बयान उस पूरे विवाद को एक नई क्रूरता और गंभीरता देता है।
Masood Azhar के परिवार की तबाही – Op Sindoor की पृष्ठभूमि
क्या है Operation Sindoor?
भारत सरकार ने 7 मई, 2025 की रात Operation Sindoor नामक सैन्य अभियान चलाया था, जिसमें Jaish-e-Mohammad, Lashkar-e-Taiba आदि आतंकवादी संस्थाओं के अहम ढांचे को निशाना बनाया गया था। Bahawalpur (पाकिस्तान), Kotli, Muridke जैसे ठिकानों पर हवाई हमले और मिसाइल हमले किए गए।
JeM का दावा और Masood Azhar के परिवार पर असर
JeM प्रमुख Masood Azhar ने माना कि इस हमले में Masood Azhar के परिवार की तबाही हुई जिसमें उनके कई करीबी रिश्तेदार और सहयोगी मारे गए।
उनके बयान के अनुसार, मारे गए सदस्यों में शामिल थे उनकी बडी बहन और उसके पति, एक भतीजा-भतीजी, एक भतीजी, पाँच बच्चे, कुछ सहायक और अन्य रिश्तेदार।
JeM कमांडर की स्वीकारोक्ति और वीडियो
Masood Ilyas Kashmiri का बयान
वीडियो में JeM कमांडर Masood Ilyas Kashmiri स्पष्ट रूप से बताए कि Masood Azhar के परिवार की तबाही इस हमले का हिस्सा थी। उन्होंने कहा है कि भारतीय बलों ने उनके ठिकाने पर धावा बोला और परिवार के लोगों को मार दिया, जिसके परिणाम स्वरूप “तुकड़ों में बिखरने” की घटना हुई।
सोशल मीडिया और पारदर्शिता की मांग
यह स्वीकारोक्ति वायरल हो गई है। सोशल मीडिया उपयोगकर्ता और मीडिया हाउस सवाल कर रहे हैं कि इस तरह की घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग कहाँ से हुई, क्या तथ्यात्मक जांच हुई है, और क्या इसने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन किया है। भी ये सवाल उठ रहे हैं कि भारत की ओर से कही गई “सिर्फ आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया गया” वाली दलील कितनी सत्य है।
Masood Azhar के परिवार की तबाही – भारत-पाकिस्तान की दलीलें
भारत का पक्ष
भारत की सरकार का कहना है कि Operation Sindoor एक शिकायत के जवाब में किया गया कानूनी और सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें आतंकवादी संगठन और उनके ठिकानों को निशाना बनाया गया था। भारत ने यह दावा किया कि नागरिक क्षेत्रों या मस्जिदों को लक्षित नहीं किया गया।
पाकिस्तान एवं JeM का एलान
पाकिस्तान और JeM ने इस हमले के दौरान नागरिक या गैर-लड़ाकू व्यक्तियों के नुकसान होने का आरोप लगाया है। Masood Azhar ने विशेष रूप से कहा है कि जिन बच्चों, महिलाओं और बूढ़ों का जिक्र है, वे निर्दोष थे। इस प्रकार Masood Azhar के परिवार की तबाही का वर्णन उन्होंने एक तरह की क्रूर साजिश के रूप में किया है।
Masood Azhar के परिवार की तबाही – अंतरराष्ट्रीय और कानूनी प्रभाव
मानवीय अधिकार और युद्ध कानून
इस तरह की स्वीकारोक्ता यह सवाल उठाती है कि क्या मानवीय अधिकार और युद्ध कानूनी मानकों का उल्लंघन हुआ है। जिन अधिकारों की बात होती है उनमें यह शामिल है कि सेना को युद्ध/सैन्य कार्रवाई करते समय गैर-लड़ाकू नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए, अनुपात (proportionality) का ध्यान रखना चाहिए और साक्ष्य-आधारित कार्रवाई करनी चाहिए।
Geopolitical प्रभाव और भारत-पाकिस्तान तनाव
Masood Azhar के परिवार की तबाही जैसी घटनाएँ भारत-पाकिस्तान के बीच पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ाती हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर मानवाधिकार संगठनों और मीडिया, ऐसी घटनाओं पर गौर करती है। इस तरह की स्वीकारोक्तियाँ दोनों देशों की बयानबाजी को प्रभावित करेंगी।
तथ्य-जाँचना: क्या सब कुछ स्पष्ट है?
मृतकों की संख्या और पहचान
Masood Azhar ने बताया कि करीब 10 परिवार सदस्यों और 4 सहयोगियों की मृत्यु हुई। लेकिन कुछ रिपोर्टों में “तुकड़ों में बिखरने” जैसा भारी शब्द इस्तेमाल किया गया है, जिसका अर्थ अल्प-सत्य, अतिशयोक्ति या भावनात्मक भाषा हो सकता है। तथ्य-जाँच अभी जारी है।
ऑपरेशन Sindoor के लक्ष्य और प्रभाव
Operation Sindoor के हथियारों और आश्रित ठिकानों की जानकारी अलग-अलग स्रोतों में मिलती है। भारत का कहना है कि यह अभियान आतंकवादी संरचनाओं के खिलाफ सटीक था। पाकिस्तान और JeM का दावा है कि इसमें नागरिक हानि हुई। अभी संयुक्त राष्ट्र या किसी स्वतंत्र जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है।
निष्कर्ष
Masood Azhar के परिवार की तबाही की स्वीकारोक्ति एक दुर्लभ और अहम मोड़ है। इस ग्रहणशील बयान ने पूरे Operation Sindoor की नैतिक, कानूनी और राजनीतिक जांच की जरूरत को और भी जरूरी बना दिया है।
जहाँ भारत अपनी सैन्य कार्रवाई को आतंकवाद-रोधी कदम बताता है, वहीं JeM और पाकिस्तान इस घटना को मानवाधिकार उल्लंघन और निर्दोष नागरिकों की हत्या मानते हैं।
भविष्य में यह देखा जाना है कि क्या कोई स्वतंत्र जांच होगी, क्या अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ेंगे, और Masood Azhar के परिवार की तबाही जैसी घटनाएँ भविष्य में दोबारा नहीं होंगी / रोकने की नीति बनेगी।
इसी बीच, जनता, मीडिया और अंतरराष्ट्रीय संगठन इस मामले की सत्यता और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। यह मामला सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि मानव संवेदनाओं, न्याय और कानून के बुनियादी सिद्धांतों से जुड़ा है।