Saturday, October 18, 2025
Saturday, October 18, 2025
HomeNationalमाल्या-नीरव जैसे भगोड़ों को लाने की तैयारी: तिहाड़ जेल में ब्रिटिश एजेंसी...

माल्या-नीरव जैसे भगोड़ों को लाने की तैयारी: तिहाड़ जेल में ब्रिटिश एजेंसी की टीम, सिक्योरिटी को लेकर चर्चा

भारत सरकार द्वारा भगोड़े आर्थिक अपराधियों की वापसी के प्रयासों के तहत, ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की टीम ने दिल्ली की तिहाड़ जेल का दौरा किया। इस दौरान, उच्च सुरक्षा वार्ड की स्थिति और कैदियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं का मूल्यांकन किया गया।

माल्या-नीरव जैसे भगोड़ों को लाने की तैयारी – भारत सरकार ने आर्थिक अपराधों में दोषी ठहराए गए भगोड़ों को देश वापस लाने के लिए विशेष तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस क्रम में ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की एक टीम ने दिल्ली की तिहाड़ जेल का दौरा किया।

ब्रिटिश टीम ने तिहाड़ जेल के उच्च सुरक्षा वार्ड का निरीक्षण किया और वहां की सुरक्षा व्यवस्था, कैदियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं और समग्र जेल की स्थिति का मूल्यांकन किया। टीम में दो CPS विशेषज्ञ और दो ब्रिटिश उच्चायोग के अधिकारी शामिल थे। उन्होंने जेल की परिस्थितियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के करीब बताया और कैदियों की सुरक्षा तथा सुविधा की समीक्षा की।

ब्रिटिश टीम का दौरा और निरीक्षण

ब्रिटिश टीम ने तिहाड़ जेल के उच्च सुरक्षा वार्डों का निरीक्षण करते हुए जेल अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। टीम ने जेल में सुरक्षा कैमरों, निगरानी प्रणालियों और सुरक्षा कर्मचारियों की तैनाती का मूल्यांकन किया। अधिकारियों ने टीम को आश्वस्त किया कि यदि आवश्यक हुआ, तो उच्च सुरक्षा वाले भगोड़ों के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे।

तिहाड़ जेल प्रशासन ने टीम को बताया कि वे उच्च जोखिम वाले कैदियों की निगरानी के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत किया गया है और डिजिटल निगरानी प्रणालियों के जरिए किसी भी असामान्य गतिविधि पर तत्काल कार्रवाई संभव है।

भगोड़े आर्थिक अपराधियों की वापसी की तैयारी

भारत सरकार ने पिछले कुछ सालों में विजय माल्या, नीरव मोदी और अन्य भगोड़ों की वापसी के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें प्रत्यर्पण आवेदन, ब्रिटिश अधिकारियों से सहयोग और कानूनी प्रक्रियाओं का समुचित पालन शामिल है।

हालांकि, नीरव मोदी और विजय माल्या की प्रत्यर्पण प्रक्रिया में कानूनी अड़चनें आई हैं, लेकिन भारत सरकार ने लगातार ब्रिटेन से सहयोग लिया है। अधिकारियों का कहना है कि माल्या-नीरव जैसे भगोड़ों को लाने की तैयारी जारी है और सभी सुरक्षा और कानूनी व्यवस्थाएं पूरी हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल भारत की कानूनी कार्रवाई की साख को मजबूत करेगा, बल्कि विदेशों में अपराधियों के खिलाफ सख्त संदेश भी देगा।

भारत-ब्रिटेन सहयोग

ब्रिटिश टीम का दौरा भारत और ब्रिटेन के बीच सहयोग और आपसी विश्वास को मजबूत करने वाला संकेत है। दोनों देशों ने यह सुनिश्चित किया कि प्रत्यर्पण प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित हो। भारत सरकार ने उच्च सुरक्षा वाले भगोड़ों की तिहाड़ जेल में आने से पहले सुरक्षा उपायों को पूरी तरह जांचा।

इस दौरे के दौरान टीम ने जेल अधिकारियों से न केवल सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की बल्कि कैदियों के कल्याण और सुविधा की भी जानकारी प्राप्त की। यह कदम दर्शाता है कि दोनों देश आर्थिक अपराधियों को कानून के तहत न्याय दिलाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

निष्कर्ष

माल्या-नीरव जैसे भगोड़ों को लाने की तैयारी वर्तमान में भारत की कानूनी और कूटनीतिक प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है। ब्रिटिश टीम का तिहाड़ जेल का दौरा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। भारत सरकार ने उच्च सुरक्षा वाले कैदियों के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए हैं और उम्मीद है कि जल्द ही विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधी देश वापस आएंगे।

संबंधित खबरें

Most Popular

HTML Snippets Powered By : XYZScripts.com