INS उदयगिरि और हिमगिरि: भारतीय नौसेना में आज शामिल हो रही स्वदेशी स्टील्थ फ्रिगेट्स
आज भारतीय नौसेना के लिए गौरवशाली दिन है। दो अत्याधुनिक स्वदेशी स्टील्थ फ्रिगेट्स, INS उदयगिरि (F35) और INS हिमगिरि (F34) को विशाखापत्तनम में एक साथ कमीशन किया जा रहा है—यह नौसेना के इतिहास में पहली बार ऐसा कार्य है। इस आयोजन की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे।
फ्रिगेट्स की खास बातें और तकनीकी क्षमताएं
Project 17A के अंतर्गत निर्मित ये फ्रिगेट्स स्वदेशी डिजाइन और निर्माण का प्रतीक हैं, जिन्हें भारतीय नौसेना के Warship Design Bureau ने तैयार किया है। खास बात यह है कि INS उदयगिरि इस ब्यूरो का सौवां डिज़ाइन है, जो आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी उपलब्धि है।
INS उदयगिरि को मुंबई स्थित Mazagon Dock Shipbuilders Ltd ने निर्मित किया है, जबकि INS हिमगिरि का निर्माण कोलकाता की Garden Reach Shipbuilders & Engineers (GRSE) ने पूरा किया—दो अलग-अलग शिपयार्ड से बनकर ये दोनों फ्रिगेट्स आज साथ में शामिल हो रहे हैं।
Specifications (विशेष तकनीकी विवरण):
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वज़न: लगभग 6,700 टन
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प्रणालन प्रणाली: Combined Diesel-Or-Gas (CODOG)
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प्रबंधन प्रणाली: Integrated Platform Management System (IPMS)
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हथियार: सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलें, LRSAM (लॉन्ग रेंज सतह-से-वायु मिसाइल), बारक-8, ASW सिस्टम, 76 mm मुख्य गन, क्लोज़-इन वपन्स आदि
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रडार व स्टील्थ: सीमित रडार अक्षांश और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियाँ
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कर्मचारियों की क्षमता: लगभग 225 कर्मियों की टीम
“मेक इन इंडिया” और खुद निर्भरता का प्रतीक
ये फ्रिगेट्स न केवल नौसेना की ताकत को बढ़ाते हैं, बल्कि ‘Aatmanirbhar Bharat’ और ‘Make in India’ अभियानों की सफलता का भी प्रतीक हैं। इनके निर्माण में लगभग 200 MSMEs शामिल हैं, जो हजारों प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष नौकरियाँ प्रदान करते हैं—लगभग 15,000 रोजगार सृजित हुए हैं।
परियोजना की पृष्ठभूमि और वर्ग
ये दोनों जहाज Nilgiri-class (Project 17A) से संबंधित हैं, जो पूर्ववर्ती Shivalik-class के उन्नत संस्करण हैं। फ्रिगेट्स बाल्क निर्माण (Integrated construction) की तकनीक से बनाए गए हैं, जिससे निर्माण अवधि कम होती है और गुणवत्ता बेहतर रहती है।
पुराने नामों का इतिहास:
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पहले के नामधारी जहाज INS Udaygiri (1976–2007) और INS Himgiri (1974–2005) ने कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में भाग लिया। नई फ्रिगेट्स उनकी विरासत को आगे बढ़ाती हैं। INS Udaygiri पूर्वी नौसेना (Sunrise Fleet), और INS Himgiri पश्चिमी नौसेना कमांड में शामिल की जाएँगी।
सात फ्रिगेट्स की योजना और भविष्य की दिशा
Project 17A के कुल सात फ्रिगेट्स बनाए जा रहे हैं। NILGIRI, UDAYGIRI, TARAGIRI, MAHENDRAGIRI (MDL द्वारा) और HIM GIRI, DUNAGIRI, VINDHYAGIRI (GRSE द्वारा)। इसके बाद Project 17B (Next-gen frigates) की योजना आगे बढ़ रही है, जो और भी उन्नत तकनीक वाले जहाज होंगे।
भारतीय नौसेना शक्ति की ओर एक कदम
ये फ्रिगेट्स भारतीय नौसेना की क्षमता को ब्लू-वाटर ऑपरेशन्स, सतह और वायु रक्षा, ASW (त्वरित विघटन युद्ध) जैसे क्षेत्रों में एक नई ऊँचाई देंगे। चीन की बढ़ती मौजूदगी से मुकाबले के लिए यह एक मजबूत कदम है।
निष्कर्ष
आज की कमीशनिंग न केवल भारतीय नौसेना का बल बढ़ाती है, बल्कि देश के रक्षा आत्मनिर्भरता, तकनीकी क्षमता, और डिफेंस मन्यूफैक्चरिंग के सामर्थ्य की गवाही भी देती है। INS Udaygiri और INS Himgiri का एक साथ शामिल होना एक प्रतीकात्मक और रणनीतिक घटना है, जो भारत को एक मजबूत समुद्री शक्ति बनाकर उभरने के मार्ग पर अग्रसर करता है।