Friday, October 17, 2025
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दिल्ली के कालकाजी मंदिर में प्रसाद को लेकर बड़ा विवाद: श्रद्धालुओं ने सेवादार की पीट-पीटकर की हत्या, इलाके में तनाव

दिल्ली के कालकाजी मंदिर में प्रसाद के बंटवारे को लेकर बड़ा विवाद हो गया। श्रद्धालुओं ने विवाद शांत कराने आए सेवादार राजेश शर्मा (35) की पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है और इलाके में तनाव को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मंदिर समिति और स्थानीय लोग घटना से आहत हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

राजधानी दिल्ली के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शुमार कालकाजी मंदिर में शुक्रवार देर रात एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। प्रसाद के बंटवारे को लेकर शुरू हुआ मामूली विवाद इतना बढ़ गया कि श्रद्धालुओं ने मिलकर एक सेवादार की पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस घटना से मंदिर परिसर और आसपास का इलाका दहशत और तनाव के माहौल में आ गया है।

घटना कैसे हुई?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शुक्रवार रात मंदिर परिसर में भीड़ काफी अधिक थी। मंदिर के भीतर श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद को लेकर आपसी धक्का-मुक्की और कहासुनी शुरू हो गई। इसी दौरान 35 वर्षीय राजेश शर्मा, जो लंबे समय से मंदिर में सेवादार के रूप में सेवा कर रहे थे, विवाद को शांत कराने के लिए आगे आए।

शुरुआत में राजेश ने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ में शामिल कुछ आक्रोशित श्रद्धालु उन पर ही चढ़ बैठे। देखते ही देखते स्थिति इतनी बिगड़ गई कि 4-5 लोगों ने मिलकर राजेश पर लाठी-डंडों और घूंसों से हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल अवस्था में राजेश को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही कालकाजी थाने की पुलिस मौके पर पहुँची और मंदिर परिसर से ही तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साथ ही मंदिर परिसर और आसपास के इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी प्रकार का साम्प्रदायिक या सामूहिक तनाव न फैले।

दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त (DCP) ने बताया कि,
“प्रसाद को लेकर विवाद बढ़ने पर सेवादार की पीट-पीटकर हत्या की गई है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि यह आपसी झगड़े का मामला है। हमने तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है और बाकी की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।”

मंदिर समिति की प्रतिक्रिया

कालकाजी मंदिर प्रबंधन समिति ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। समिति ने कहा कि मंदिर हमेशा से भक्ति और सेवा का प्रतीक रहा है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने माहौल को बिगाड़ दिया। समिति ने सरकार से मांग की है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कहा,
“राजेश पिछले 10 वर्षों से मंदिर में सेवा दे रहे थे। वे हर समय श्रद्धालुओं की मदद के लिए तैयार रहते थे। उनकी हत्या हम सभी के लिए गहरा आघात है।”

इलाके में तनाव, श्रद्धालुओं में आक्रोश

घटना की खबर फैलते ही आसपास के इलाके में तनाव फैल गया। सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय लोग मंदिर के बाहर जमा हो गए। लोग प्रशासन से आरोपियों को तुरंत सजा देने की मांग कर रहे हैं।

सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात है और मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश नियंत्रित किया गया है।

राजनीति भी गर्माई

इस घटना पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएँ भी सामने आने लगी हैं। विपक्ष ने इसे कानून-व्यवस्था की नाकामी बताया है, जबकि सरकार ने कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कहा,
“कालकाजी मंदिर जैसी पवित्र जगह पर इस तरह की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि धार्मिक स्थलों पर शांति और श्रद्धा का वातावरण बना रहे। पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।”

धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर उठे सवाल

इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दिल्ली जैसे महानगर में, जहाँ हर दिन लाखों श्रद्धालु मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर आते हैं, वहाँ पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन, सीसीटीवी निगरानी और पर्याप्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती अनिवार्य होनी चाहिए।

परिवार का दर्द

राजेश शर्मा के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवारवालों का कहना है कि राजेश केवल मंदिर की सेवा में ही नहीं बल्कि समाज सेवा में भी हमेशा आगे रहते थे। परिवार ने सरकार से मुआवजे और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है।


निष्कर्ष

कालकाजी मंदिर में हुआ यह प्रसाद विवाद केवल एक व्यक्ति की जान लेने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। धार्मिक स्थलों पर शांति और श्रद्धा की बजाय हिंसा का माहौल फैलना बेहद चिंताजनक है। यह समय है जब पुलिस, प्रशासन और समाज मिलकर यह सुनिश्चित करें कि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।

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