PM Modi highlights need for global solidarity against terrorism — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान उन्होंने साफ कहा कि आतंकवाद आज की दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती है और इससे निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर सामूहिक प्रयास बेहद जरूरी हैं।
आतंकवाद पर वैश्विक एकजुटता का संदेश
पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान यह स्पष्ट किया कि आतंकवाद किसी एक देश या क्षेत्र की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि “दुनिया में शांति और स्थिरता तभी संभव है जब सभी देश आतंकवाद के खिलाफ मिलकर कार्रवाई करें।”
भारत-सिंगापुर रिश्तों पर चर्चा
वार्ता के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने भारत-सिंगापुर रिश्तों को और मज़बूत करने के लिए कई अहम मुद्दों पर विचार किया।
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व्यापार और निवेश: दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और निवेश के नए अवसरों पर चर्चा की।
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डिजिटल कनेक्टिविटी: भारत और सिंगापुर के बीच डिजिटल पेमेंट, फिनटेक और टेक्नोलॉजी सहयोग को मजबूत करने का संकल्प लिया गया।
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रक्षा और सुरक्षा सहयोग: समुद्री सुरक्षा और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों ने मिलकर काम करने पर जोर दिया।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत की भूमिका
मोदी ने कहा कि भारत हमेशा से शांति और सहयोग का पक्षधर रहा है। लेकिन आज जब आतंकवाद ने नए-नए रूप ले लिए हैं, तब केवल क्षेत्रीय प्रयास काफी नहीं होंगे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे G20 और UN में भी आतंकवाद के खिलाफ मजबूत कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया।
सिंगापुर PM की प्रतिक्रिया
सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने भी पीएम मोदी की बातों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि एशिया और पूरी दुनिया के लिए भारत एक भरोसेमंद साझेदार है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सिंगापुर भारत के साथ खड़ा रहेगा।
व्यापारिक सहयोग पर सहमति
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार फिलहाल लगभग 30 अरब डॉलर के स्तर पर है। बैठक में इसे अगले पांच वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया। इसके अलावा, इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन एनर्जी और डिजिटल इकोनॉमी में सहयोग को भी बढ़ाने पर सहमति बनी।
आतंकवाद पर भारत का कड़ा रुख
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि कुछ देश आतंकवाद को राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने परोक्ष रूप से पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि “आतंकवाद को शह देने वाले देशों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सख्त कदम उठाने होंगे।”
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग
बैठक में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता को लेकर भी बातचीत हुई। भारत और सिंगापुर ने इस बात पर सहमति जताई कि क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान होना चाहिए।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, PM Modi highlights need for global solidarity against terrorism बयान ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि भारत आतंकवाद को लेकर कितना गंभीर है। सिंगापुर के साथ यह साझेदारी न सिर्फ आर्थिक और तकनीकी सहयोग को मजबूत करेगी बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए भी अहम भूमिका निभाएगी। आने वाले समय में दोनों देशों के रिश्ते और गहरे होने की संभावना है।