Friday, October 17, 2025
Friday, October 17, 2025
HomeInternationalसुषिला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं, छह माह में होंगे...

सुषिला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं, छह माह में होंगे चुनाव

सुषिला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। उन्होंने अंतरिम सरकार का कार्यभार संभाला है और अगले छह महीनों में आम चुनाव कराए जाएंगे। यह नेपाल के लोकतंत्र और महिला सशक्तिकरण के लिए ऐतिहासिक क्षण है।

सुषिला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं, छह माह में होंगे आम चुनाव

नेपाल ने आज एक ऐतिहासिक पड़ाव पार कर लिया है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुषिला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं और शनिवार को उन्होंने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके नेतृत्व में अंतरिम सरकार अगले छह महीनों तक काम करेगी और इसी दौरान देश में आम चुनाव कराए जाएंगे।

यह क्षण न केवल नेपाल के लोकतंत्र के लिए बल्कि महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से भी ऐतिहासिक है। लंबे समय से पुरुष प्रधान राजनीति वाले नेपाल में पहली बार किसी महिला को शीर्ष कार्यकारी पद की जिम्मेदारी मिली है।

ऐतिहासिक उपलब्धि

सुषिला कार्की का यह कदम इसलिए भी खास है क्योंकि वह इससे पहले नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश भी रह चुकी हैं। 2016 में उन्होंने इस पद को संभाला था और न्यायपालिका में भ्रष्टाचार विरोधी कड़े फैसलों के लिए जानी जाती हैं। अब राजनीति की बागडोर संभालते हुए उन्होंने एक और कीर्तिमान स्थापित किया है।

उनके शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति, शीर्ष राजनीतिक दलों के नेता, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और विदेशी राजनयिक मौजूद रहे। समारोह को महिलाओं और युवाओं ने “नए युग की शुरुआत” बताया।

छह महीने में चुनाव

नेपाल का संविधान स्पष्ट करता है कि किसी भी अंतरिम सरकार का पहला और सबसे महत्वपूर्ण दायित्व समय पर चुनाव कराना होता है। सुषिला कार्की ने शपथ लेने के बाद कहा कि उनकी प्राथमिकता पारदर्शी और स्वतंत्र चुनाव कराना होगी।

चुनाव आयोग ने पहले ही अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। आयोग का कहना है कि देशभर में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीक और अतिरिक्त सुरक्षा बलों की मदद ली जाएगी।

सुषिला कार्की का सफर

सुषिला कार्की का जन्म बिराटनगर, नेपाल में हुआ था। उन्होंने राजनीति विज्ञान और कानून में स्नातक की पढ़ाई की और फिर न्यायपालिका से जुड़ीं।

  • 2016 में वह नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं।

  • अपने कार्यकाल में उन्होंने कई बड़े और साहसी फैसले सुनाए।

  • न्यायपालिका में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए उनकी सख्ती ने उन्हें जनता का भरोसा दिलाया।

उनके आलोचक कहते हैं कि वह अपने फैसलों में कठोर रुख अपनाती थीं, लेकिन समर्थकों का मानना है कि यही गुण उन्हें एक मजबूत और निष्पक्ष नेता बनाता है।

नेपाल की राजनीति में अस्थिरता

नेपाल पिछले कई वर्षों से राजनीतिक अस्थिरता से गुजर रहा है। गठबंधन सरकारें बार-बार टूटती रहीं और सत्ता परिवर्तन आम बात बन गई। इससे न केवल प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हुआ बल्कि विकास की गति भी धीमी पड़ गई।

ऐसे समय में सुषिला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनकर एक उम्मीद की किरण लेकर आई हैं। उनके सामने चुनौती होगी कि वह न केवल चुनाव तक राजनीतिक स्थिरता बनाए रखें, बल्कि जनता का भरोसा भी कायम रखें।

सुषिला कार्की का पहला संबोधन

शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में सुषिला कार्की ने कहा:

  • “यह केवल मेरा नहीं, बल्कि नेपाल की हर महिला का गौरव है।”

  • “हमारा लक्ष्य लोकतंत्र को मजबूत करना और समय पर चुनाव कराना है।”

  • “नेपाल शांति, समावेश और विकास की दिशा में आगे बढ़ेगा।”

उनकी इस घोषणा ने आम जनता और विशेषकर महिलाओं में उत्साह भर दिया।

महिलाओं के लिए प्रेरणा

नेपाल जैसे परंपरागत समाज में महिलाओं की भूमिका अक्सर घरेलू दायरे तक सीमित मानी जाती रही है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में स्थिति बदल रही है। राजनीति, न्यायपालिका और सेना जैसे क्षेत्रों में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं।

सुषिला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनकर आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी हैं। उनका यह कदम महिलाओं को यह संदेश देता है कि वे भी देश की बागडोर संभाल सकती हैं।

विशेषज्ञों की राय

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कार्की का अंतरिम प्रधानमंत्री बनना नेपाल की राजनीति में नया अध्याय खोलेगा।

  • कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि उनकी छवि निष्पक्ष और सख्त प्रशासक की है, जो चुनाव को पारदर्शी बनाने में मदद करेगी।

  • वहीं, आलोचकों का कहना है कि राजनीति और न्यायपालिका अलग क्षेत्र हैं, इसलिए उन्हें राजनीतिक समीकरणों को संभालने में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व

नेपाल का यह फैसला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बना है। दक्षिण एशिया में महिला नेतृत्व की कमी रही है। भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों ने महिला प्रधानमंत्रियों को देखा है, लेकिन नेपाल में यह पहली बार हुआ है।

विदेशी राजनयिकों का मानना है कि यह कदम नेपाल की वैश्विक छवि को मजबूत करेगा और महिला नेतृत्व को बढ़ावा देगा।

निष्कर्ष

सुषिला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रच चुकी हैं। उनका अंतरिम कार्यकाल भले ही छह महीने का हो, लेकिन इस दौरान उनकी भूमिका बेहद अहम होगी। चुनाव संपन्न कराना, राजनीतिक स्थिरता बनाए रखना और जनता का भरोसा कायम रखना उनके सामने बड़ी चुनौतियाँ होंगी।

उनका यह कदम न केवल नेपाल की लोकतांत्रिक यात्रा में मील का पत्थर है बल्कि महिला सशक्तिकरण के लिए भी प्रेरणादायी उदाहरण है। आने वाले चुनाव तय करेंगे कि नेपाल किस दिशा में आगे बढ़ेगा, लेकिन इतना साफ है कि सुषिला कार्की का यह कार्यकाल इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगा।

संबंधित खबरें

Most Popular

HTML Snippets Powered By : XYZScripts.com