“गणपति बप्पा मोरया”: प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को गणेश चतुर्थी पर दी शुभकामनाएँ
पूरे देश में आज गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व, जिसे ‘विनायक चतुर्थी’ भी कहा जाता है, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं और भगवान गणेश से देश की प्रगति, समृद्धि और हर नागरिक के कल्याण की कामना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर अपने संदेश में लिखा – “गणपति बप्पा मोरया! गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ। यह पावन पर्व सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और नई ऊर्जा लेकर आए।” उनके इस संदेश पर हजारों लोगों ने प्रतिक्रिया दी और सोशल मीडिया पर “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारे गूंजने लगे।
देशभर में गणेशोत्सव की धूम
गणेश चतुर्थी का पर्व खासकर महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। जगह-जगह भव्य पंडाल सजाए गए हैं, रंग-बिरंगी रोशनी और सजावट से शहर जगमगा रहे हैं। पंडालों में गणपति की भव्य प्रतिमाएँ स्थापित की गई हैं और भक्त उनकी आराधना करने पहुँच रहे हैं।
महाराष्ट्र में तो गणेशोत्सव एक सांस्कृतिक उत्सव का रूप ले चुका है। छोटे से गाँव से लेकर बड़े महानगरों तक, हर जगह गणेशजी की प्रतिमा विराजमान होती है। खासतौर पर मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे शहरों में गणेश मंडलों की विशेष पहचान है।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश क्यों महत्वपूर्ण?
प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश केवल एक शुभकामना भर नहीं है, बल्कि यह त्योहारों की उस परंपरा को दर्शाता है जो देश को एकजुट करती है। गणेश चतुर्थी का पर्व केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मेलजोल का भी प्रतीक है।
मोदी ने अपने संदेश में “नई ऊर्जा” और “सुख-समृद्धि” की कामना करके देशवासियों को यह संदेश दिया कि कठिन परिस्थितियों में भी आशा और विश्वास बनाए रखना चाहिए। उनका यह संदेश युवाओं, किसानों, कामगारों और व्यापारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत माना जा रहा है।
गणेश चतुर्थी का धार्मिक महत्व
भगवान गणेश को ‘विघ्नहर्ता’ और ‘सिद्धिविनायक’ कहा जाता है। पुराणों के अनुसार, वे माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र हैं और सबसे पहले पूजा जाने वाले देवता माने जाते हैं। किसी भी शुभ कार्य या अनुष्ठान की शुरुआत गणेश पूजन से ही होती है।
गणेश चतुर्थी के दिन भक्त अपने घरों और पंडालों में गणेशजी की मूर्ति स्थापित करते हैं। 10 दिनों तक गणपति की पूजा, आरती, भजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। अंत में अनंत चतुर्दशी के दिन धूमधाम से गणेश विसर्जन किया जाता है।
धार्मिक अनुष्ठान और परंपराएँ
इस दिन सुबह स्नान कर भक्त गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करते हैं। उन्हें दूर्वा, मोदक, लड्डू, फल और फूल अर्पित किए जाते हैं। माना जाता है कि गणेशजी को मोदक बहुत प्रिय है, इसलिए हर जगह गणपति के भोग में मोदक जरूर शामिल होता है।
पंडालों में दिनभर भजन-कीर्तन, नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। बच्चे और युवा इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं।
वैश्विक स्तर पर भी मनाया जाता है उत्सव
आज गणेश चतुर्थी केवल भारत में ही नहीं, बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका जैसे देशों में बसे भारतीय समुदाय भी पूरे उत्साह से इसे मनाते हैं। भारतीय प्रवासी समुदाय गणपति की स्थापना कर इस पर्व को अपनी सांस्कृतिक पहचान से जोड़ता है। इस बार भी विदेशों में बसे भारतीयों ने सोशल मीडिया पर अपने उत्सव की झलकियाँ साझा की हैं।
सोशल मीडिया पर ‘गणपति बप्पा मोरया’ ट्रेंड
गणेश चतुर्थी पर प्रधानमंत्री मोदी का संदेश आते ही सोशल मीडिया पर #GaneshChaturthi2025 और #GanpatiBappaMorya ट्रेंड करने लगे। लाखों लोगों ने शुभकामनाओं के साथ फोटो और वीडियो साझा किए। कई बॉलीवुड और खेल जगत की हस्तियों ने भी देशवासियों को बधाई दी।
✨ निष्कर्ष
आज का दिन केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश देशवासियों को एकता और सकारात्मक ऊर्जा का संदेश देता है।
गणपति बप्पा की पूजा से जीवन में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं और नए अवसरों के द्वार खुलते हैं। यही कारण है कि गणेश चतुर्थी केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और एकजुटता का प्रतीक बन चुकी है।
गणपति बप्पा मोरया! मंगल मूर्ति मोरया!