PM मोदी ने दी Eid-e-Milad-un-Nabi और Teachers’ Day की शुभकामनाएं, बोले- करुणा और शिक्षा ही भविष्य की नींव
दो महत्वपूर्ण अवसर एक ही दिन
इस वर्ष का 5 सितंबर देश और समाज के लिए खास बन गया क्योंकि इसी दिन दो अहम अवसर एक साथ मनाए गए। एक ओर मुस्लिम समुदाय ने Eid-e-Milad-un-Nabi का पर्व मनाया, जो पैगंबर मोहम्मद ﷺ की जयंती के रूप में मनाया जाता है। वहीं दूसरी ओर पूरा भारत Teachers’ Day के रूप में अपने गुरुजनों को सम्मान देने में जुटा रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों अवसरों पर देशवासियों को बधाई दी और एक साझा संदेश दिया—“करुणा और शिक्षा ही भविष्य की असली नींव हैं।”
Eid-e-Milad-un-Nabi पर संदेश
Eid-e-Milad-un-Nabi मुस्लिम समाज का एक पवित्र पर्व है। यह दिन पैगंबर मोहम्मद ﷺ के जीवन, उनके आदर्शों और उनकी शिक्षाओं को याद करने का अवसर देता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि यह पर्व समाज को शांति, सेवा और करुणा की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।
उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा—
“Milad-un-Nabi के पावन अवसर पर देशवासियों को बधाई। यह दिन समाज में शांति और कल्याण लेकर आए। करुणा, सेवा और न्याय के मूल्य हमेशा हमारे जीवन का मार्गदर्शन करते रहें। ईद मुबारक!”
Teachers’ Day पर गुरुजनों को नमन
Teachers’ Day भारत के लिए गर्व का अवसर है। यह दिन देश के दूसरे राष्ट्रपति और महान दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं और उनके योगदान को नमन किया।
उन्होंने लिखा—
“सभी को, खासकर मेहनती शिक्षकों को, #TeachersDay की शुभकामनाएं! बच्चों के भविष्य को आकार देने में उनका योगदान अतुलनीय है। हम डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जीवन और विचारों को भी याद करते हैं, जिन्होंने शिक्षा को समाज की आत्मा माना।”
करुणा और शिक्षा का साझा संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों अवसरों को जोड़ते हुए कहा कि करुणा और शिक्षा ही वो दो स्तंभ हैं जिन पर भविष्य की मजबूत नींव रखी जा सकती है।
-
Milad-un-Nabi हमें करुणा, सेवा और न्याय का संदेश देता है।
-
Teachers’ Day हमें शिक्षा, ज्ञान और नैतिक मूल्यों के महत्व की याद दिलाता है।
दोनों मिलकर समाज को बेहतर बनाने और नागरिकों में सकारात्मकता लाने का रास्ता दिखाते हैं।
समाज और संस्कृति के लिए महत्व
-
धार्मिक समरसता:
मोदी का यह संदेश धार्मिक एकता का प्रतीक है। एक ओर मुस्लिम समुदाय के पर्व को मान्यता देना और दूसरी ओर शिक्षकों को सम्मान देना सामाजिक समरसता की मिसाल है। -
शिक्षा और नैतिकता का मूल्य:
Teachers’ Day का संदेश केवल गुरुजनों के सम्मान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बताता है कि शिक्षा ही हर राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति है। -
आध्यात्मिक और सामाजिक संतुलन:
Milad-un-Nabi और Teachers’ Day को एक साथ मनाना यह दर्शाता है कि समाज को आगे बढ़ाने के लिए आध्यात्मिक और शैक्षणिक मूल्यों का संतुलन जरूरी है।
पीएम मोदी के संदेश का राजनीतिक और सामाजिक महत्व
प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश केवल शुभकामनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक गहरा सामाजिक और राजनीतिक संकेत भी है।
-
उन्होंने दिखाया कि सरकार सभी धर्मों और परंपराओं का सम्मान करती है।
-
शिक्षा और गुरुजनों को प्राथमिकता देकर उन्होंने युवाओं और छात्रों को प्रेरित किया।
-
करुणा, सेवा और न्याय जैसे मूल्यों को रेखांकित कर उन्होंने राष्ट्रनिर्माण की दिशा में लोगों को जागरूक किया।
निष्कर्ष
Eid-e-Milad-un-Nabi और Teachers’ Day का एक साथ आना देशवासियों के लिए एक दुर्लभ संयोग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके का इस्तेमाल करते हुए एक ऐसा संदेश दिया, जिसमें धर्म और शिक्षा दोनों का संगम दिखा।
उनका यह कथन कि “करुणा और शिक्षा ही भविष्य की असली नींव हैं” केवल एक शुभकामना नहीं, बल्कि एक दृष्टिकोण है—जो यह बताता है कि समाज तभी मजबूत होगा जब उसमें न्याय, करुणा और शिक्षा का समन्वय होगा।
इस प्रकार, यह दिवस न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि राष्ट्र को दिशा देने वाला भी बन गया है।